24 “उनके देवताओं को मत पूजो। उन देवताओं को झूककर कभी प्रणाम मत करो। तुम उस ढंग से कभी न रहो जिस ढंग से वे रहते हैं। तुम्हें उनकी मूर्तियों को निश्चय ही नष्ट कर देना चाहिए और तुम्हें उनके प्रस्तर पिण्ड़ों को तोड़ देना चाहिए जो उन्हें उनके देवताओं को याद दिलाने में सहायता करती हैं।
24 उनके देवताओं को दण्डवत न करना, और न उनकी उपासना करना, और न उनके से काम करना, वरन उन मूरतों को पूरी रीति से सत्यानाश कर डालना, और उन लोगों की लाटों के टुकड़े टुकड़े कर देना।
24 तब तू उनके देवताओं की वन्दना नहीं करना, उनकी सेवा मत करना, और न उनके कार्यों के अनुरूप कार्य करना वरन् उनको पूर्णत: ध्वस्त करना, उनके पूजा-स्तम्भों को तोड़-फोड़ देना।
24 उनके देवताओं को दण्डवत् न करना, और न उनकी उपासना करना, और न उनके से काम करना, वरन् उन मूरतों का पूरी रीति से सत्यानाश कर डालना, और उन लोगों की लाटों को टुकड़े टुकड़े कर देना।
24 तू उनके देवताओं को दंडवत् न करना, और न उनकी उपासना करना; तू उनके जैसे काम भी न करना, बल्कि उन मूर्तियों को पूरी तरह से नष्ट कर देना, और उनके खंभों को टुकड़े-टुकड़े कर डालना।
24 तुम उनके देवताओं की आराधना मत करना, न उनकी सेवा करना, और न उनकी बातों को मानना. तुम उनके पूजा स्थान को नाश कर देना और उनके पूजा के पत्थरों को टुकड़े-टुकड़े कर देना.
किसी भी प्रकार की मूर्ति की पूजा मत करो, उसके आगे मत झुको। क्यों? क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। मेरे लोग जो दूसरे देवताओं की पूजा करते हैं मैं उनसे घृणा करता हूँ। यदि कोई व्यक्ति मेरे विरुद्ध पाप करता है तो मैं उसका शत्रु हो जाता हूँ। मैं उस व्यक्ति की सन्तानों की तीसरी और चौथी पीढ़ी तक को दण्ड दूँगा।
तुम लोग उन लोगों से भूमि ले लोगे जिन्हें तुम वहाँ पाओगे। तुम लोगों को उनकी उत्कीर्ण मूर्तियों और प्रतीकों को नष्ट कर देना चाहिए। तुम्हें उनके सभी उच्च स्थानों को नष्ट कर देना चाहिए।
तुम्हें उनकी वेदियों को नष्ट करना चाहिए और उनके विशेष पत्थरों को टुकड़े—टुकड़े कर देना चाहिए। तुन्हें उनके अशेरा स्तम्भों को जलाना चाहिए। उनके देवताओं की मूर्तियों को काट डालना चाहिए और उनके नाम वहाँ से मिटा देना चाहिये।
“तुम्हें इन राष्ट्रों के साथ यह करना चाहिएः तुम्हें उनकी वेदियाँ नष्ट करनी चाहिए और विशेष पत्थरों को टुकड़ों मे तोड़ डालना चाहिए। उनके अशेरा स्तम्भों को काट डालो और उनकी मूतिर्यों को जला दो!
मनशशे ने यहूदा के लोगों और यरूशलेम में रहने वाले लोगों को पाप करने के लिये उत्साहित किया। उसने उन राष्ट्रों से भी बड़ा पाप किया जिन्हें यहोवा ने नष्ट किया था और जो इस्राएलियों से पहले उस प्रदेश में थे!
