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यशायाह 27:11 - पवित्र बाइबल

11 अँगूर की बेलें सूख रहीं है। शाखाएँ कट कर गिर रही हैं और स्त्रियाँ उन शाखाओं से धन का काम ले रही हैं। लोग इसे समझ नहीं रहे हैं। इसीलिए उनका स्वामी परमेश्वर उन्हें चैन नहीं देगा। उनका रचयिता उनके प्रति दयालु नहीं होगा।

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Hindi Holy Bible

11 जब उसकी शाखाएं सूख जाएं तब तोड़ी जाएंगी; और स्त्रियां आकर उन को तोड़ कर जला देंगी। क्योंकि ये लोग निर्बुद्धि हैं; इसलिये उनका कर्ता उन पर दया न करेगा, और उनका रचने वाला उन पर अनुग्रह न करेगा॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

11 वृक्ष की डालियाँ सूख गईं; वे टूट गईं स्‍त्रियाँ आती हैं, और उनसे आग जलाती हैं। यह एक विवेकहीन कौम है; अत: उसका सृजक उस पर दया नहीं करेगा; उनको रचनेवाला उन पर कृपा नहीं करेगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

11 जब उसकी शाखाएँ सूख जाएँ तब तोड़ी जाएँगी; और स्त्रियाँ आकर उनको तोड़कर जला देंगी। क्योंकि ये लोग निर्बुद्धि हैं; इसलिये उनका कर्ता उन पर दया न करेगा, और उनका रचनेवाला उन पर अनुग्रह न करेगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

11 जब इसकी शाखाएं सूख जाएंगी, तब महिलाएं आकर इन्हें आग जलाने के लिए काम में लेंगी. क्योंकि ये निर्बुद्धि लोग हैं; इसलिये उनका सृष्टि करनेवाला उन पर अनुग्रह नहीं करेगा, जिन्होंने उन्हें सृजा, वे उन पर दया नहीं करेंगे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

11 जब उसकी शाखाएँ सूख जाएँ तब तोड़ी जाएँगी; और स्त्रियाँ आकर उनको तोड़कर जला देंगी। क्योंकि ये लोग निर्बुद्धि हैं; इसलिए उनका कर्ता उन पर दया न करेगा, और उनका रचनेवाला उन पर अनुग्रह न करेगा।

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यशायाह 27:11
39 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्वर अपने उन लोगों पर कुपित हुआ। परमेश्वर उनसे तंग आ चुका था!


बैल अपने स्वामी को जानता है और गधा उस जगह को जानता है जहाँ उसका स्वामी उसको चारा देता है। किन्तु इस्राएल के लोग मुझे नहीं समझते हैं।”


तभी कोई बहुत भयानक बात घटेगी। यह वह समय होगा जब फूल खिल चुके होंगे। नये अँगूर फूट रहे होंगे और उनकी बढ़वार हो रही होगी। किन्तु फसल उतारने के समय से पहले ही शत्रु आयेगा और इन पौधों को काट डालेगा। शत्रु आकर अँगूर की लताओं को तोड़ डालेगा और उन्हें कहीं दूर फेंक देगा।


याकूब, तुझको यहोवा ने बनाया था! इस्राएल, तेरी रचना यहोवा ने की थी और अब यहोवा का कहना है: “भयभीत मत हो! मैंने तुझे बचा लिया है। मैंने तुझे नाम दिया है। तू मेरा है।


उन सभी लोगों को, जो मेरे हैं, मेरे पास ले आ अर्थात् उन लोगों को जो मेरा नाम लेते हैं। मैंने उन लोगों को स्वयं अपने लिये बनाया है। उनकी रचना मैंने की है और वे मेरे हैं।”


मैं यहोवा हूँ और मैंने तुझे बनाया है। तू जो कुछ है, तुझे बनाने वाला मैं ही हूँ। जब तू माता की देह में ही था, मैंने तभी से तेरी सहायता की है। मेरे सेवक याकूब! डर मत! यशूरून (इस्राएल) तुझे मैंने चुना है।


जो कुछ भी तू है वह यहोवा ने तुझे बनाया। यहोवा ने यह किया जब तू अभी माता के गर्भ में ही था। यहोवा तेरा रखवाला कहता है। “मैं यहोवा ने सब कुछ बनाया! मैंने ही वहाँ आकाश ताना है, और अपने सामने धरती को बिछाया!”


