“यह राजा बहुत चुस्त और मक्कर होगा। वह अपनी कपट और झूठों के बल पर सफलता पायेगा। वह अपने आप को सबसे बड़ा समझेगा। लोगों को वह बिना किसी पूर्व चेतावनी के नष्ट करवा देगा। यहाँ तक कि वह राजाओं के राजा (परमेश्वर) से भी युद्ध का जतन करेगा किन्तु उस क्रूर राजा की शक्ति का अंत कर दिया जायेगा और उसका अंत किसी मनुष्य के हाथों नहीं होगा।
उन दोनों के पश्चात् फिर एक और स्वर्गदूत आया और ऊँचे स्वर में बोला, “यदि कोई उस पशु और उसकी मूर्ति की उपासना करता है और अपने हाथ या माथे पर उसका छाप धारण करता है,
ये शैतानी दुष्ट आत्माएँ थीं और उनमें चमत्कार दिखाने की शक्ति थी। वे समूचे संसार के राजाओं को परम शक्तिमान परमेश्वर के महान दिन, युद्ध करने के लिए एकत्र करने को निकल पड़ीं।
“जब धरती के राजा, जिन्होंने उसके साथ व्यभिचार किया और उसके भोग-विलास में हिस्सा बटाया, उसके जलने से निकलते धुआँ को देखेंगे तो वे उसके लिए रोयेंगे और विलाप करेंगे।