दानिय्येल 9:26 - पवित्र बाइबल26 बासठ सप्ताह बाद उस अभिषिक्त पुरूष की हत्या कर दी जायेगी। वह चला जायेगा। फिर होने वाले नेता के लोग नगर को और उस पवित्र ठांव को तहस—नहस कर देंगे। वह अंत ऐसे आयेगा जैसे बाढ़ आती है। अंत तक युद्ध होता रहेगा। उस स्थान को पूरी तरह तहस—नहस कर देने की परमेश्वर आज्ञा दे चुका है। अध्याय देखेंHindi Holy Bible26 और उन बासठ सप्ताहों के बीतने पर अभिषिक्त पुरूष काटा जाएगा: और उसके हाथ कुछ न लगेगा; और आने वाले प्रधान की प्रजा नगर और पवित्रस्थान को नाश तो करेगी। परन्तु उस प्रधान का अन्त ऐसा होगा जैसा बाढ़ से होता है; तौभी उसके अन्त तक लड़ाई होती रहेगी; क्योंकि उसका उजड़ जाना निश्चय ठाना गया है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)26 बासठ सप्ताहों के पश्चात् एक दूसरा ‘अभिषिक्त’ होगा। वह काटा जाएगा, और उसके पास कुछ नहीं रह जाएगा। एक अगुआ आएगा। उस की सेना नगर और पवित्र स्थान को खण्डहर बना देगी। उसका अन्त बाढ़ से होगा, और अन्त तक युद्ध होता रहेगा। विनाश ठहराया जा चुका है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)26 उन बासठ सप्ताहों के बीतने पर अभिषिक्त पुरुष काटा जाएगा : और उसके हाथ कुछ न लगेगा; और आनेवाले प्रधान की प्रजा नगर और पवित्रस्थान को नष्ट तो करेगी। परन्तु उस प्रधान का अन्त ऐसा होगा जैसा बाढ़ से होता है; तौभी उसके अन्त तक लड़ाई होती रहेगी; क्योंकि उसका उजड़ जाना निश्चय ठान लिया गया है। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल26 बासठ ‘सात’ के बाद अभिषिक्त जन मार डाला जाएगा, और कुछ न होगा. शासन करनेवाले के लोग आकर शहर और पवित्र स्थान को नष्ट कर देंगे. बाढ़ के समान अंत आ जाएगा: अंत तक युद्ध होता रहेगा, और उजाड़ का निर्णय लिया जा चुका है. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201926 और उन बासठ सप्ताहों के बीतने पर अभिषिक्त पुरुष काटा जाएगा: और उसके हाथ कुछ न लगेगा; और आनेवाले प्रधान की प्रजा नगर और पवित्रस्थान को नाश तो करेगी, परन्तु उस प्रधान का अन्त ऐसा होगा जैसा बाढ़ से होता है; तो भी उसके अन्त तक लड़ाई होती रहेगी; क्योंकि उसका उजड़ जाना निश्चय ठाना गया है। अध्याय देखें |
फिर उत्तर का राजा दक्षिण के राजा से युद्ध करने के लिये अपनी सारी शक्ति का उपयोग करने का निश्चय करेगा। वह दक्षिण के राजा के साथ एक सन्धि करेगा। उत्तर का राजा दक्षिण के राजा से अपनी एक पुत्री का विवाह कर देगा। उत्तर का राजा ऐसा इसलिये करेगा कि वह दक्षिण के राजा को हरा सके। किन्तु उसकी वे योजनाएँ फलीभूत नहीं होंगी। इन योजनाओं से उसे कोई सहायता नहीं मिलेगी।
“उत्तर का राजा जो चाहेगा, सो करेगा। वह अपने बारे में डींग हांकेगा। वह आत्म प्रशंसा करेगा और सोचेगा कि वह किसी देवता से भी अच्छा है। वह ऐसी बातें करेगा जो किसी ने कभी सुनी तक न होंगी। वह देवताओं का परमेश्वर के विरोध में ऐसी बातें करेगा। वह उस समय तक कामयाब होता चला जायेगा जब तक वे सभी बुरी बातें घट नहीं जाती। किन्तु परमेश्वर ने योजना रची है, वह तो पूरी होगी ही।