यहोवा कहता है, “मेरे लोगों को बंदी बना कर कहीं दूर ले जाया जायेगा। क्योंकि सचमुच वे मुझे नहीं जानते। इस्राएल के कुछ निवासी, आज बहुत महत्वपूर्ण है और अपने आराम भरे जीवन से प्रसन्न हैं, किन्तु वे सभी बड़े लोग बहुत मूर्ख हो जाएँगे और इस्राएल के आम लोग बहुत प्यासे हो जायेंगे।


ये सभी लोग दुष्ट हैं। इसलिये यहोवा इन युवकों से प्रसन्न नहीं है। यहोवा उनकी विधवाओं और उनके अनाथ बच्चों पर दया नहीं करेगा। क्यों क्योंकि ये सभी लोग दुष्ट हैं। ये लोग ऐसे काम करते हैं जो परमेश्वर के विरुद्ध हैं। ये लोग झूठ बोलते हैं। सो परमेश्वर इन लोगों के प्रति कुपित बना रहेगा और उन्हें दण्ड देता रहेगा।


यहोवा ने तुम्हें एक नाम दिया था। उन्होंने तुम्हें कहा, ‘हरा भरा जैतून वृक्ष कहा था जिसकी सुन्दरता देखने योग्य है।’ किन्तु एक प्रबल आँधी के गरज के साथ, यहोवा उस वृक्ष में आग लगा देगा और इसकी शाखायें जल जाएंगी।


मैं यहूदा के लोगों को ठोकर खाने और एक दूसरे पर गिरने दूँगा। पिता और पुत्र एक दूसरे पर गिरेंगे।’ यह सन्देश यहोवा का है। ‘मैं उनके लिए अफसोस नहीं करूँगा और न उन पर दया। मैं करुणा को, यहूदा के लोगों को नष्ट करने से रोकने नहीं दूँगा।’”


अत: यहोवा कहता है, “यिर्मयाह, उन घरों में न जाओ जहाँ लोग अन्तिम क्रिया की दावत खा रहे हैं। वहाँ मरे के लिये रोने या अपना शोक प्रकट करने न जाओ। ये सब काम न करो। क्यों क्योंकि मैंने अपना आशीर्वाद वापस ले लिया है। मैं यहूदा के इन लोगों पर दया नहीं करूँगा। मैं उनके लिये अफसोस नहीं करूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है।


वे शान्त चरागाहें सूनी मरूभूमि सी हैं। यह हुआ, क्योंकि यहोवा बहुत क्रोधित है।


परमेश्वर ने कहा, “मेरे लोग मूर्ख हैं। वे मुझे नहीं जानते। वे बेवकूफ बच्चे हैं। वे समझते नहीं। वे पाप करने में दक्ष हैं, किन्तु वे अच्छा करना नहीं जानते।” विनाश आ रहा है


आकाश के पक्षी भी काम करने का ठीक समय जानते हैं। सारस, कबूतर, खन्जन और मैना भी जानते हैं कि कब उनको अपने नये घर में उड़ कर जाना है। किन्तु मेरे लोग नहीं जानते कि यहोवा उनसे क्या कराना चाहता है।


किन्तु बेल को जड़ से उखाड़ दिया गया, और उसे भूमि पर फेंक दिया गया। गर्म पुरवाई हवा चली और उसके फलों को सुखा दिया शक्तिशाली शाखायें टूट गईं, और उन्हें आग में फेंक दिया गया।


नेगव—वन से कहो, ‘यहोवा के सन्देश को सुनो। मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं: ध्यान दो, मैं तुम्हारे वन में आग लगाने वाला हूँ। आग हर एक हरे वृक्ष और हर एक सूखे वृक्ष को नष्ट करेगी। जो लपटें जलेंगी उन्हें बुझाया नहीं जा सकेगा। दक्षिण से उत्तर तक सारा देश अग्नि से जला दिया जाएगा।


और मैं दया नहीं दिखाऊँगा। मैं उन लोगों के लिये अफसोस अनुभव नहीं करूँगा। उन्होंने स्वयं इसे बुलाया है, मैं इन लोगों को केवल दण्ड दे रहा हूँ जिसके ये पात्र हैं!”


