Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल

- विज्ञापनों -




भजन संहिता 34:15 - पवित्र बाइबल

15 यहोवा सज्जनों की रक्षा करता है। उनकी प्रार्थनाओं पर वह कान देता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

15 यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 प्रभु की आंखें धार्मिकों पर लगी हैं, और उसके कान उनकी दुहाई पर।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 यहोवा की आँखें धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उनकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

15 यहोवा की आँखें धर्मियों पर लगी रहती हैं और उसके कान उनकी पुकार की ओर लगे रहते हैं।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

15 क्योंकि याहवेह की दृष्टि धर्मियों पर तथा उनके कान उनकी विनती पर लगे रहते हैं,

अध्याय देखें प्रतिलिपि




भजन संहिता 34:15
12 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु की आँखें टिकी हैं उन्हीं पर जो उत्तम हैं प्रभु के कान लगे उनकी प्रार्थनाओं पर जो बुरे कर्म करते हैं, प्रभु उनसे सदा मुख फेरता है।”


यहोवा से विनती करो, वह तुम्हारी सुनेगा। वह तुम्हें तुम्हारी सब विपत्तियों से बचा लेगा।


जो जन यहोवा का अनुसरण करते हैं, उन्हें यहोवा देखता है और रखवाली करता है। जो मनुष्य उसकी आराधना करते हैं, उनको उसका महान प्रेम बचाता है।


वे लोग जो उचित व्यवहार करते हैं, परमेश्वर उनका ध्यान रखता है। वह राजाओं के साथ उन्हें सिंहासन देता है और वे सदा आदर पाते हैं।


इस दीन जन ने यहोवा को सहायता के लिए पुकारा, और यहोवा ने मेरी सुन ली। और उसने सब विपत्तियों से मेरी रक्षा की।


मेरे स्वामी, तू मेरी सुन ले। मेरी सहायता की पुकार पर कान दे।


अब, मेरे परमेश्वर मैं तुझसे माँगता हूँ, तू अपने आँख और कान खोल ले। तू हम लोगों की, जो प्रार्थना इस स्थान पर कर रहे हैं उसे सुन और उस पर ध्यान दे।


यदि तू कुकर्मो से अपना मुख मोड़े, और यदि तू अच्छे कामों को करता रहे, तो फिर तू सदा सर्वदा जीवित रहेगा।


किन्तु तुम्हें यह करना चाहिए: अपने पङोसीयों से सत्य बोलो। जब तुम अपने नगरों में निर्णय लो, तो वह करो जो सत्य और शान्ति लाने वाला हो।


सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “शोक मनाने और उपवास के विशेष दिन चौथे महीने, पाँचवें महीने, सातवें महीने और दसवें महीने में हैं। वे शोक के दिन प्रसन्नता के दिन में बदल जाने चाहिये। वे अच्छे और प्रसन्ननता के दिन में बदल जाने चाहिये। वो अच्छे और प्रसन्ननता के पवित्र दिन होंगे और तम्हें सत्य और शान्ति से प्रेम करना चाहिये!”


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों