34 एमोरी लोगों ने दान के परिवार समूह के लोगों को पहाड़ी प्रदेश में रहने के लिये विवश कर दिया। दान के लोगों को पहाड़ियों मे ठहरना पड़ा क्योंकि एमोरी लोग उन्हें घाटियों में उतर कर नहीं रहने देते थे।
किन्तु दान के लोगों को अपना प्रदेश लेने में परेशानी उठानी पड़ी। वहाँ शक्तिशाली शत्रु थे और दान के लोग उन्हें सरलता से पराजित नहीं कर सकते थे। इसलिए दान के लोग गए और लेशेम के विरूद्ध लड़े। उन्होंने लेशेम को पराजित किया तथा जो लोग वहाँ रहते थे, उन्हें मार डाला। इसलिए दान के लोग लेशेम नगर में रहे। उन्होंने उसका नाम बदल कर दान कर दिया क्योंकि यह नाम उनके परिवार समूह के पूर्वज का था।
नप्ताली के परिवार समूह के साथ भी यही बात हुई। नप्ताली परिवार के लोग उन लोगों से बेतशेमेश और बेतनात नगरों को न छुड़वा सके। इसलिए नप्ताली के लोग उन नगरों में उन लोगों के साथ रहते चले आए। वे कनानी लोग नप्ताली लोगों के लिए दासों की तरह काम करते रहे।
एमोरी लोगों ने हेरेस पर्वत, अय्यलोन तथा शालबीम में ठहरने का निश्चय किया। बाद में, यूसुफ का परिवार समूह शाक्तिशाली हो गया। तब उन्होंने एमोरी लोगों से दासों की तरह काम लिया।
उस समय इस्राएल के लोगों का कोई राजा नहीं था और उस समय दान का परिवार समूह, अपना कहे जाने योग्य रहने के लिये भूमि की खोज में था। इस्राएल के अन्य परिवार समूहों ने पहले ही अपनी भूमि प्राप्त कर ली थी। किन्तु दान का परिवार समूह अभी अपनी भूमि नहीं पा सका था।