3 तब मैंने हनानी और हनन्याह से कहा, “तुम्हें हर दिन यरूशलेम का द्वार खोलने से पहले घंटों सूर्य चढ़ जाने के बाद तक इंतजार करते रहना चाहिए और सूर्य छुपने से पहले ही तुम्हें दरवाजें बन्द करके उन पर ताला लगा देना चाहिए। यरूशलेम में रहने वाले लोगों में से तुम्हें कुछ और लोग चुनने चाहिए और उन्हें नगर की रक्षा करने के लिए विशेष स्थानों पर नियुक्त करो तथा कुछ लोगों को उनके घरों के पास ही पहरे पर लगा दो।”
3 और मैं ने उन से कहा, जब तक घाम कड़ा न हो, तब तक यरूशलेम के फाटक न खोले जाएं और जब पहरुए पहरा देते रहें, तब ही फाटक बन्द किए जाएं और बेड़े लगाए जाएं। फिर यरूशलेम के निवासियों में से तू रखवाले ठहरा जो अपना अपना पहरा अपने अपने घर के साम्हने दिया करें।
3 मैंने उन्हें आदेश दिया, ‘जब तक धूप तेज न हो जाए तब तक यरूशलेम नगर के प्रवेश-द्वार मत खोलना, और जब पहरेदार पहरा देते होंगे तब ही उनको बन्द करना तथा उनकी अर्गलाएँ लगा देना। यरूशलेम के निवासियों में से ही पहरेदार नियुक्त करना। वे अपने-अपने घर के सामने पहरा देंगे।’
3 मैं ने उनसे कहा, “जब तक धूप कड़ी न हो, तब तक यरूशलेम के फाटक न खोले जाएँ और जब पहरुए पहरा देते रहें, तब ही फाटक बन्द किए जाएँ और बेड़े लगाए जाएँ। फिर यरूशलेम के निवासियों में से तू रखवाले ठहरा जो अपना अपना पहरा अपने अपने घर के सामने दिया करें।”
3 उनके लिए मेरा आदेश था, “जब तक सूरज में गर्मी रहे येरूशलेम के फाटक न खोले जाएं और जब तक पहरेदार द्वार पर खड़े ही होंगे, द्वार बंद ही रखे जाएं और उनमें चिटकनी लगी रहे. जो द्वारपाल ठहराए जाएं, वे येरूशलेम के रहनेवाले ही हों; हर एक को अपने-अपने निर्दिष्ट स्थानों पर और शेष अपने घरों के सामने के द्वार पर खड़ा किये जाए.”
3 और मैंने उनसे कहा, “जब तक धूप कड़ी न हो, तब तक यरूशलेम के फाटक न खोले जाएँ और जब पहरुए पहरा देते रहें, तब ही फाटक बन्द किए जाएँ और बेड़े लगाए जाएँ। फिर यरूशलेम के निवासियों में से तू रखवाले ठहरा जो अपना-अपना पहरा अपने-अपने घर के सामने दिया करें।”
सो हर शुक्रवार की शाम को साँझ होने से पहले ही मैंने यह किया कि द्वारपालों को आज्ञा देकर यरूशलेम के द्वार बंद करवा कर उन पर ताले डलवा दिये। मैंने यह आज्ञा भी दे दी कि जब तक सब्त का दिन पूरा न हो जाये द्वार न खोले जायें। कुछ अपने ही लोग मैंने द्वारों पर नियुक्त कर दिये। उन लोगों को यह आदेश दे दिया गया था कि सब्त के दिन यरूशलेम में कोई भी माल असबाब न आने पाये इसे सुनिश्चित कर लें।
फिर बिन्यामीन और हश्शूब ने अपने घरों के आगे के नगर परकोटे के हिस्सों की मरम्मत की। उसके घर के बाद की दीवार अनन्याह के पोते और मासेयाह के पुत्र अजर्याह ने बनवाई।
इसके बाद मैंने अपने भाई हनानी को यरूशलेम का हाकिम नियुक्त कर दिया। मैंने हनन्याह नाम के एक और व्यक्ति को चुना और उसे किलेदार नियुक्त कर दिया। मैंने हनानी को इसलिए चुना था कि वह बहुत ईमानदार व्यक्ति था तथा वह परमेश्वर से आम लोगों से कहीं अधिक डरता था।