24 जब कोई शक्तिशाली योद्धा युद्ध में जीतता है तो क्या कोई उसकी जीती हुई वस्तुओं को उससे ले सकता है जब कोई विजेता सैनिक किसी बन्दी पर पहरा देता है, तो क्या कोई पराजित बन्दी बचकर भाग सकता है
“जो बुरी घटनायें हमारे साथ घटीं वे हमारी अपनी गलतियों से घटीं। हम लोगों ने पाप के काम किये हैं और हम लोग बहुत अपराधी हैं। किन्तु हमारे परमेश्वर, तूने हमें उससे बहुत कम दण्ड दिया है जितना हमें मिलना चाहिये। हम लोगों ने बड़े भयानक काम किये हैं और हम लोगों को इससे अधिक दण्ड मिलना चाहिये। ऐसा होते हुए भी तूने हमारे लोगों में से कुछ को बन्धुवाई से मुक्त हो जाने दिया है।
हाँ, हम दास थे, किन्तु तू हमें सदैव के लिए दास नहीं रहने देना चाहता था। तू हम पर कृपालु था। तूने फारस के राजाओं को हम पर कृपालु बनाया। तेरा मन्दिर ध्वस्त हो गया था। किन्तु तूने हमें नया जीवन दिया जिससे हम तेरे मन्दिर को फिर बना सकते हैं और नये की तरह पक्का कर सकते हैं। परमेश्वर, तूने हमें यरूशलेम और यहूदा की रक्षा के लिये परकोटे बनाने में सहायता की।
इस धरती की फसल है भरपूर किन्तु पाप किये हमने सो हमारी उपज जाती है पास उन राजाओं के जिनको तूने बिठाया है सिर पर हमारे। हम पर और पशुओं पर हमारे वे राजा राज करते हैं वे चाहते हैं जैसा भी वैसा ही करते हैं। हम हैं बहुत कष्ट में।
किन्तु दूसरे लोगों की ओर देखो। दूसरे लोगों ने उनको हरा दिया और जो कुछ उनका था, छीन लिया। काल कोठरियों में वे सब फँसे हैं, कारागरों के भीतर वे बन्दी हैं। लोगों ने उनसे उनका धन छीन लिया है और कोई व्यक्ति ऐसा नहीं जो उनको बचा ले। दूसरे लोगों ने उनका धन छीन लिया और कोई व्यक्ति ऐसा नहीं जो कहे “इसको वापस करो!”
शत्रु गरजता है, और उनका गर्जन सिंह की दहाड़ के जैसा है। वह इतना तीव्र है जितना जवान सिंह का गर्जन। शत्रु जिनके विरुद्ध युद्ध कर रहा है उनके ऊपर गुरर्ा़ता है और उन पर झपट पड़ता है। वह उन्हें वहाँ से घसीट ले जाता है और वहाँ उन्हें बचाने वाला कोई नहीं होता। किन्तु उनके बच पाने की कोई वजह नहीं।
इसलिए मैं उसे बहुतों के साथ पुरस्कार का सहभागी बनाऊँगा। वह इस पुरस्कार को विजेताओं के साथ ग्रहण करेगा। क्यों क्योंकि उसने अपना जीवन दूसरों के लिए दे दिया। उसने अपने आपको अपराधियों के बीच गिना जाने दिया। जबकि उसने वास्तव में बहुतेरों के पापों को दूर किया और अब वह पापियों के लिए प्रार्थना करता है।
तब मेरे स्वामी यहोवा ने मुझसे कहा, “मनुष्य के पुत्र, ये हड्डियाँ इस्राएल के पूरे परिवार की तरह हैं! इस्राएल के लोग कहते है, हमारी हड्डियाँ सूख गई है, ‘हमारी आशा समाप्त है। हम पूरी तरह नष्ट किये जा चुके हैं।’
तब मेरे स्वामी यहोवा ने मुझसे कहा, “मनुष्य के पुत्र, क्या यह हड्डियाँ जीवित हो सकती हैं” मैंने उत्तर दिया, “मेरे स्वामी यहोवा, उस प्रश्न का उत्तर केवल तू जानता है।”
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “नीनवे, मैं तेरे विरूद्ध हूँ! मैं तेरे रथों को युद्ध में जला दूँगा। मैं तेरे ‘जवान सिंहों’ की हत्या करूँगा। तू फिर कभी इस धरती पर कोई भी अपना शिकार मार नहीं पायेगा। लोग फिर कभी तेरे हरकारों को नहीं सुनेंगे।”
“किसी शक्तिशाली के मकान में घुसकर उसके माल-असवाब को लूट कर निश्चय ही कोई तब तक नहीं ले जा सकता जब तक सबसे पहले वह उस शक्तिशाली व्यक्ति को बाँध न दे। ऐसा करके ही वह उसके घर को लूट सकता है।