7 तभी उस दूत ने मुझसे पूछा, “तुम अचरज में क्यों पड़े हो? मैं तुम्हें इस स्त्री के और जिस पशु पर वह बैठी है, उसके प्रतीक को समझाता हूँ। सात सिरों और दस सीगों वाला यह पशु
7 स्वर्गदूत ने मुझ से कहा, “आप आश्चर्य क्यों करते हैं? मैं आप को उस स्त्री का रहस्य बताऊंगा और उस पशु का भी, जिस पर वह सवार है और जिसके सात सिर और दस सींग हैं।
7 तब उस स्वर्गदूत ने मुझ से कहा, “तू क्यों चकित हुआ? मैं इस स्त्री और उस पशु का, जिस पर वह सवार है और जिसके सात सिर और दस सींग हैं, तुझे भेद बताता हूँ।
7 तब स्वर्गदूत ने मुझसे कहा, “तू आश्चर्यचकित क्यों होता है? मैं तुझे इस स्त्री और सात सिर तथा दस सींगवाले उस पशु का भेद बताऊँगा, जिस पर वह स्त्री सवार है।
7 किंतु स्वर्गदूत ने मुझसे कहा: “क्यों हो रहे हो हैरान? मैं तुम्हें इस स्त्री तथा इस हिंसक जानवर का रहस्य बताऊंगा, जिसके सात सिर और दस सींग हैं, जिस पर यह स्त्री बैठी हुई है.
जो तुमने देखा है, पहले कभी जीवित था, किन्तु अब जीवित नहीं है। फिर भी वह पाताल से अभी निकलने वाला है। और तभी उसका विनाश हो जायेगा। फिर धरती के वे लोग जिन के नाम सृष्टि के प्रारम्भ से ही जीवन की पुस्तक में नहीं लिखे गये हैं, उस पशु को देखकर चकित होंगे क्योंकि कभी वह जीवित था, किन्तु अब जीवित नहीं है, पर फिर भी वह आने वाला है।
मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि व्यवस्थाहीनता की रहस्यमयी शक्ति अभी भी अपना काम कर रही है। अब कोई इसे रोक रहा है और वह तब तक इसे रोकता रहेगा, जब तक, उसे रोके रखने वाले को रास्ते से हटा नहीं दिया जाएगा।
ये जो सात तारे हैं जिन्हें तूने मेरे हाथ में देखा है और ये जो सात दीपाधार हैं, इनका रहस्यपूर्ण अर्थ है: ये सात तारे सात कलीसियाओं के दूत हैं तथा ये सात दीपाधार सात कलीसियाएँ हैं।