यशायाह 17:8 - पवित्र बाइबल8 लोग उन वेदियों पर विश्वास करना समाप्त कर देंगे जिनको उन्होंने स्वयं अपने हाथों से बनाया था। अशेरा देवी के जिन खम्भों और धूप जलाने की वेदियों को उन्होंने अपनी उँगलियों से बनाया था, वे उन पर भरोसा करना बंद कर देंगे। अध्याय देखेंHindi Holy Bible8 वह अपनी बनाई हुई वेदियों की ओर दृष्टि न करेगा, और न अपनी बनाई हुई अशेरा नाम मूरतों वा सूर्य की प्रतिमाओं की ओर देखेगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)8 वह वेदियों की ओर दृष्टि नहीं करेगा, जिनको उसने अपने हाथ से बनाया था। वह अपने हाथ से गढ़ी हुई अशेराह देवी की मूर्तियों और सूर्य-देवता के स्तम्भों पर दृष्टिपात नहीं करेगा। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)8 वह अपनी बनाई हुई वेदियों की ओर दृष्टि न करेगा, और न अपनी बनाई हुई अशेरा नामक मूरतों या सूर्य की प्रतिमाओं की ओर देखेगा। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल8 वह अपनी बनाई हुई धूप वेदी और अशेरा नामक मूर्ति या सूर्य को न देखेगा. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20198 वह अपनी बनाई हुई वेदियों की ओर दृष्टि न करेगा, और न अपनी बनाई हुई अशेरा नामक मूरतों या सूर्य की प्रतिमाओं की ओर देखेगा। (मीका 5:13,14) अध्याय देखें |
फसह पर्व का उत्सव पूरा हुआ। इस्राएल के जो लोग फसह पर्व के लिये यरूशलेम में थे, वे यहूदा के नगरों को चले गए। तब उन्होंने पत्थर की उन मूर्तियों को ध्वस्त किया जो उन नगरों में थीं। उन पत्थर की मूर्तियों का पूजन असत्य देवताओं के रूप में होता था। उन लोगों ने अशेरा के स्तम्भों को भी काट डाला और उन्होंने उन उच्चस्थानों और वेदियों को भी तोड़ डाला जो बिन्यामीन और यहूदा के पूरे देशों में थे। लोगों ने एप्रैम और मनश्शे के क्षेत्र में भी वही किया। लोगों ने यह तब तक किया जब तक उन्होंने असत्य देवाताओं की पूजा की सभी चीज़ों को नष्ट नहीं कर दिया। तब सभी इस्राएली अपने नगरों को घर लौट गए।
लोगों ने बाल देवताओं की वेदियाँ तोड़ दीं। उन्होंने यह योशिय्याह के सामने किया। तब योशिय्याह ने सुगन्धि के लिये बनी उन वेदियों को नष्ट कर डाला जो लोगों से भी बहुत ऊँची उठी थीं। उसने खुदी मूर्तियों तथा ढली मूर्तियों को तोड़ डाला। उसने उन मूर्तियों को पीटकर चूर्ण बना दिया। तब योशिय्याह ने उस चूर्ण को उन लोगों की कब्रों पर डाला जो बाल देवताओं को बलि चढ़ाते थे।
फिर वह मनुष्य उस पेड़ को अपने जलाने के काम में लाता है। वह मनुष्य उस पेड़ को काट कर लकड़ी की मुढ्ढियाँ बनाता है और उन्हें खाना बनाने और खुद को गरमाने के काम में लाता है। व्यक्ति थोड़ी सी लकड़ी की आग सुलगा कर अपनी रोटियाँ सेंकता है। किन्तु तो भी मनुष्य उसी लकड़ी से देवता की मूर्ति बनाता है और फिर उस देवता की पूजा करने लगता है। यह देवता तो एक मूर्ति है जिसे उस व्यक्ति ने बनाया है! किन्तु वही मनुष्य उस मूर्ति के आगे अपना माथा नवाता है!