यह तीसरे पहर की बलि—भेंट का समय था। अत: एलिय्याह नबी वेदी के पास गया और प्रार्थना की “हे यहोवा इब्राहीम, इसहाक और याकूब के परमेश्वर! मैं तुझसे याचना करता हूँ कि तू प्रमाणित कर कि तू इस्राएल का परमेश्वर है और प्रमाणित कर कि मैं तेरा सेवक हूँ। इन लोगों के सामने यह प्रकट कर कि तूने यह सब करने का मुझे आदेश दिया है।
तब हर एक व्यक्ति जो इस्राएल के परमेश्वर के नियमों का आदर करता था, भय से काँप उठा। वे डर गए क्योंकि जो इस्राएल के लोग बन्धुवाई से लौटे, वे परमेश्वर के भक्त नहीं थे। मुझे धक्का लगा और मैं घबरा गया। मैं वहाँ सन्ध्या की बलि भेंट के समय तक बैठा रहा और वे लोग मेरे चारों ओर इकट्ठे रहे।
मैं अभी प्रार्थना कर ही हा था कि जिब्राएल मेरे पास आया। जिब्राएल वही स्वर्गदूत था जिसे मैंने दर्शन में देखा था। जिब्राएल शीघ्रता से मेरे पास आया। वह सांझ की बलि के समय आया था।
“संसार में सर्वत्र लोग मेरे नाम का सम्मान करते हैं। संसार में सर्वत्र लोग मेरे लिये अच्छी भेंट लाते हैं। वे अच्छी सुगन्धि मेरी भेंट के रप में जलाते हैं। क्यों क्योंकि मेरा नाम उन सभी लोगों के लिये महत्वपूर्ण है।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
जब उसने वह लपेटा हुआ पुस्तक ले लिया तो उन चारों प्राणियों तथा चौबीसों प्राचीनों ने उस मेमने को दण्डवत प्रणाम किया। उनमें से हरेक के पास वीणा थी तथा वे सुगन्धित सामग्री से भरे सोने के धूपदान थामे थे; जो संत जनों की प्रार्थनाएँ हैं।