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भजन संहिता 14:1 - पवित्र बाइबल

1 मूर्ख अपने मनमें कहता है, “परमेश्वर नहीं है।” मूर्ख जन तो ऐसे कार्य करते हैं जो भ्रष्ट और घृणित होते हैं। उनमें से कोई भी भले काम नहीं करता है।

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Hindi Holy Bible

1 मूर्ख ने अपने मन में कहा है, कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 मूर्ख अपने हृदय में यह कहते हैं, “परमेश्‍वर है ही नहीं।” वे भ्रष्‍ट हो गए हैं और घृणास्‍पद कार्य करते हैं, ऐसा कोई भी नहीं जो भलाई करता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 मूर्ख ने अपने मन में कहा है, “कोई परमेश्‍वर है ही नहीं।” वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं।

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नवीन हिंदी बाइबल

1 मूर्ख अपने मन में कहता है, “परमेश्‍वर है ही नहीं।” वे भ्रष्‍ट हैं और घृणित कार्य करते हैं। ऐसा कोई नहीं जो भलाई करता हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

1 मूर्ख मन ही मन में कहते हैं, “परमेश्वर है ही नहीं.” वे सभी भ्रष्‍ट हैं और उनके काम घिनौने हैं; ऐसा कोई भी नहीं, जो भलाई करता हो.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

1 मूर्ख ने अपने मन में कहा है, “कोई परमेश्वर है ही नहीं।” वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं।

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भजन संहिता 14:1
32 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य बहुत अधिक पापी हैं। यहोवा ने देखा कि मनुष्य लगातार बुरी बातें ही सोचता है।


मनुष्य तो और अधिक पापी है। वह मनुष्य मलिन और घिनौना है वह बुराई को जल की तरह गटकता है।


किन्तु अय्यूब, तू तो कहा करता है कि परमेश्वर कुछ नहीं जानता, काले बादलों से कैसे परमेश्वर हमें जाँच सकता है


दुष्ट जन इतने अभिमानी होते हैं कि वे परमेश्वर का अनुसरण नहीं कर सकते। वे बुरी—बुरी योजनाएँ रचते हैं। वे ऐसे कर्म करते हैं, जैसे परमेश्वर का कोई अस्तित्व ही नहीं।


कुछ लोग अपने अपराधों और अपने पापों से जड़मति बने।


बस एक मूर्ख ही ऐसे सोचता है कि परमेश्वर नहीं होता। ऐसे मनुष्य भ्रष्ट, दुष्ट, द्वेषपूर्ण होते हैं। वे कोई अच्छा काम नहीं करते।


जब मैंने देखा कि पापी सफल हो रहे हैं और शांति से रह रहे हैं, तो उन अभिमानी लोगों से मुझको जलन हुयी।


तेरी तुलना में मनुष्य पशुओं जैसे हैं। हम तो मूर्ख जैसे कुछ भी नहीं समझ पाते।


“अरे भोले लोगों! तुम कब तक अपना मोह सरल राहों से रखोगे? उपहास करनेवालों, तुम कब तक उपहासों में आनन्द लोगे? अरे मूर्खो, तुम कब तक ज्ञान से घृणा करोगे?


यहोवा का भय मानना ज्ञान का आदि है किन्तु मूर्ख जन तो बुद्धि और अनुशासन को तुच्छ मानते हैं।


किसी इच्छा का पूरा हो जाना मन को मधुर लगता है किन्तु दोष का त्याग, मूर्खो को नहीं भाता है।


तू किसी मूर्ख को चूने में पीस—चाहे जितना महीन करे और उसे पीस कर अनाज सा बना देवे उसका चूर्ण किन्तु उसकी मूर्खता को, कभी भी उससे तू दूर न कर पायेगा।


इस्राएल देश पाप से भर गया है। यह पाप एक ऐसे भारी बोझ के समान है जिसे लोगों को उठाना ही है। वे लोग बुरे और दुष्ट बच्चों के समान हैं। उन्होंने यहोवा को त्याग दिया। उन्होंने इस्राएल के पवित्र (परमेश्वर) का अपमान किया। उन्होंने उसे छोड़ दिया और उसके साथ अजनबी जैसा व्यवहार किया।


“उन लोगों ने यहोवा के बारे में झूठ कहा है। उन्होंने कहा है, ‘यहोवा हमारा कुछ नहीं करेगा। हम लोगों का कुछ भी बुरा न होगा। हम किसी सेना का आक्रमण अपने ऊपर नहीं देखेंगे। हम कभी भूखों नहीं मरेंगे।’


मेरे लोग मेरे विरुद्ध हो गए हैं, और वे बहुत हठी हैं। वे लोगों के बारे में बुरी बातें कहते घूमते हैं। वे उस काँसे और लोहे की तरह हैं जो चकमहीन और जंग खाये हैं।


अरे ओ साँप के बच्चो! जब तुम बुरे हो तो अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? व्यक्ति के शब्द, जो उसके मन में भरा है, उसी से निकलते हैं।


क्योंकि बुरे विचार, हत्या, व्यभिचार, दुराचार, चोरी, झूठ और निन्दा जैसी सभी बुराईयाँ मन से ही आती हैं।


“किन्तु परमेश्वर उससे बोला, ‘अरे मूर्ख, इसी रात तेरी आत्मा तुझसे ले ली जायेगी। जो कुछ तूने तैयार किया है, उसे कौन लेगा?’


उस समय तुम बिना मसीह के थे, तुम इस्राएल की बिरादरी से बाहर थे। परमेश्वर ने अपने भक्तों को जो वचन दिए थे उन पर आधारित वाचा से अनजाने थे। तथा इस संसार में बिना परमेश्वर के निराश जीवन जीते थे।


वे परमेश्वर को जानने का दावा करते हैं। किन्तु उनके कर्म दर्शाते हैं कि वे उसे जानते ही नहीं। वे घृणित और आज्ञा का उल्लंघन करने वाले हैं। तथा किसी भी अच्छे काम को करने में वे असमर्थ हैं।


यह मैं इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि एक समय था, जब हम भी मूर्ख थे। आज्ञा का उल्लंघन करते थे। भ्रम में पड़े थे। तथा वासनाओं एवं हर प्रकार के सुख-भोग के दास बने थे। हम दुष्टता और ईर्ष्या में अपना जीवन जीते थे। हम से लोग घृणा करते थे तथा हम भी परस्पर एक दूसरे को घृणा करते थे।


किन्तु कायरों अविश्वासियों, दुर्बुद्धियों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादूटोना करने वालों मूर्तिपूजकों और सभी झूठ बोलने वालों को भभकती गंधक की जलती झील में अपना हिस्सा बँटाना होगा। यही दूसरी मृत्यु है।”


मैंने उन व्यक्तियों को नहीं देखा जिन्हें आपने भेजा। मान्यवर, उस नालायक आदमी (नाबाल) पर ध्यान न दें। वह ठीक वही है जैसा उसका नाम है। उसके नाम का अर्थ ‘मूर्ख’ है और वह सचमुच मूर्ख ही है।


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