यशायाह 46:7 - पवित्र बाइबल7 वे लोग झूठे देवता को अपने कन्धों पर रख कर ले चलते हैं। वह झूठा देवता तो बेकार है। लोगों को उसे ढोना पड़ता है। लोग उस झूठे देवता को धरती पर स्थापित करते हैं। किन्तु वह झूठा देवता हिल—डुल भी नहीं पाता। वह झूठा देवता अपने स्थान से चल कर कहीं नहीं जाता। लोग उसके सामने चिल्लाते हैं किन्तु वह कभी उत्तर नहीं देगा। वह झूठा देवता तो बस मूर्ति है। वह लोगों को उनके कष्टों से नहीं उबार सकता। अध्याय देखेंHindi Holy Bible7 वे उसको कन्धे पर उठा कर लिए फिरते हैं, वे उसे उसके स्थान में रख देते और वह वहीं खड़ा रहता है; वह अपने स्थान से हट नहीं सकता; यदि कोई उसकी दोहाई भी दे, तौभी न वह सुन सकता है और न विपत्ति से उसका उद्धार कर सकता है॥ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)7 वे उसको कंधों पर उठा कर ले जाते और उसको उसके स्थान पर प्रतिष्ठित कर देते हैं; मूर्ति वहाँ खड़ी रहती है। जब उसके उपासक सहायता के लिए उसे पुकारते हैं, तब वह उनको उत्तर नहीं देती है, वह अपने उपासकों को संकट से नहीं बचाती है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)7 वे उसको कन्धे पर उठाकर लिए फिरते हैं, वे उसे उसके स्थान में रख देते और वह वहीं खड़ा रहता है; वह अपने स्थान से हट नहीं सकता; यदि कोई उसकी दोहाई भी दे, तौभी न वह सुन सकता है और न विपत्ति से उसका उद्धार कर सकता है। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल7 वे इस मूर्ति को अपने कंधे पर लेकर जाते हैं; और उसे उसके स्थान पर रख देते हैं और वह वहीं खड़ी रहती है. वह मूर्ति अपनी जगह से हिलती तक नहीं. कोई भी उसके पास खड़ा होकर कितना भी रोए, उसमें उत्तर देने की ताकत नहीं; उसकी पीड़ा से उसे बचाने की ताकत उसमें नहीं है! अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20197 वे उसको कंधे पर उठाकर लिए फिरते हैं, वे उसे उसके स्थान में रख देते और वह वहीं खड़ा रहता है; वह अपने स्थान से हट नहीं सकता; यदि कोई उसकी दुहाई भी दे, तो भी न वह सुन सकता है और न विपत्ति से उसका उद्धार कर सकता है। अध्याय देखें |
अत: नबियों ने उस बैल को लिया जो उन्हें दिया गया। उन्होंने उसे तैयार किया। उन्होंने दोपहर तक बाल से प्रार्थना की। उन्होंने प्रार्थना की, “बाल, कृपया हमें उत्तर दे!” किन्तु कोई आवाज नहीं आई। किसी ने कोई उत्तर नहीं दिया। नबी उस वेदी के चारों ओर नाचते रहे जिसे उन्होंने बनाया था। किन्तु आग फिर भी नहीं लगी।
मूर्ति बनानें के लिए एक कारीगर लकड़ी काट रहा है। फिर वह व्यक्ति सुनार को उत्साहित कर रहा है। एक कारीगर हथौड़ें से धातु का पतरा बना रहा है। फिर वह कारीगर निहायी पर काम करनेवाले व्यक्ति को प्रेरित कर रहा है। यह अखिरी कारीगर कह रहा है, काम अच्छा है किन्तु यह धातु पिंड कहीं उखड़ न जाये। इसलिए इस मूर्ति को आधार पर कील से जड़ दों! उससे मूर्ति गिरेगी नहीं, वह कभी हिलडुल तक नहीं पायेगो।”
कोई एक कारीगर कोयलों पर लोहे को तपाने के लिए अपने औजारों का उपयोग करता है। यह व्यक्ति धातु को पीटने के लिए अपना हथौड़ा काम में लाता है। इसके लिए वह अपनी भुजाओं की शक्ति का प्रयोग करता है। किन्तु उसी व्यक्ति को जब भूख लगती है, उसकी शक्ति जाती रहती है। वही व्यक्ति यदि पानी न पिये तो कमज़ोर हो जाता है।