यहोवा कहता है, “यरूशलेम की सड़कों पर ऊपर नीचे जाओ। चारों ओर देखो और इन चीजों के बारे में सोचो। नगर के सार्वजनिक चौराहो को खोजो, पता करो कि क्या तुम किसी एक अच्छे व्यक्ति को पा सकते हो, ऐसे व्यक्ति को जो ईमानदारी से काम करता हो, ऐसा जो सत्य की खोज करता हो। यदि तुम एक अच्छे व्यक्ति को ढूँढ निकालोगे तो मैं यरूशलेम को क्षमा कर दूँगा!
अच्छे लोग चले गये किन्तु इस पर तो ध्यान किसी ने नहीं दिया। लोग समझते नहीं हैं कि क्या कुछ घट रहा है। भले लोग एकत्र किये गये। लोग समझते नहीं कि विपत्तियाँ आ रही हैं। उन्हें पता तक नहीं हैं कि भले लोग रक्षा के लिये एकत्र किये गये।
मैं चकित हुआ कि किसी भी व्यक्ति ने मेरा समर्थन नहीं किया। इसलिये मैंने अपनी शक्ति का प्रयोग अपने लोगों को बचाने के लिये किया। स्वयं मेरे अपने क्रोध ने ही मेरा समर्थन किया।
यह सत्य है किन्तु फिर भी सर्वशक्तिशाली यहोवा ने कुछ लोगों को वहाँ जीवित रहने के लिये छोड़ दिया था। सदोम और अमोरा नगरों के समान हमारा पूरी तरह विनाश नहीं किया गया था।
हे यहोवा, जाग! मेरे परमेश्वर आ, मेरी रक्षा कर! तू बहुत शक्तिशाली है। यदि मेरे दुष्ट शत्रुओं के मुख पर तू प्रहार करे, तो उनके सभी दाँतों को तो उखाड़ डालेगा।
दूसरे व्यक्ति के बारे में कोई व्यक्ति सच नहीं बोलता। लोग अदालत में एक दूसरे के खिलाफ़ मुकद्दमा करते हैं। अपने मुकद्दमे जीतने के लिये वे झूठे तकर् पर निर्भर करते हैं। वे एक दूसरे के बारे में परस्पर झूठ बोलते हैं। वे कष्ट को गर्भ में धारण करते हैं और बुराईयों को जन्म देते हैं।