19 दो जोड़े विपत्ति यरूशलेम पर टूट पड़ी हैं, लूटपाट और अनाज की परेशानी तथा भयानक भूख और हत्याएँ। जब तू विपत्ति में पड़ी थी, किसी ने भी तुझे सहारा नहीं दिया, किसी ने भी तुझ पर तरस नहीं खाया।
अय्यूब के तीन मित्र थे:तेमानी का एलीपज, शूही का बिलदद और नामाती का सोपर। इन तीनों मित्रों ने अय्यूब के साथ जो बुरी घटनाएँ घटी थीं, उन सब के बारे में सुना। ये तीनों मित्र अपना—अपना घर छोड़कर आपस में एक दूसरे से मिले। उन्होंने निश्चय किया कि वे अय्यूब के पास जा कर उसके प्रति सहानुभूति प्रकट करें और उसे ढाढस बँधायें।
अय्यूब के सभी भाई और बहनें अय्यूब के घर वापस आ गये और हर कोई जो अय्यूब को पहले जानता था, उसके घर आया। अय्यूब के साथ उन सब ने एक बड़ी दावत में खाना खाया। क्योंकि यहोवा ने अय्यूब को बहुत कष्ट दिये थे, इसलिये उन्होंने अय्यूब को सान्त्वना दी। हर किसी व्यक्ति ने अय्यूब को चाँदी का एक सिक्का और सोने की एक अंगूठी भेंट में दीं।
निन्दा ने मुझको चकनाचूर कर दिया है! बस निन्दा के कारण मैं मरने पर हूँ। मैं सहानुभूति की बाट जोहता रहा, मैं सान्त्वना की बाट जोहता रहा, किन्तु मुझको तो कोई भी नहीं मिला।
मैंने फिर यह भी देखा है कि कुछ लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। मैंने उनके आँसू देखे हैं और फिर यह भी देखा है कि उन दुःखी लोगों को ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है। मैंने देखा है कि कठोर लोगों के पास समूची शक्ति है और ये लोग जिन लोगों को क्षति पहुँचाते हैं उन्हें ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है।
किन्तु मेरे दीन जन सुरक्षा पूर्वक खाते पीते रह पायेंगे। उनकी संतानें भी सुरक्षित रहेंगी। मेरे दीन जन, सो सकेंगे और सुरक्षित अनुभव करेंगे। किन्तु तुम्हारे परिवार को मैं भूख से मार डालूँगा और तुम्हारे सभी बचे हुए लोग मर जायेंगे।
ये दो बातें तेरे साथ में घटित होंगी: प्रथम, तेरे बच्चे तुझसे छूट जायेंगे और फिर तेरा पति भी तुझसे छूट जायेगा। हाँ, ये बातें तेरे साथ अवश्य घटेंगी। तेरे सभी जादू और शक्तिशाली टोने तुझको नहीं बचा पायेंगे।
“हे नगरी, हे दुखियारी! तुझको तुफानों ने सताया है और किसी ने तुझको चैन नहीं दिया है। मैं तेरा मूल्यवान पत्थरों से फिर से निर्माण करूँगा। मैं तेरी नींव फिरोजें और नीलम से धरूँगा।
तेरे देश में हिंसा और तेरी सीमाओं में तबाही और बरबादी कभी नहीं सुनाई पड़ेगी। तेरे देश में लोग फिर कभी तेरी वस्तुएँ नहीं चुरायेंगे। तू अपने परकोटों का नाम ‘उद्धार’ रखेगा और तू अपने द्वारों का नाम ‘स्तुति’ रखेगा।
यदि तुम उन गलत आज्ञाओं पर चलोगे, तो तुम्हारे देश पर विपत्ति आयेगी और भूखमरी फैलेगी। लोग भूखे मरेंगे। फिर वे क्रोधित होंगे और अपने राजा और अपने देवताओं के विरुद्ध बातें कहेंगे। इसके बाद वे सहायता के लिये परमेश्वर की ओर निहारेंगे।
तब उनके आस पास, जो भी कुछ होगा, वे उसे जब दाहिनी ओर से लेंगे, या बाई ओर से लेंगे, भूखे ही रहेंगे। फिर वे लोग आपस में अपने ही परिवार के लोगों को खाने लगेंगे।
मैं उनके विरुद्ध तलवारें, भूखमरी और बीमारियाँ भेजूँगा। मैं उन पर तब तक आक्रमण करुँगा जब तक कि वे सभी मर नहीं जाते। तब मे भविष्य में उस भूमि पर नहीं रहेंगे जिसे मैंने इनको तथा इनके पूर्वजों को दिया था।”
मार्ग से होते हुए जब तुम सभी लोग मेरे पास से गुजरते हो तो ऐसा लगता है जैसे ध्यान नहीं देते हो। किन्तु मुझ पर दृष्टि डालो और जरा देखो, क्या कोई ऐसी पीड़ा है जैसी पीड़ा मुझको है क्या ऐसा कोई दु:ख है जैसा दु:ख मुझ पर पड़ा है क्या ऐसा कोई कष्ट है जैसे कष्ट का दण्ड यहोवा ने मुझे दिया है उसने अपने कठिन क्रोध के दिन पर मुझको दण्डित किया है।
यरूशलेम के वस्त्र गंदे थे। उसने नहीं सोचा था कि उसके साथ क्या कुछ घटेगा। उसका पतन विचित्र था, उसके पास कोई नहीं था जो उसको शांति देता। वह कहा करती है, “हे यहोवा, देख मैं कितनी दु:खी हूँ! देख मेरा शत्रु कैसा सोच रहा है कि वह कितना महान है!”
परमेश्वर ने कहा, “या, मैं उस पूरे प्रदेश में जंगली जानवरों को भेज सकता हूँ और वे जानवर सभी लोगों को मार सकते हैं। जंगली जानवरों के कारण उस देश से होकर कोई व्यक्ति यात्रा नहीं करेगा।
तब मेरे स्वामी यहोवा ने कहा, “इसलिये सोचो कि यरूशलेम के लिये यह कितना बुरा होगा, मैं उस नगर के विरुद्ध उन चारों दण्डों को भेजूँगा! मैं शत्रु—सेना, भूखमरी, महामारी और जंगली उस नगर के विरुद्ध भेजूँगा। मैं उस देश से सभी लोगों और जानवरों को निकाल बाहर करूँगा!
टिड्डियों ने देश की सारी घास खा डाली। उसके बाद मैंने कहा, “मेरे स्वामी यहोवा, मैं प्रार्थना करता हूँ, हमें क्षमा कर! याकूब बच नहीं सकता! वह अत्यन्त छोटा है!”
इससे हमें प्रोत्साहन मिला है। हमारे इस प्रोत्साहन के अतिरिक्त तितुस के आनन्द से हम और अधिक आनन्दित हुए, क्योंकि तुम सब के कारण उसकी आत्मा को चैन मिला है।