यशायाह 66:4 - पवित्र बाइबल4 इसलिये मैंने यह निश्चय किया है कि मैं उनकी जूती उन्हीं के सिर करूँगा। मेरा यह मतलब है कि मैं उनको दण्ड दूँगा उन वस्तुओं को काम में लाते हुये जिनसे वे बहुत डरते हैं। मैंने उन लोगों को पुकारा था किन्तु उन्होंने नहीं सुना। मैंने उनसे बोला था किन्तु उन्होंने सुना ही नहीं। इसलिये अब मैं भी उनके साथ ऐसा ही करूँगा। वे लोग उन सभी बुरे कामों को करते रहे हैं जिनको मैंने बुरा बताया था। उन्होंने ऐसे काम करने को चुने जो मुझको नहीं भाते थे।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible4 इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूंगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊंगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्होंने अपनाया॥ तुम जो यहोवा का वचन सुनकर थरथराते हो यहोवा का यह वचन सुनो: अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)4 इसलिए मैं भी उनके लिए विपत्ति चुनूंगा; जिन बातों से वे डरते हैं; उन्हीं को मैं उन पर लाऊंगा। मैंने उनको पुकारा था, पर उन्होंने मुझे उत्तर नहीं दिया; जब मैं उनसे बोला, तो उन्होंने नहीं सुना : किन्तु उन्होंने वही किया जो मेरी दृष्टि में बुरा था; उन्होंने उसको पसन्द किया, जो मुझे नापसन्द था।’ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)4 इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूँगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊँगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्होंने अपनाया।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल4 अतः उनके लिए दंड मैं निर्धारित करके उन्हें वही दंड दूंगा, जो उनके लिए कष्ट से भरा होगा. क्योंकि जब मैंने बुलाया, तब किसी ने उत्तर नहीं दिया, जब मैंने उनसे बात की, तब उन्होंने सुनना न चाहा. उन्होंने वही किया जो मेरी दृष्टि में बुरा है, और उन्होंने वही चुना जो मुझे अच्छा नहीं लगता.” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20194 इसलिए मैं भी उनके लिये दुःख की बातें निकालूँगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊँगा; क्योंकि जब मैंने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैंने उनसे बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिससे मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्होंने अपनाया।” अध्याय देखें |
जब मैं घर आया था, मैंने वहाँ किसी को नहीं पाया। मैंने बार—बार पुकारा किन्तु किसी ने उत्तर नहीं दिया। क्या तुम सोचते हो कि तुमको मैं नहीं बचा सकता हूँ मैं तुम्हारी विपत्तियों से तुम्हें बचाने की शक्ति रखता हूँ। देखो, यदि मैं समुद्र को सूखने को आदेश दूँ तो वह सूख जायेगा। मछलियाँ प्राण त्याग देंगी क्योंकि वहाँ जल न होगा और उनकी देह सड़ जायेंगी।
किन्तु तुम्हारे भाग्य का निर्धारण तो मैं करता हूँ। मैं तलवार से तुम्हें दण्ड दूँगा। जो तुम्हें दण्ड देगा, तुम सभी उसके आगे मिमिआने लगोगे। मैंने तुम्हें पुकारा किन्तु तुमने कोई उत्तर नहीं दिया। मैंने तुमसे बातें कीं किन्तु तुमने सुना तक नहीं। तुम उन कामों को ही करते रहे जिन्हें मैंने बुरा कहा था। तुमने उन कामों को करने की ही ठान ली जो मुझे अच्छे नहीं लगते थे।”
किन्तु मैं उन्हें उत्तर दूँगा। मैं उन्हें दण्ड दूँगा! तुम्हें उन लोगों से यह कह देना चाहिये, ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता हैं: यदि कोई इस्राएली व्यक्ति नबी के पास आता है और मुझसे राय पाने के लिये कहता है तो वह नबी उस व्यक्ति को उत्तर नहीं देगा। उस व्यक्ति के प्रश्न का उत्तर मैं स्वयं दूँगा। मैं उसे तब भी उत्तर दूँगा यदि उसने गन्दी देवमूर्तियाँ रखी हैं, यदि वह उन चीजों को रखता है जो उससे पाप कराती हैं, और यदि वह तब तक उन मूर्तियों की पूजा करता है। उसकी सारी गन्दी देवमूर्तियों के होते हुए भी मैं उससे बात करुँगा।