तब वे बेन्हदद के अन्य सन्देश के साथ लौटे। सन्देश यह था, “मैं शोमरोन को पूरी तरह नष्ट करूँगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि उस नगर का कुछ भी नहीं बचेगा। उस नगर का इतना कुछ भी नहीं बचेगा कि वह हमारे व्यक्तियों के लिये नगर की यादगार के रूप में अपने घर ले जाने को पर्याप्त हो। परमेश्वर मुझे नष्ट कर दे यदि मैं ऐसा करूँ।”
अत: अहाब ने सरकारी अधिकारियों के युवक सहायकों को इकट्ठा किया। सब मिलाकर ये दो सौ बत्तीस युवक थे। तब राजा ने इस्राएल की सेना को एक साथ बुलाया। सारी संख्या सात हजार थी।
“तुम लोगों ने परमेश्वर के राज्य, जो दाऊद के पुत्रों द्वारा शासित है, हराने की योजना बनाई है। तुम लोगों की संख्या बहुत है और यारोबाम का तुम्हारे लिये बनाया गया सोने का बछड़ा तुम्हारा ईश्वर है!
हमारे परमेश्वर, उन लोगों को दण्ड दे! हम लोग उस विशाल सेना के विरुद्ध कोई शक्ति नहीं रखते जो हमारे विरुद्ध आ रही है! हम नहीं जानते कि क्या करें! यही कारण है कि हम तुझसे सहायता की आशा करते हैं।”
अम्मोनी और मोआबी लोगों ने सेईर पर्वत से आये लोगों के विरुद्ध युद्ध आरम्भ किया। अम्मोनी और मोआबी लोगों ने सेईर पर्वत से आए लोगों को मार डाला और नष्ट कर दिया। जब वे सेईर के लोगों को मार चुके तो उन्होंने एक दूसरे को मार डाला।
तब यहोवा ने अश्शूर के राजा के खेमे में एक स्वर्गदूत को भेजा। उस स्वर्गदूत ने अश्शूर की सेना के सब अधिकारियों, प्रमुखों और सैनिकों को मार डाला। इसलिये अश्शूर का राजा अपने देश में अपने घर लौट गया और उसके लोग उसकी वजह से बहुत लज्जित हुए। वह अपने देवता के मन्दिर में गया और उसी के पुत्रों में से किसी ने उसे वहीं तलवार से मार डाला।
हमारे पूर्वजों ने यह धरती अपने तलवारों के बल नहीं ली थी। अपने भुजदण्डों के बल पर विजयी नहीं हुए। यह इसलिए हुआ था क्योंकि तू हमारे पूर्वजों के साथ था। हे परमेश्वर, तेरी महान शक्ति ने हमारे पूर्वजों की रक्षा की। क्योंकि तू उनसे प्रेम किया करता था!
पानी अपने उचित तल तक लौटा और उसने रथों तथा घुड़सवारों को ढक लिया। फ़िरौन की पूरी सेना जो इस्राएली लोगों का पीछा कर रही थी, डूबकर नष्ट हो गई। उनमें से कोई भी न बचा!
मैंने इस जीवन में कुछ और बातें भी देखी हैं जो न्याय संगत नहीं हैं। सबसे अधिक तेज दौड़ने वाला सदा ही दौड़ में नहीं जीतता, शक्तिशाली सेना ही युद्ध में सदा नहीं जीतती। सबसे अधिक बुद्धिमान व्यक्ति ही सदा अर्जित किये को नहीं खाता। सबसे अधिक चुस्त व्यक्ति ही सदा धन दौलत हासिल नहीं करता है और एक पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सदा वैसी प्रशंसा प्राप्त नहीं करता जैसी प्रशंसा के वह योग्य है। जब समय आता है तो हर किसी के साथ बुरी बातें घट जाती हैं!
यहोवा कहता है, “बुद्धिमान को अपनी बुद्धिमानी की डींग नहीं मारनी चाहिए। शक्तिशाली को अपने बल का बखान नहीं करना चाहिए। सम्पत्तिशाली को अपनी सम्पत्ति की हवा नहीं बांधनी चाहिए।
किन्तु तुमने तो बदी का बीज बोया है और विपत्ति की फसल काटी है। तुमने अपने झूठ का फल भोगा है। ऐसा इसलिये हुआ कि तुमने अपनी शक्ति और अपने सैनिकों पर विश्वास किया।
कोई भी व्यक्ति बच कर नहीं निकल पाएगा, यहाँ तक कि सर्वाधिक तेज दौड़ने वाला भी। शक्तिशाली पुरूष भी पर्याप्त शक्तिशाली नहीं रहेंगे। सैनिक अपने को नहीं बचा पाएँगे।
इसलिये वह पहाड़ी प्रदेश मुझको दे दो जिसे यहोवा ने बहुत पहले उस दिन मुझे देने का वचन दिया था। उस समय तुमको पता चला था कि वहाँ शक्तिशाली अनाकी लोग रहते हैं और नगर बहुत बड़े और अच्छी प्रकार सुरक्षित थे। किन्तु अब संभव है, यहोवा मेरे साथ है और मैं उस प्रदेश को वैसे ही ले सकूँ जैसा यहोवा ने कहा है।”
तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “मैं तुम्हारे आदमियों की सहायता मिद्यानी लोगों को हराने के लिये करने जा रहा हूँ। किन्तु तुम्हारे पास इस काम के लिए आवश्यकता से अधिक व्यक्ति हैं। मैं नहीं चाहता कि इस्राएल के लोग मुझे भूल जायें और शेखी मारें कि उन्होंने स्वयं अपनी रक्षा की।
तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “अब भी आवश्यकता से अधिक लोग हैं। इन लोगों को जल के पास ले जाओ और वहाँ मैं इनकी परीक्षा तुम्हारे लिये करूँगा। यदि मैं कहूँगा, ‘यह व्यक्ति तुम्हारे साथ जायेगा’ तो वह जायेगा। किन्तु यदि मैं कहूँगा, ‘यह व्यक्ति तुम्हारें साथ नहीं जाएगा।’ तो वह नहीं जाएगा।”
“यहोवा अपने पवित्र लोगों की रक्षा करता है। वह उन्हें ठोकर खाकर गिरने से बचाता है। किन्तु पापी लोग नष्ट किये जाएंगे। वे घोर अंधेरे में गिरेंगे। उनकी शक्ति उन्हें विजय प्राप्त करने में सहायक नहीं होगी।