19 हे यहोवा मेरी सुन, हे यहोवा, हमें क्षमा कर दें। यहोवा, हम पर ध्यान दे, और फिर कुछ कर! अब और प्रतीक्षा मत कर! इसी समय कुछ कर! उसे तू स्वयं अपने भले के लिये कर! हे परमेश्वर, अब तो अपने नगर और अपने उन लोगों के लिये, जो तेरे नाम से पुकारे जाते हैं, कुछ कर।”
19 हे प्रभु, सुन ले; हे प्रभु, पाप क्षमा कर; हे प्रभु, ध्यान देकर जो करता है उसे कर, विलम्ब न कर; हे मेरे परमेश्वर, तेरा नगर और तेरी प्रजा तेरी ही कहलाती है; इसलिये अपने नाम के निमित्त ऐसा ही कर॥
19 हे स्वामी, हमारी प्रार्थना को सुन। हे स्वामी, हमारे अपराध को क्षमा कर। हे स्वामी, हम पर ध्यान दे और हमें मुक्त कर। हे मेरे परमेश्वर, अपनी ही महिमा के लिए विलम्ब मत कर, क्योंकि तेरा नगर और तेरे निज लोग तेरे ही नाम से पुकारे जाते हैं।”
19 हे प्रभु, सुन ले; हे प्रभु, पाप क्षमा कर; हे प्रभु, ध्यान देकर जो करना है उसे कर, विलम्ब न कर; हे मेरे परमेश्वर, तेरा नगर और तेरी प्रजा तेरी ही कहलाती है; इसलिये अपने नाम के निमित्त ऐसा ही कर।”
19 हे प्रभु, सुन लीजिए! हे प्रभु, क्षमा कर दीजिए! हे प्रभु, सुनिए और करिये! हे मेरे परमेश्वर, अपने ही हित में, विलंब न कीजिए, क्योंकि आपका शहर और आपके लोग आपके नाम से जाने जाते हैं.”
19 हे प्रभु, सुन ले; हे प्रभु, पाप क्षमा कर; हे प्रभु, ध्यान देकर जो करना है उसे कर, विलम्ब न कर; हे मेरे परमेश्वर, तेरा नगर और तेरी प्रजा तेरी ही कहलाती है; इसलिए अपने नाम के निमित्त ऐसा ही कर।”
हे मेरे परमेश्वर, मेरी सुन! जरा अपनी आँखें खोल और हमारे साथ जो भयानक बातें घटी हैं, उन्हें देख! वह नगर जो तेरे नाम से पुकारा जाता था, देख उसके साथ क्या हो गया है! मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि हम अच्छे लोग हैं। इसलिये मैं इन बातों की याचना कर रहा हूँ। यह याचना तो मैं इसलिये कर रहा हूँ कि मैं जानता हूँ कि तू दयालु है।
मैं तुम्हें बताता हूँ वह यद्यपि नहीं उठेगा और तुम्हें कुछ नहीं देगा, किन्तु फिर भी क्योंकि वह तुम्हारा मित्र है, सो तुम्हारे निरन्तर, बिना संकोच माँगते रहने से वह खड़ा होगा और तुम्हारी आवश्यकता भर, तुम्हें देगा।
टिड्डियों ने देश की सारी घास खा डाली। उसके बाद मैंने कहा, “मेरे स्वामी यहोवा, मैं प्रार्थना करता हूँ, हमें क्षमा कर! याकूब बच नहीं सकता! वह अत्यन्त छोटा है!”
