17 तुमने गलत शिक्षा दी है। और उन गलत शिक्षाओं ने यहोवा को बहुत अधिक दु:खी किया है। तुमने यह शिक्षा दी कि परमेश्वर उन्हें पसन्द करता है जो बुरे काम करते हैं। तुमने कहा कि परमेश्वर उन्हें अच्छे लोग समझता है और तुमने यह शिक्षा दी कि परमेश्वर लोगों को बुरा काम करने के लिये दण्ड नहीं देता।
17 तुम लोगों ने अपनी बातों से यहोवा को उकता दिया है। तौभी पूछते हो, कि हम ने किस बाते में उसे उकता दिया? इस में, कि तुम कहते हो कि जो कोई बुरा करता है, वह यहोवा की दृष्टि में अच्छा लगता है, और वह ऐसे लोगों से प्रसन्न रहता है, और यह, कि न्यायी परमेश्वर कहां है?
17 ओ पुरोहितो! तुमने अपनी बातों से प्रभु को उकता दिया है। फिर भी तुम पूछते हो, ‘हमने कैसे प्रभु को उकता दिया?’ तुम यह कहकर उसे उकता देते हो, ‘जो बुराई करता है, वह प्रभु की दृष्टि में भला है, क्योंकि प्रभु बुरे कार्यों से प्रसन्न होता है।’ तुम यह भी पूछते हो, ‘न्याय करने वाला परमेश्वर कहां है?’
17 तुम लोगों ने अपनी बातों से यहोवा को उकता दिया है। तौभी पूछते हो, “हम ने किस बात में उसे उकता दिया?” इसमें कि तुम कहते हो, “जो कोई बुरा करता है, वह यहोवा की दृष्टि में अच्छा लगता है, और वह ऐसे लोगों से प्रसन्न रहता है;” और यह कि, “न्यायी परमेश्वर कहाँ है?”
17 तुमने अपनी बातों से याहवेह को खिन्न कर दिया है. और तुम पूछते हो, “हमने उन्हें कैसे खिन्न किया है?” ये कहने के द्वारा, “वे सब जो बुरे काम करते हैं, वे याहवेह की दृष्टि में अच्छे व्यक्ति हैं, और याहवेह उनसे खुश हैं” या “न्यायी परमेश्वर कहां है?”
17 तुम लोगों ने अपनी बातों से यहोवा को थका दिया है। तो भी पूछते हो, “हमने किस बात में उसे थका दिया?” इसमें, कि तुम कहते हो “जो कोई बुरा करता है, वह यहोवा की दृष्टि में अच्छा लगता है, और वह ऐसे लोगों से प्रसन्न रहता है,” और यह, “न्यायी परमेश्वर कहाँ है?”
तुम अपनी बलियों की चर्बी से मुझे तृप्त नहीं करते मुझे आदर देने के लिये वस्तुएँ मोल लेने के लिए अपने धन का उपयोग नहीं करते। अपनी बलियों की चर्बी से मुझे तृप्त नहीं करते। किन्तु तुम मुझ पर दबाव डालते हो कि मैं तुम्हारे दास का सा आचरण करूँ। तुम तब तक पाप करते चले गये जब तक मैं तुम्हारे पापों से पूरी तरह तंग नहीं आ गया।
“उस समय, मैं एक दीपक लूंगा और यरूशलेम में रहकर खोज करूँगा। मैं उन सभी लोगों को ढूँढूंगा जो अपने ही तरीके से रहने में सन्तुष्ट हैं। वे लोग कहते हैं, ‘यहोवा कुछ नहीं करता। वे न सहायता करते हैं न चोट ही पहुँचाते हैं!’ मैं उन लोगों का पता लगाऊंगा और उन्हें दण्ड दूँगा!
