निर्गमन 9:32 - पवित्र बाइबल32 गेहूँ और कठिया नामक गेहूँ अन्य अन्नों से बाद में पकते हैं अतः ये फसलें नष्ट नहीं हुई थीं। अध्याय देखेंHindi Holy Bible32 पर गेहूं और कठिया गेहूं जो बढ़े न थे, इस कारण वे मारे न गए। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)32 किन्तु गेहूं और कठिया गेहूं नष्ट नहीं हुए। वे विलम्ब से बढ़ते हैं।) अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)32 पर गेहूँ और कठिया गेहूँ जो बढ़े न थे, इस कारण वे मारे न गए— अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल32 पर गेहूँ और कठिया गेहूँ नष्ट न हुए, क्योंकि वे बढ़े न थे।) अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल32 लेकिन गेहूं नष्ट नहीं हुआ था, क्योंकि उसका उपज देर से होता है.) अध्याय देखें |
किसान अपनी धरती को तैयार करता है, और फिर उसमें बीज अलग अलग डालता है। किसान अलग—अलग बीजों की रुपाई, ढंग से करता है। किसान सौंफ के बीज बिखेरता है। किसान अपने खेत पर जीरे के बीज बिखेरता है और एक किसान कठिये गेंहूँ को बोता है। एक किसान खास स्थान पर जौ लगाता है। एक किसान कठिये गेंहूँ के बीजों को खेत की मेंड़ पर लगाता है।
परमेश्वर ने यह भी कहा, “तुम्हें होटी बनाने के लिये कुछ अन्न लाना चाहिए। कुछ गेहूँ, जौ, सेम, मसूर, तिल, बाजरा और कठिया गेहूँ लाओ। इस सभी को एक कटोरे में मिलाओ और उन्हें पीसकर आटा बनाओ। तुम्हें इस आटे का उपयोग रोटी बनाने के लिये करना होगा। तुम केवल इसी रोटी को तीन सौ नब्बे दिनों तक अपनी बगल के सहारे लेटे हुये खाओगे।