तू उस व्यक्ति के समान लगता है जिस पर अचानक हमला किया गया हो। तू उस सैनिक सा लगता है जिसके पास किसी को बचाने की शक्ति न हो। किन्तु हे यहोवा, तू हमारे साथ है। हम तेरे नाम से पुकारे जाते हैं, अत: हमें असहाय न छोड़।”
“हम जानते हैं कि यह सब कुछ हमारे अपराध के कारण है। हम अब अपने पापों के कारण कष्ट उठा रहे हैं। हे यहोवा, अपने अच्छे नाम के लिये हमारी कुछ मदद कर। हम स्वीकार करते हैं कि हम लोगों ने तुझको कई बार छोड़ा है। हम लोगों ने तेरे विरुद्ध पाप किये हैं।
इसलिए इन लोगों को अपना महान प्रेम दिखा। उनके पाप को क्षमा कर। उनको उसी प्रकार क्षमा कर जिस, प्रकार तू उनको मिस्र छोड़ने के समय से अब तक क्षमा करता रहा है।”
उसने ऐसा इसलिए किया कि वह अपनी महिमामय अनुग्रह के कारण स्वयं को प्रशंसित करे। उसने इसे हमें, जो उसके प्रिय पुत्र में स्थित हैं मुक्त भाव से प्रदान किया।
अत: मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “अब मैं याकूब के परिवार को बन्धुवाई से निकालूँगा। मैंने पूरे इस्राएल के परिवार पर दया की है। मैं अपने पवित्र नाम के लिये विशेष भावना प्रकट करूँगा।
अत: इस्राएल के परिवार से कहो कि स्वामी यहोवा यह कहता है, ‘इस्राएल के परिवार, तुम जहाँ गए वहाँ तुमने मेरे पवित्र नाम को बदनाम किया। इसे रोकने के लिये मैं कुछ करने जा रहा हूँ। मैं यह तुम्हारे लिये नहीं करूँगा। इस्राएल, मैं इसे अपने पवित्र नाम के लिये करूँगा।
लेकिन मैंने अपने को रोक लिया। अन्य राष्ट्रों ने मुझे इस्राएल को मिस्र से बाहर लाते देखा। जिससे मेरा नाम अपवित्र न हो। इसलिये मैंने उन अन्य देशों के सामने इस्राएल को नष्ट नहीं किया।
किन्तु मैंने उन्हें नष्ट नहीं किया। अन्य राष्ट्रों ने मुझे इस्राएल को मिस्र से बाहर लाते देखा। मैं अपने अच्छे नाम को समाप्त नहीं करना चाहता था, इसलिए मैंने उन राष्ट्रों के सामने इस्राएल को नष्ट नहीं किया।
किन्तु मैंने उन्हें नष्ट नहीं किया। मैं लोगों से जहाँ वे रह रहे थे पहले ही कह चुका था कि मैं अपने लोगों को मिस्र से बाहर ले जाऊँगा। मैं अपने अच्छे नाम को समाप्त नहीं करना चाहता, इसलिये मैंने उन लोगों के सामने इस्राएलियों को नष्ट नहीं किया।
मैं अपने नाम पर पुकारे जाने वाले यरूशलेम नगर पर पहले ही बुरी विपत्तियाँ ढाने जा रहा हूँ। सम्भव है कि तुम लोग सोचो कि तुम्हें दण्ड नहीं मिलेगा। किन्तु तुम गलत सोच रहे हो। तुम्हें दण्ड मिलेगा। मैं पृथ्वी के सभी लोगों पर आक्रमण करने के लिये तलवार मंगाने जा रहा हूँ।’” यह सन्देश यहोवा का है।
जब ऐसा हो तो तू स्वर्ग से उनकी सुन। स्वर्ग तेरा आवास है। उनकी प्रार्थना और याचना को स्वीकार कर और उनकी सहायता कर और अपने उन लोगों को क्षमा कर दे जिन्होंने तेरे विरुद्ध पाप किया है।
मेरी प्रार्थनाएँ सुन और तेरे इस्राएल के लोग जो प्रार्थना कर रहे हैं, उन्हें भी सुन। जब हम तेरे मन्दिर को देखते हुए प्रार्थना कर रहे हैं तो तू हमारी प्रार्थनाएँ सुन। तू स्वर्ग में जहाँ रहता है वहीं से सुन और जब तू हमारी प्रार्थनाएँ सुने तो तू हमें क्षमा कर।
उन सभी लोगों को, जो मेरे हैं, मेरे पास ले आ अर्थात् उन लोगों को जो मेरा नाम लेते हैं। मैंने उन लोगों को स्वयं अपने लिये बनाया है। उनकी रचना मैंने की है और वे मेरे हैं।”