“मैं तुम्हारी पुत्रियों को वेश्याएँ बनने के लिये अथवा तुम्हारी बहुओं को पापपूर्ण यौनाचार के लिये दोष नहीं दे सकता। लोग वेश्याओं के पास जाकर उनके साथ सोते हैं और फिर वे मन्दिर की वेश्याओं के पास जाकर बलियाँ अर्पित कर देते हैं। इस प्रकार वे मूर्ख लोग स्वयं अपने आपको ही तबाह कर रहे हैं।


“मेरी प्रजा का विनाश हुआ क्योंकि उनके पास कोई ज्ञान नहीं था किन्तु तुमने तो सीखने से ही मना कर दिया। सो मैं तुम्हें अपना याजक बनने का निषेध कर दूँगा। तुमने अपने परमेश्वर के विधान को भुला दिया है। इसलिये मैं तुम्हारी संतानों को भूल जाऊँगा।


क्योंकि इनके हृदय जड़ता से भर गये। इन्होंने अपने कान बन्द कर रखे हैं और अपनी आखें मूँद रखी हैं ताकि वे अपनी आँखों से कुछ भी न देखें और वे कान से कुछ न सुन पायें या कि अपने हृदय से कभी न समझें और कभी मेरी ओर मुड़कर आयें और जिससे मैं उनका उद्धार करुँ।’


“वह बीज जो राह के किनारे गिर पड़ा था, उसका अर्थ है कि जब कोई स्वर्ग के राज्य का सुसंदेश सुनता है और उसे समझता नहीं है तो दुष्ट आकर, उसके मन में जो उगा था, उसे उखाड़ ले जाता है।


पेड़ों की जड़ों पर कुल्हाड़ा रखा जा चुका है। और हर वह पेड़ जो उत्तम फल नहीं देता काट गिराया जायेगा और फिर उसे आग में झोंक दिया जायेगा।


यदि कोई मुझमें नहीं रहता तो वह टूटी शाखा की तरह फेंक दिया जाता है और सूख जाता है। फिर उन्हें बटोर कर आग में झोंक दिया जाता है और उन्हें जला दिया जाता है।


और क्योंकि उन्होंने परमेश्वर को पहचानने से मना कर दिया सो परमेश्वर ने उन्हें कुबुद्धि के हाथों सौंप दिया। और ये ऐसे अनुचित काम करने लगे जो नहीं करने चाहिये थे।


वे मुढ़, वचन-भंग करने वाले, प्रेम-रहित और निर्दय हैं।


इन नियमों का सावधानी से पालन करो। यह अन्य राष्ट्रों को सूचित करेगा कि तुम बुद्धि और समझ रखते हो। जब उन देशों के लोग इन नियमों के बारे में सुनेंगे तो वे कहेंगे कि, ‘सचमुच इस महान राष्ट्र (इस्राएल) के लोग बुद्धिमान और समझदार हैं।’


वे विधर्मियों को सुसमाचार का उपदेश देने में बाधा खड़ी करते हैं कि कहीं उन लोगों का उद्धार न हो जाये। इन बातों में वे सदा अपने पापों का घड़ा भरते रहते हैं और अन्ततः अब तो परमेश्वर का प्रकोप उन पर पूरी तरह से आ पड़ा है।


जो दयालु नहीं है, उसके लिए परमेश्वर का न्याय भी बिना दया के ही होगा। किन्तु दया न्याय पर विजयी है।


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