अमासै तीस वीरों का प्रमुख था। अमासै पर आत्मा उतरी। अमासै ने कहा, “दाऊद हम तुम्हारे हैं। यिशै—पुत्र, हम तुम्हारे साथ हैं! शान्ति, शान्ति हो तम्हारे साथ! शान्ति उन लोगों को जो तुम्हारी सहायता करें। क्यों? क्योंकि तुम्हारी परमेश्वर, तुम्हारा सहायता करता है!” तब दाऊद ने इन लोगों का स्वागत किया। उसने अपनी सेना में उन्हें प्रमुख बनाया।
उसके राज्य में शक्ति और शांति का निवास होगा। दाऊद के वंशज, उस राजा के राज्य का निरन्तर विकास होता रहेगा। वह राजा नेकी और निष्पक्ष न्याय का अपने राज्य के शासन में सदा—सदा उपयोग करता रहेगा। वह सर्वशक्तिशाली यहोवा अपनी प्रजा से गहरा प्रेम रखता है और उसका यह गहरा प्रेम ही उससे ऐसे काम करवाता है।
“मैं तुम्हारे लिये अपनी शांति छोड़ रहा हूँ। मैं तुम्हें स्वयं अपनी शांति दे रहा हूँ पर तुम्हें इसे मैं वैसे नहीं दे रहा हूँ जैसे जगत देता है। तुम्हारा मन व्याकुल नहीं होना चाहिये और न ही उसे डरना चाहिये।