कभी कभी लोगों ने जो बुरे काम किये हैं, उनके लिये उन्हें तुरंत दण्ड नहीं मिलता। उन पर दण्ड धीरे धीरे पड़ता है और इसके कारण दूसरे लोग भी बुरे कर्म करना चाहने लगते हैं।
ये सारी बातें क्यों होंगी क्योंकि तुमने वह याद नहीं रखा कि तुम्हारे साथ बचपन में क्या घटित हुआ था। तुमने वे सभी बुरे पाप किये और मुझे क्रोधित किया। इसलिये उन बुरे पापों के लिये मुझे तुमको दण्ड देना पड़ा। किन्तु तुमने और भी अधिक भयंकर योजनाएँ बनाई।” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं।
तब परमेश्वर ने मुझसे कहा, “मनुष्य के पुत्र, क्या तुम देखते हो कि इस्राएल के प्रमुख अंधेरे में क्या करते हैं हर एक व्यक्ति के पास अपने असत्य देवता के लिये एक विशेष कमरा है! वे लोग आपस में बातें करते हैं, ‘यहोवा हमें देख नहीं सकता। यहोवा ने इस देश को छोड़ दिया है।’”
यरूशलेम, तुमने मुझे छोड़ा।” यह सन्देश यहोवा का है। “तुमने मुझे बार बार त्यागा। अत: मैं दण्ड दूँगा और तुझे नष्ट करुँगा मैं तुम पर दया करते हुए थक गया हूँ।
यहोवा तुम पर अपनी करुणा दर्शाना चाहता है। यहोवा बाट जोह रहा है। यहोवा तुम्हें सुख चैन देने के लिए तैयार खड़ा है। यहोवा खरा परमेश्वर है और हर वह व्यक्ति जो यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा में है, धन्य (आनन्दित) होगा।
तब यशायाह ने कहा, “हे, दाऊद के वंशजों, सावधान हो कर सुनो! तुम लोगों के धैर्य की परीक्षा लेते हो। क्या यह तुम्हारे लिए काफी नहीं है जो, अब तुम मेरे परमेश्वर के धैर्य की परीक्षा ले रहे हो
तुम्हारी मासिक बैठकों और सभाओं से मुझे अपने सम्पूर्ण मन से घृणा है। ये सभाएँ मेरे लिये एक भारी भरकम बोझ सी बन गयी है और इन बोझों को उठाते उठाते अब मैं थक चुका हूँ।
बन्द करो डींगों का हाँकना! घमण्ड भरी बातें न करो! क्यों? क्योंकि यहोवा परमेश्वर सब कुछ जानता है, परमेश्वर लोगों को राह दिखाता है और उनका न्याय करता है।
“परमेश्वर को लूटना बन्द करो! लोगों को परमेश्वर की चीज़ें नहीं चुरानी चाहियें किन्तु तुमने मेरी चीज़ेंचुराई! “तुम कहते हो, ‘हमने तेरा क्या चुराया?’ “तुम्हें मुझको अपनी चीज़ों का दसवां भाग देना चाहिये था। तम्हें मुझे विशेष भेंट देनी चाहिये थी। किन्तु तुमने वे चीज़ें मुझे नहीं दीं।
तुम पूछते हो, “हमारी भेंट यहोवा द्वारा स्वीकार क्यों नहीं की जातीं” क्यों क्योंकि यहोवा ने तुम्हारे किये बुरे कामों को देखा, वब तुम्हारे विरुद्ध साक्षी है। उसने देखा कि तुम अपनी पत्नी को ठगते हो। तुम उस स्त्री के साथ तबसे विवाहित हो जबसे तुम जवान हुए थे। वह तुम्हारी प्रेयसी थी। तब तुमने परस्पर प्रतिज्ञा की और वह तुम्हारी पत्नी हो गई। किन्तु तुमने उसे ठगा।
परमेश्वर ने कहा, “इस्राएल और यहूदा के परिवार ने अत्याधिक बुरे पाप किये हैं। इस देश में सर्वत्र लोगों की हत्यायें हो रही हैं और यह नगर अपराध से भरा पड़ा है। क्यों क्योंकि लोग स्वयं कहते हैं, ‘यहोवा ने इस देश को छोड़ दिया। वे उन कामों को नहीं देख सकता जिन्हें हम कर रहे हैं।’
“वह (यहोवा) हमारी चट्टान है— उसके सभी कार्य पूर्ण हैं! क्यों? क्योंकि उसके सभी मार्ग सत्य हैं! वह विश्वसनीय निष्पाप परमेश्वर, करता जो उचित और न्याय है।
धिक्कार है उन लोगों को जो यहोवा से बातें छिपाने का जतन करेंगे। वे सोचते हैं कि यहोवा तो समझेगा नहीं। वे लोग अन्धेरे में पाप करते हैं। वे लोग अपने मन में कहा करते हैं, “हमें कोई देख नहीं सकता। हम कौन हैं, इसे कोई व्यक्ति नहीं जानेगा।”
अत: यहोवा तुम्हारे प्रति और अधिक चुप नहीं रह सका। यहोवा ने उन भयंकर कामों से घृणा की जो तुमने किये। इसीलिये यहोवा ने तुम्हारे देश को सूनी मरुभूमि बना दिया। अब वहाँ कोई व्यक्ति नहीं रहता। अन्य लोग उस देश के बारे में बुरी बातें कहते हैं।
परमेश्वर ने कहा, “तुम लोग कह सकते हो, ‘परमेश्वर हमारा स्वामी न्यायपूर्ण नहीं है!’ किन्तु इस्राएल के परिवारों, सुनो। मैं उसी प्रकार का हूँ। तुम लोग ऐसे हो कि जरुर बदलोगे!
यहोवा यदि मैं तुझसे तर्क करता हूँ, तू सदा ही सही निकलता है। किन्तु मैं तुझसे उन सब के बारे में पूछना चाहता हूँ जो सही नहीं लगतीं। दुष्ट लोग सफल क्यों हैं जो तुझ पर विश्वास नहीं करते, उनका उतना जीवन सुखी क्यों है