(गिबोनी इस्राएली नहीं थे। वे ऐसे एमोरियों के समूह थे जो अभी तक जीवित छोड़ दिये गये थे। इस्राएलियों ने प्रतिज्ञा की थी कि वे गिबोनी पर चोट नहीं करेंगे। किन्तु शाऊल को इस्राएल और यहूदा के प्रति गहरा लगाव था। इसलिये उसने गिबोनियों को मारना चाहा।) राजा दाऊद ने गिबोनी को एक साथ इकट्ठा किया। उसने उनसे बातें कीं।
सो अपने को हलकान क्यों करते हो? न तो बहुत अधिक धर्मी बनो और न ही बुद्धिमान अन्यथा तुम्हें एसी बातें देखने को मिलेगी जो तुम्हें आघात पहुँचाएगी न तो बहुत अधिक दुष्ट बनो और न ही मूर्ख अन्यथा समय से पहले ही तुम मर जाओगे।
“अरे कपटी यहूदी धर्मशास्त्रियों! और फरीसियों! तुम्हें धिक्कार है। तुम अपनी कटोरियाँ और थालियाँ बाहर से तो धोकर साफ करते हो पर उनके भीतर जो तुमने छल कपट या अपने लिये रियासत में पाया है, भरा है।
जब उन्होंने यह सुना तो वे परमेश्वर की स्तुति करते हुए उससे बोले, “बंधु तुम तो देख ही रहे हो यहाँ कितने ही हज़ारों यहूदी ऐसे हैं जिन्होंने विश्वास ग्रहण कर लिया है। किन्तु वे सभी व्यवस्था के प्रति अत्यधिक उत्साहित हैं।
“स्वयं महायाजक और बुजुर्गों की समूची सभा इसे प्रमाणित कर सकती है। मैंने दमिश्क में इनके भाइयों के नाम इनसे पत्र भी लिया था और इस पंथ के वहाँ रह रहे लोगों को पकड़ कर बंदी के रूप में यरूशलेम लाने के लिये मैं गया भी था ताकि उन्हें दण्ड दिलाया जा सके।
वे मुझे बहुत समय से जानते हैं और यदि वे चाहें तो इस बात की गवाही दे सकते हैं कि मैंने हमारे धर्म के एक सबसे अधिक कट्टर पंथ के अनुसार एक फ़रीसी के रूप में जीवन जिया है।
ताकि तुम भोले भाले और पवित्र बन जाओ। तथा इस कुटिल और पथभ्रष्ट पीढ़ी के लोगों के बीच परमेश्वर के निष्कलंक बालक बन जाओ। उन के बीच अंधेरी दुनिया में तुम उस समय तारे बन कर चमको
और उसी में पाया जा सकूँ-मेरी उस धार्मिकता के कारण नहीं जो व्यवस्था के विधान पर टिकी थी, बल्कि उस धार्मिकता के कारण जो मसीह में विश्वास के कारण मिलती है, जो परमेश्वर से मिलती है और जिसका आधार विश्वास है।
यद्यपि पहले मैं उसका अपमान करने वाला, सताने वाला तथा एक अविनीत व्यक्ति था किन्तु मुझ पर दया की गयी क्योंकि एक अविश्वासी के रूप में यह नहीं जानते हुए कि मैं क्या कुछ कर रहा हूँ, मैंने सब कुछ किया
इसलिए नगर के लोग योआश के पास आए। उन्होंने योआश से कहा, “तुम्हें अपने पुत्र को बाहर लाना चाहिए। उसने बाल की वेदी को गिराया है और उसने उस अशेरा के खम्भे को काटा है जो उस वेदी की बगल में था। इसलिए तुम्हारे पुत्र को मारा जाना चाहिए।”