नहेम्याह 10:32 - पवित्र बाइबल32 “परमेश्वर के भवन का ध्यान रखने के लिये उसके आदेशों पर चलने के उत्तरदायित्व को हम ग्रहण करेंगे। हम हर साल एक तिहाई शेकेल हमारे परमेश्वर के सम्मान में भवन की सेवा, उपासना को बढ़ावा देने के लिये दिया करेंगे। अध्याय देखेंHindi Holy Bible32 फिर हम लोगों ने ऐसा नियम बान्ध लिया जिस से हम को अपने परमेश्वर के भवन की उपासना के लिये एक एक तिहाई शेकेल देना पड़ेगा: अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)32 ‘हम प्रतिज्ञा करते हैं कि हम अपने परमेश्वर के भवन की सेवा में प्रतिवर्ष चांदी का एक तिहाई सिक्का देंगे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)32 “फिर हम लोगों ने ऐसा नियम बाँध लिया जिससे हम को अपने परमेश्वर के भवन की उपासना के लिये प्रतिवर्ष एक एक तिहाई शेकेल देना पड़ेगा : अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल32 हमने खुद अपने ऊपर यह जवाबदारी भी ले ली कि हम हर साल एक तिहाई शेकेल का दान दिया करेंगे, कि यह परमेश्वर के भवन में सेवा के लिए इस्तेमाल किया जाए; अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201932 फिर हम लोगों ने ऐसा नियम बाँध लिया जिससे हमको अपने परमेश्वर के भवन की उपासना के लिये प्रतिवर्ष एक-एक तिहाई शेकेल देना पड़ेगा: अध्याय देखें |
उन्हीं दिनों यहूदा में मैंने देखा कि लोग सब्त के दिन भी काम करते हैं। मैंने देखा कि लोग दाखमधु बनाने कि लिए अँगूरों का रस निकाल रहे हैं। मैंने लोगों को अनाज लाते और उसे गधों पर लादते देखा। मैंने लोगों को नगर में अँगूर, अंजीर तथा हर तरह की वस्तुएँ ले कर आते हुए देखा। वे इन सब वस्तुओं को सब्त के दिन यरूशलेम में ला रहे थे। सो इसके लिए मैंने उन्हें चेतावनी दी। मैंने उनसे कह दिया कि उन्हें सब्त के दिन खाने की वस्तुएँ कदापि नहीं बेचनी चाहिए।
तुम्हें यह ज्ञान है कि तुम्हारे पूर्वजों ने ऐसे ही काम किये थे। इसलिए हमारे परमेश्वर ने हम पर औऱ हमारे नगर पर विपत्तियाँ भेजी थीं और विनाश ढाया था। अब तुम लोग तो वैसे काम और भी अधिक कर रहे हो, जिससे इस्राएल पर वैसी ही बुरी बातें और अधिक घटेंगी क्योंकि तुम सब्त के दिन को बर्बाद कर रहे हो और इसे ऐसा बनाये डाल रहे हो जैसे यह कोई महत्वपूर्ण दिन ही नहीं है।”
किन्तु सातवें वर्ष अपनी भूमि का उपयोग न करो। सातवाँ वर्ष भूमि के विश्राम का विशेष समय होगा। अपने खेतों में कुछ भी न बोओ। यदि कोई फ़सल वहाँ उगती है तो उसे गरीब लोगों को ले लेने दो। जो भी खाने की चीज़ें बच जाएं उन्हें जंगली जानवरों को खा लेने दो। यही बात तुम्हें अपने अंगूर और जैतून के बागों के सम्बन्ध में भी करनी चाहिए।