यहाँ आने के पहले तुम लोग मिस्र में थे। तुम्हें वह नहीं करना चाहिए जो वहाँ हुआ करता था! मैं तुम लोगों को कनान ले जा रहा हूँ। तुम लोगों को वह नहीं करना है जो उस देश में किया जाता है!
तब मूसा ने लोगों के बनाए बछड़े को नष्ट कर दिया। उसने इसे आग में गला दिया। उसने सोने को तब तक पीसा जब तक यह चूर्ण न हो गया और उसने उस चूर्ण को पानी में फेंक दिया। उसने इस्राएल के लोगों को वह पानी पीने को विवश किया।
मनशशे ने वे सब कार्य किये जिन्हें यहोवा ने गलत कहा था। उसने अन्य राष्ट्रों के भयंकर और पापपूर्ण तरीकों का अनुसरण किया। यहोवा ने उन राष्ट्रों को इस्राएल के लोगों के सामने बाहर निकल जाने के लिये विवश किया था।
उन्हें अपने देश में मत रहने दो। यदि तुम उन्हें रहने दोगे तो तुम उनके जाल में फँस जाओगे। वे तुमसे मेरे विरुद्ध पाप करवाएंगे और तुम उनके देवताओं की सेवा आरम्भ कर दोगे।”
“अपने लिए मूर्तियाँ मत बनाओ। मूर्तियाँ या यादगार के पत्थर स्थापित मत करो। अपने देश में उपासना करने के लिए पत्थर की मूर्तियाँ स्थापित न करो। क्यों कियोंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ!
यहोराम ने वह सब किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है। परन्तु यहोराम अपने माता पिता की तरह न था क्योंकि उस ने उस स्तम्भ को दूर कर दिया जो उसके पिता ने बाल की पूजा के लिये बनवाई थी।
हिजकिय्याह ने उच्चस्थानों को नष्ट किया। उसने स्मृति पत्थरों और अशेरा स्तम्भों को खंडित कर दिया। उन दिनों इस्राएल के लोग मूसा द्वारा बनाए गाए काँसे के साँप के लिये सुगन्धि जलाते थे। इस काँसे के साँप का नाम “नहुशतान” था। हिजकिय्याह ने इस काँसे के साँप के टुकड़े कर डाले क्योंकि लोग उस साँप की पूजा कर रहे थे।
मोआबी स्त्रियों ने पुरुषों को आने और अपने मिथ्या देवताओं को भेंट चढ़ाने में सहायता करने के लिए आमंन्त्रित किया। इस्राएली लोगों ने वहाँ भोजन किया और मिथ्या देवताओं की पूजा की।
इस्राएली वही सब करने लगे थे जो दूसरे राष्ट्र करते थे। यहोवा ने उन लोगों को अपना देश छोड़ने को विवश किया था जब इस्राएली आए थे। इस्राएलियों ने भी राजाओं से शासित होना पसन्द किया, परमेश्वर से शासित होना नहीं।
इस्राएलियों ने पूजा के उन सभी स्थानों पर सुगन्धि जलाई। उन्होंने ये सभी कार्य उन राष्ट्रों की तरह किया जिन्हें यहोवा ने उनके सामने देश छोड़ने को विवश किया था। इस्राएलियों ने वे काम किये जिन्होंने यहोवा को क्रोधित किया।
अमस्याह एदोमी लोगों को हराने के बाद घर लौटा। वह सेईर के लोगों की उन देवमूर्तियों को लाया जिनकी वे पूजा करते थे। अमस्याह ने उन देवमूर्तियों को पूजना आरम्भ किया। उसने उन देवताओं को प्रणाम किया और उनको सुगन्धि भेंट की।
इस्राएल के लोग परमेश्वर को धोखा देने का जतन करते ही रहे। किन्तु अब तो उन्हें निज अपराधमानना चाहिये। यहोवा उनकी वेदियों को तोड़ फेंकेगा, वह स्मृति—स्तूपों को तहस—नहस करेगा।