इसलिये हजाएल एलीशा से मिलने गया। हजाएल अपने साथ भेंट लाया। वह दमिश्क से हर प्रकार की अच्छी चीज़ें लाया। इन सबको लाने के लिये चालीस ऊँटों की आवश्यकता पड़ी। हजाएल एलीशा के पास गया। हजाएल ने कहा, “तुम्हारे अनुयायी अराम के राजा बेन्हदद ने मुझे आपके पास भेजा है। वह पूछता है कि क्या मैं अपनी बीमारी से स्वस्थ होऊँगा।”
तुम लोगों को ऐसा समझाती हो कि मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ। तुम्हें उन्हें मुट्ठी भर जौ और रोटी के कुछ टुकड़ों के लिये मेरे विरुद्ध करती हो। तुम मेरे लोगों से झूठ बोलती हो। वे लोग झूठ सुनना पसन्द करते हैं। तुम उन व्यक्तियों को मार डालती हो जिन्हें जीवित रहना चाहिये और तुम ऐसे लोगों को जीवित रहने देना चाहती हो जिन्हें मर जाना चाहिये!
बीमारों को ठीक करो, मरे हुओं को जीवन दो, कोढ़ियों को चंगा करो और दुष्टात्माओं को निकालो। तुमने बिना कुछ दिये प्रभु की आशीष और शक्तियाँ पाई हैं, इसलिये उन्हें दूसरों को बिना कुछ लिये मुक्त भाव से बाँटो।
एवम् उन लोगों के बीच जिनकी बुद्धि बिगड़ गयी है, निरन्तर बने रहने वाले मतभेद पैदा होते हैं, वे सत्य से वंचित हैं। ऐसे लोगों का विचार है कि परमेश्वर की सेवा धन कमाने का ही एक साधन है।