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नीतिवचन 18:2 - पवित्र बाइबल

2 मूर्ख सुख वह शेखचिल्ली बनने में लेता है। सोचता नहीं है कभी वे पूर्ण होंगी या नहीं। सुख उसे समझदारी के बातें नहीं देती।

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Hindi Holy Bible

2 और सब प्रकार की खरी बुद्धि से बैर करता है। मूर्ख का मन समझ की बातों में नहीं लगता, वह केवल अपने मन की बात प्रगट करना चाहता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 मूर्ख मनुष्‍य का मन समझ की बातों में नहीं लगता; वह सदा अपनी ही राय प्रकट करता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 मूर्ख का मन समझ की बातों में नहीं लगता, वह केवल अपने मन की बात प्रगट करना चाहता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

2 मूर्ख तो समझदारी की बातों से नहीं, बल्कि अपने ही मन की बातों को प्रकट करने से प्रसन्‍न होता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 विवेकशीलता में मूर्ख की कोई रुचि नहीं होती. उसे तो मात्र अपने ही विचार व्यक्त करने की धुन रहती है.

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नीतिवचन 18:2
14 क्रॉस रेफरेंस  

“अरे भोले लोगों! तुम कब तक अपना मोह सरल राहों से रखोगे? उपहास करनेवालों, तुम कब तक उपहासों में आनन्द लोगे? अरे मूर्खो, तुम कब तक ज्ञान से घृणा करोगे?


यहोवा का भय मानना ज्ञान का आदि है किन्तु मूर्ख जन तो बुद्धि और अनुशासन को तुच्छ मानते हैं।


ज्ञानी अधिक बोलता नहीं है, चुप रहता है किन्तु मूर्ख अधिक बोल बोलकर अपने अज्ञान को दर्शाता है।


हर एक विवेकी ज्ञानपूर्वक काम करता, किन्तु एक मूर्ख निज मूर्खता प्रकट करता है।


मूर्ख के हाथों में धन का क्या प्रयोजन! क्योंकि, उसको चाह नहीं कि बुद्धि को मोल ले।


दुष्टता के साथ—साथ घृणा भी आती है और निन्दा के साथ अपमान।


मूर्ख जब रास्ते में चलता हुआ होता है तो उसके चलने मात्र से उसकी मूर्खता व्यक्त होती है। जिससे हर व्यक्ति देख लेता है कि वह मूर्ख है।


फिर तो नगर के सभी लोग यीशु से मिलने बाहर निकल पड़े। जब उन्होंने यीशु को देखा तो उससे विनती की कि वह उनके यहाँ से कहीं और चला जाये।


तुम पर भी यही बात लागू होती है क्योंकि तुम आध्यत्मिक वरदानों को पाने के लिये उत्सुक हो। इसलिए उनमें भरपूर होने का प्रयत्न करो, जिससे कलीसिया को आध्यात्मिक सुदृढ़ता प्राप्त हो।


अब मूर्तियों पर चढ़ाई गई बलि के विषय में हम यह जानते हैं, “हम सभी ज्ञानी हैं।” ज्ञान लोगों को अहंकार से भर देता है। किन्तु प्रेम से व्यक्ति अधिक शक्तिशाली बनता है।


यह सत्य है कि उनमें से कुछ ईर्ष्या और बैर के कारण मसीह का उपदेश देते हैं किन्तु दूसरे लोग सदभावना से प्रेरित होकर मसीह का उपदेश देते हैं।


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