20 इसके बाद बारुक के पुत्र जब्बै ने उससे अगले हिस्से की मरम्मत की। उसने उस कोने से लेकर एल्याशीब के घर के द्वार तक दीवार के इस हिस्से की बड़ी मेहनत से मरम्मत की। एल्याशीब महायाजक था।
वहाँ के महायाजक का नाम था एल्याशीब। एल्याशीब और उसके साथी (याजक) निर्माण का काम करने के लिये गये और उन्होंने भेड़ द्वार का निर्माण किया। उन्होंने प्रार्थनाएँ की और यहोवा के लिये उस द्वार को पवित्र बनाया। उन्होंने द्वार के दऱवाजों को दीवार में लगाया। उन याजकों ने यरूशलेम के परकोटे पर काम करते हुए हम्मेआ के गुम्बद तथा हननेल के गुम्बद तक उसका निर्माण किया। उन्होंने प्रार्थनाएँ कीं और यहोवा के लिये अपने कार्य को पवित्र बनाया।
हर समय करने के लिये तुम्हारे पास काम है। इसे तुम जितनी उत्तमता से कर सकते हो करो। कब्र में तो कोई काम होगा ही नहीं। वहाँ न तो चिन्तन होगा, न ज्ञान और न विवेक और मृत्यु के उस स्थान को हम सभी तो जा रहे हैं।
योयादा का एक पुत्र होरोन के सम्बल्लत का दामाद था। योयादा महायाजक एल्याशीब का पुत्र था। सो मैंने योयादा के उस पुत्र पर दबाव डाला कि वह मेरे पास से भाग जाये।
किन्तु ऐसा होने से पहले एल्याशीब ने तोबियाह को मंदिर में एक बड़ी सी कोठरी दे दी। एल्याशीब परमेश्वर के मन्दिर के भण्डार घरों का अधिकारी याजक था, तथा एल्याशीब तोबियाह का घनिष्ठ मित्र भी था। पहले उस कोठरी का प्रयोग भेंट में चढ़ाये गये अन्न, सुगन्ध और मन्दिर के बर्तनों तथा अन्य वस्तुओं के रखने के लिये किया जाता था। उस कोठरी में लेवियों, गायकों और द्वारपालों के लिये अन्न के दसवें भाग, नयी दाखमधु और तेल भी रखा करते थे। याजकों को दिये गये उपहार भी उस कोठरी में रखे जाते थे। किन्तु एल्याशीब ने उस कोठरी को तोबियाह को दे दिया था।