इस पर हामान की पत्नी जेरेश और उसके मित्रों ने उसे एक सुझाव दिया। वे बोले, “किसी से कह कर पचहत्तर फुट ऊँचा फाँसी देने का एक खम्भा बनवाओं! जिस पर उसे लटकाया जाये! फिर प्रातःकाल राजा से कहो कि वह मोर्दकै को उस पर लटका दे। फिर राजा के साथ तुम भोज पर जाना और आनन्द से रहना।” हामान को यह सुझाव अच्छा लगा। सो उसने फाँसी का खम्भा बनवाने के लिए किसी को आदेश दे दिया।
उसी समय राजा के महल के बाहरी आँगन में हामान ने प्रवेश किया। वह, हामान ने फाँसी का जो खम्भा बनावाया था, उस पर मोर्दकै को लटकवाने के लिये राजा से कहने को आया था। राजा ने उसकी आहट सुन कर पूछा, “अभी अभी आँगन में कौन आया है?”
जो लोग यहोवा से प्रेम रखते हैं, वे पाप से घृणा करते हैं। इसलिए परमेश्वर अपने अनुयायियों की रक्षा करता है। परमेश्वर अपने अनुयायियों को दुष्ट लोगों से बचाता है।
“जो लोग मुझसे मुँह मोड़ गये थे, उन लोगों को अपनाने के लिए मैं भी तत्पर रहा। मैं इस बात की प्रतीक्षा करता रहा कि वे लोग मेरे पास लौट आयें। किन्तु वे जीवन की एक ऐसी राह पर चलते रहे जो अच्छी नहीं है। वे अपने मन के अनुसार काम करते रहे।
परमेश्वर ने कहा, “मेरे लोग मूर्ख हैं। वे मुझे नहीं जानते। वे बेवकूफ बच्चे हैं। वे समझते नहीं। वे पाप करने में दक्ष हैं, किन्तु वे अच्छा करना नहीं जानते।” विनाश आ रहा है
यहोवा यह सब कहता है: “चौराहों पर खड़े होओ और देखो। पता करो कि पुरानी सड़क कहाँ थी। पता करो कि अच्छी सड़क कहाँ है, और उस सड़क पर चलो। यदि तुम ऐसा करोगे, तुम्हें आराम मिलेगा! किन्तु तुम लोगों ने कहा है, ‘हम अच्छी सड़क पर नहीं चलेंगे!’
मैंने उनको ध्यान से सुना है, किन्तु वे वह नहीं कहते जो सत्य है। लोग अपने पाप के लिये पछताते नहीं। लोग उन बुरे कामों पर विचार नहीं करते जिन्हें उन्होंने किये हैं। परत्येक अपने मार्ग पर वैसे ही चला जा रहा है। वे युद्ध में दौड़ते हुए घोड़ों के समान हैं।
बुराई से घृणा करो। अच्छाई से प्रेम करो। न्यायालयों में न्याय वापस लाओ और तब संभव है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा यूसुफ परिवार के बचे लोगों पर दयालु हो।
ऐसे उन लोगों पर विपत्तियाँ गिरेंगी, जो पापपूर्ण योजना बनाते हैं। ऐसे लोग बिस्तर में सोते हुए षड़यन्त्र रचते हैं और पौ फटते ही वे अपने षड़यन्त्रों पर चलने लगते हैं। क्यों क्योकि उन के पास उन्हें पूरा करने की शक्ति है।
हे मनुष्य, यहोवा ने तुझे वह बातें बतायीं हैं जो उत्तम हैं। ये वे बातें हैं, जिनकी यहोवा को तुझ से अपेक्षा है। ये वे बातें हैं—तू दुसरे लोगों के साथ में सच्चा रह; तू दूसरों से दया के साथ प्रेम कर, और अपने जीवन नम्रता से परमेश्वर के प्रति बिना उपहारों से तुम उसे प्रभावित करने का जतन मत करो।
चाहे वे परमेश्वर की धर्मपूर्ण विधि को जानते हैं जो बताती है कि जो ऐसी बातें करते हैं, वे मौत के योग्य हैं, फिर भी वे न केवल उन कामों को करते है, बल्कि वैसा करनेवालों का समर्थन भी करते हैं।
“मैं तेरे कर्मों कठोर परिश्रम और धैर्यपूर्ण सहनशीलता को जानता हूँ तथा मैं यह भी जानता हूँ कि तू बुरे लोगों को सहन नहीं कर पाता है तथा तूने उन्हें परखा है जो कहते हैं कि वे प्रेरित हैं किन्तु हैं नहीं। तूने उन्हें झूठा पाया है।
शाऊल ने लोगों को दाऊद के घर भेजा। लोगों ने दाऊद के घर पर निगरानी रखी। वे रात भर वहीं ठहरे। वे सवेरे दाऊद को मार डालने की प्रतीक्षा कर रहे थे। किन्तु उसकी पत्नी मीकल ने उसे सावधान कर दिया। उसने कहा, “तुम्हें आज की रात भाग निकलना चाहिये और अपने जीवन की रक्षा करनी चाहिए। यदि तुम ऐसा नहीं करोगे, तो कल मार दिये जाओगे।”