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नीतिवचन 17:14 - पवित्र बाइबल

14 झगड़ा शुरू करना ऐसा है जैसे बाँध का टूटना है, इसलिये इसके पहले कि तकरार शुरू हो जाये बात खत्म करो।

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Hindi Holy Bible

14 झगड़े का आरम्भ बान्ध के छेद के समान है, झगड़ा बढ़ने से पहिले उस को छोड़ देना उचित है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

14 लड़ाई-झगड़े का आरम्‍भ मानो बान्‍ध के छेद के समान है, अत: उसके फूटने के पहले ही वहाँ से हट जाओ!

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

14 झगड़े का आरम्भ बाँध के छेद के समान है, झगड़ा बढ़ने से पहले उसको छोड़ देना उचित है।

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नवीन हिंदी बाइबल

14 झगड़े का आरंभ बाँध में पड़ी दरार के समान है, अत: झगड़ा बढ़ने से पहले ही उसे रोक दो।

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सरल हिन्दी बाइबल

14 कलह का प्रारंभ वैसा ही होता है, जैसा विशाल जल राशि का छोड़ा जाना; तब उपयुक्त यही होता है कि कलह के प्रारंभ होते ही वहां से पलायन कर दिया जाए.

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नीतिवचन 17:14
28 क्रॉस रेफरेंस  

सभी इस्राएली राजा के पास आए। उन्होंने राजा से कहा, “हमारे भाई यहूदा के लोग, आपको चुरा ले गये और आपको और आपके परिवार को, आपके लोगों के सात यरदन नदी के पार ले आए। क्यों?”


अबिय्याह की सेना ने इस्राएल की सेना को बुरी तरह हराया और इस्राएल के पाँच लाख उत्तम योद्धा मारे गये।


अहंकार केवल झगड़ों को पनपाता है किन्तु जो सम्मति की बात मानता है, उनमें ही विवेक पाया जाता है।


धैर्यपूर्ण व्यक्ति बहुत समझ बूझ रखता है, किन्तु ऐसा व्यक्ति जिसे जल्दी से क्रोध आये वह तो अपनी ही मूर्खता दिखाता है।


कोमल उत्तर से क्रोध शांत होता है किन्तु कठोर वचन क्रोध को भड़काता है।


धीर जन किसी योद्धा से भी उत्तम हैं, और जो क्रोध पर नियंत्रण रखता है, वह ऐसे मनुष्य से उत्तम होता है जो पूरे नगर को जीत लेता है।


जिसको लड़ाई—झगड़ा भाता है, वह तो केवल पाप से प्रेम करता है और जो डींग हांकता रहता है वह तो अपना ही नाश बुलाता है।


अगर मनुष्य बुद्धिमान हो उसकी बुद्धि उसे धीरज देती है। जब वह उन लोगों को क्षमा करता है जो उसके विरूद्ध हो, तो अच्छा लगता है।


झगड़ो से दूर रहना मनुष्य का आदर है; किन्तु मूर्ख जन तो सदा झगड़े को तत्पर रहते।


तू किसी को जल्दी में कचहरी मत घसीट। क्योंकि अंत में वह लज्जित करें तो तू क्या कहेगा


कोयला अंगारों को और आग की लपट को लकड़ी जैसे भड़काती है, वैसे ही झगड़ीलू झगड़ों को भड़काता।


क्रोधी मनुष्य मतभेद भड़काता है, और ऐसा जन जिसको क्रोध आता हो, बहुत से पापों का अपराधी बनता है।


जहाँ तक बन पड़े सब मनुष्यों के साथ शान्ति से रहो।


शांतिपूर्वक जीने को आदर की वस्तु समझो। अपने काम से काम रखो। स्वयं अपने हाथों से काम करो। जैसा कि हम तुम्हें बता ही चुके हैं।


हमारे पर का पालन करें:

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