तब वे बेन्हदद के अन्य सन्देश के साथ लौटे। सन्देश यह था, “मैं शोमरोन को पूरी तरह नष्ट करूँगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि उस नगर का कुछ भी नहीं बचेगा। उस नगर का इतना कुछ भी नहीं बचेगा कि वह हमारे व्यक्तियों के लिये नगर की यादगार के रूप में अपने घर ले जाने को पर्याप्त हो। परमेश्वर मुझे नष्ट कर दे यदि मैं ऐसा करूँ।”
अश्शूर का राजा कहा करता है, “मैं बहुत बुद्धिमान हूँ। मैंने स्वयं अपनी बुद्धि और शक्ति से अनेक महान कार्य किये हैं। मैंने बहुत सी जातियों को हराया है। मैंने उनका धन छीन लिया है और उनके लोगों को दास बना लिया है। मैं एक बहुत शक्तिशाली व्यक्ति हूँ।
मैंने स्वयं अपने हाथों से उन सब लोगों की धन दौलत ऐसे ले ली है जैसे कोई व्यक्ति चिड़ियाँ के घोंसले से अण्डे उठा लेता है। चिड़ियाँ जो प्राय: अपने घोंसले और अण्डों को छोड जाती है और उस घोंसले की रखवाली करने के लिये कोई भी नहीं रह जाता। वहाँ अपने पंखों और अपनी चोंच से शोर मचाने और लड़ाई करने के लिये कोई पक्षी नहीं होता। इसीलिए लोग अण्डों को उठा लेते हैं। इसी प्रकार धरती के सभी लोगों को उठा ले जाने से रोकने के लिए कोई भी व्यक्ति वहाँ नहीं था।”
इस पर सेनापति ने कहा, “मेरे स्वामी ने मुझे ये बातें बस तुम्हें और तुम्हारे स्वामी हिजकिय्याह को ही सुनाने के लिए नहीं भेजा है। मेरे स्वामी ने मुझे इन बातों को उन्हें बताने के लिए भेजा है जो लोग नगर परकोटे पर बैठे हैं। उन लोगों को न तो पूरा खाना मिलता है और न पानी। सो उन्हें अपने मलमूत्र को तुम्हारी ही तरह खाना—पीना होगा।”
जो देश तुम पाओगे वह मिस्र की तरह नहीं है जहाँ से तुम आए। मिस्र में तुम बीज बोते थे और अपने पौधों को सींचने के लिए नहरों से अपने पैरों का उपयोग कर पानी निकालते थे। तुम अपने खेतों को वैसे ही सींचते थे जैसे तुम सब्जियों के बागों की सिंचाई करते थे।