7 हम इस्राएल के लोग तेरे लिये बहुत बुरे रहे हैं। हमने तेरे उन आदेशों, अध्यादेशों तथा विधान का पालन नहीं किया है जिन्हें तूने अपने सेवक मूसा को दिया था।
7 हमने तेरे प्रति अत्यन्त बुरा व्यवहार किया है; क्योंकि जो आज्ञाएं, संविधियां और न्याय- सिद्धान्त, तूने अपने सेवक मूसा को प्रदान किए थे, उनके अनुरूप हमने आचरण नहीं किया।
7 हमारा आचरण आपके सामने बहुत ही दुष्टता से भरा रहा है. हमने आपके आदेशों का पालन नहीं किया है, न ही हमने आपके नियमों और विधियों का पालन ही किया है, जिनका आदेश आपने अपने सेवक मोशेह को दिया था.
उन सभी आदेशों का सावधानी पूर्वक पालन करो जिन्हें यहोवा परमेश्वर ने हमें दिया है। सावधानीपूर्वक उसके सभी नियमों का पालन करो, और वे कार्य करो जो उसने हमें कहा है। सावधानी से उन नियमों का पालन करो जो मूसा की व्यवस्था की किताब में लिखे हैं। यदि तुम इन सभी का पालन करोगे तो तुम जो कुछ करोगे और जहाँ कहीं जाओगे, सफल होगे
किन्तु अमस्याह ने उन अधिकारियों के बच्चों को नहीं मारा। क्यों? क्योंकि उसने मूसा के पुस्तक में लिखे नियमों को माना। यहोवा ने आदेश दिया था, “पिताओं को अपने पुत्रों के पाप के लिये नहीं मारना चाहिए। बच्चों को अपने पिता के पापों के लिये नहीं मरना चाहिए। हर एक व्यक्ति को अपने स्वयं के पाप के लिये मरना चाहिए।”
योताम ने वह किया, जो यहोवा उससे करवाना चाहता था। उसने परमेश्वर की आज्ञा का पालन वैसे ही किया जैसे उसके पिता उज्जिय्याह ने किया था। किन्तु योताम यहोवा के मन्दिर में सुगन्धि जलाने के लिये उसी प्रकार नहीं घुसा जैसे उसका पिता घुसा था। किन्तु लोगों ने पाप करना जारी रखा।
एज्रा बाबेल से यरूशलेम आया। एज्रा का शिक्षक था। वह मूसा के नियमों को अच्छी तरह जानता था। मूसा का नियम यहोवा इस्राएल के परमेश्वर द्वारा दिया गया था। राजा अर्तक्षत्र ने एज्रा को वह हर चीज़ दी जिसे उसने माँगा क्योंकि यहावा परमेशवर एज्रा के साथ था।
इस्राएल देश पाप से भर गया है। यह पाप एक ऐसे भारी बोझ के समान है जिसे लोगों को उठाना ही है। वे लोग बुरे और दुष्ट बच्चों के समान हैं। उन्होंने यहोवा को त्याग दिया। उन्होंने इस्राएल के पवित्र (परमेश्वर) का अपमान किया। उन्होंने उसे छोड़ दिया और उसके साथ अजनबी जैसा व्यवहार किया।
इस्राएल का कोई भी व्यक्ति तेरी शिक्षाओं पर नहीं चला। वे सभी भटक गये थे। उन्होंने तेरे आदेशों का पालन नहीं किया। मूसा, (जो परमेश्वर का सेवक था) की व्यवस्था के विधान में शापों और वादों का उल्लेख हुआ है। वे शाप और वादे व्यवस्था के विधान पर नहीं चलने के दण्ड का बखान करते हैं और वे सभी बातें हमारे संग घट चुकी हैं क्योंकि हमने यहोवा के विरोध में पाप किये हैं।
वे सभी भयानक बातें हमारे साथ भी घटीं। यह बातें ठीक वैसे ही घटीं, जैसे मूसा के व्यवस्था के विधान में लिखी हुई हैं। किन्तु हमने अभी भी परमेश्वर से सहारा नहीं माँगा है! हमने अभी भी पाप करना नहीं छोड़ा है। हे यहोवा, तेरे सत्य पर हम अभी भी ध्यान नहीं देते।
मैं तुमसे यह इसलिए कह रहा हूँ ताकि तुम शिक्षा लो। मैं चाहता हूँ कि तुम मुझसे डरो और मेरा सम्मान करो। यदि तुम ऐसा करोगे तो तुम्हारा घर नष्ट नहीं होगा। यदि तुम ऐसा करोगे तो मैं अपनी बनाई योजना के अनुसार तुम्हें दण्ड नहीं दूँगा।” किन्तु वे बुरे लोग वैसे ही बुरे काम और अधिक करना चाहते हैं जिन्हें उन्होंने पहले ही कर रखा हैं!
“मूसा की व्यवस्था को याद करो और पालन करो। मूसा मेरा सेवक था। मैंने होरेब (सिनाइ) पर्वत पर उन विधियों और नियमों को उसे दिया। वे नियम इस्राएल के सभी लोगों के लिये हैं।”
“इस्राएल, अब उन नियमों और आदेशों को सुनो जिनका उपदेश मैं दे रहा हूँ। उनका पालन करो। तब तुम जीवित रहोगे और जा सकोगे तथा उस प्रदेश को ले सकोगे जिसे यहोवा तुम्हारे पूर्वजों का परमेश्वर तुम्हें दे रहा है।
“ध्यान दो, मेरे परमेश्वर यहोवा ने जो मुझे आदेश दिये उन्ही नियमों, विधियों की मैंने तुमको शिक्षा दी है। मैंने यहोवा के इन नियमों की शिक्षा इसलिए दी कि जिस देश में प्रवेश करने और जिसे अपना बनाने के लिए तैयार हो उसमें उनका पालन कर सको।
मूसा ने इस्राएल के सभी लोगों को एक साथ बुलाया और उनसे कहा, “इस्राएल के लोगो, आज जिन नियम व विधियों को मैं बता रहा हूँ उन्हें सुनो। इन नियमों को सीखो और दृढ़ता से उनका पालन करो।
“जिन आदेशों, विधियों और नियमों को यहोवा, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें सिखाने को मुझे कहा है, वे ये हैं। इनका पालन उस देश में करो जिसमे रहने के लिए तुम प्रवेश कर रहे हो।
उसके न्याय सदा सच्चे हैं, धर्म युक्त हैं, उस महती वेश्या का उसने न्याय किया है, जिसने अपने व्यभिचार से इस धरती को भ्रष्ट किया था जिनको उसने मार दिया उन दास जनों की हत्या का प्रतिशोध हो चुका।”