दानिय्येल 4:1 - पवित्र बाइबल1 राजा नबूकदनेस्सर ने बहुत सी जातियों और दूसरी भाषा बोलने वाले लोगों को, जो सारी दुनिया में बसे हुये थे, यह पत्र भेजा। शुभकामनाएँ: अध्याय देखेंHindi Holy Bible1 नबूकदनेस्सर राजा की ओर से देश-देश और जाति जाति के लोगों, और भिन्न-भिन्न भाषा बोलने वाले जितने सारी पृथ्वी पर रहते हैं, उन सभों को यह वचन मिला, तुम्हारा कुशल क्षेम बढ़े! अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)1 नबूकदनेस्सर का परिपत्र: “पृथ्वी के सब कौमों, राष्ट्रों और भाषाओं के लोगो! तुम्हारी सुख-समृद्धि दिन दूनी रात चौगुनी बढ़े। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)1 नबूकदनेस्सर राजा की ओर से देश–देश और जाति–जाति के लोगों, और भिन्न–भिन्न भाषा बोलनेवाले जितने सारी पृथ्वी पर रहते हैं, उन सभों को यह वचन मिला : “तुम्हारा कुशल क्षेम बढ़े! अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल1 राजा नबूकदनेज्ज़र की ओर से, सारी पृथ्वी पर रहनेवाले जाति-जाति और हर भाषा के लोगों को यह वचन: आप सब की बहुत उन्नति हो! अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20191 नबूकदनेस्सर राजा की ओर से देश-देश और जाति-जाति के लोगों, और भिन्न-भिन्न भाषा बोलनेवाले जितने सारी पृथ्वी पर रहते हैं, उन सभी को यह वचन मिला, “तुम्हारा कुशल क्षेम बढ़े! अध्याय देखें |
सो आज से मैं यह नियम बनाता हूँ: किसी भी देश अथवा किसी भी भाषा को बोलने वाला कोई व्यक्ति यदि शद्रक, मेशक और अबेदनगो के परमेश्वर के विरोध में कुछ कहेगा तो उसके टुकड़े—टकड़े कर दिये जायेंगे और उसके घर को उस समय तक तोड़ा—फोड़ा जायेगा, जब तक वह मलबे और राख का ढेर मात्र न रह जाये। कोई भी दूसरा देवता अपने लोगों को इस तरह नही बचा सकता।”
अमासै तीस वीरों का प्रमुख था। अमासै पर आत्मा उतरी। अमासै ने कहा, “दाऊद हम तुम्हारे हैं। यिशै—पुत्र, हम तुम्हारे साथ हैं! शान्ति, शान्ति हो तम्हारे साथ! शान्ति उन लोगों को जो तुम्हारी सहायता करें। क्यों? क्योंकि तुम्हारी परमेश्वर, तुम्हारा सहायता करता है!” तब दाऊद ने इन लोगों का स्वागत किया। उसने अपनी सेना में उन्हें प्रमुख बनाया।
राजा के सचिवों को तत्काल बुलाया गया। सीवान नाम के तीसरे महीने की तेईसवीं तारीख को वह आदेश पत्र लिखा गया। यहूदियों के लिये मोर्दकै के सभी आदेशों को सचिवों ने लिखकर यहूदियों, मुखियाओं, राज्यपालों और एक सौ सत्ताईस प्रांतो के अधिकारियों के पास पहुँचा दिया। ये प्रांत भारत से लेकर कूश तक फैले हुए थे। ये आदेश पत्र हर प्रांत की लिपि और भाषा में लिखे गये थे और हर देश के लोगों की भाषा में उसका अनुवाद किया गया था। यहूदियों के लिये ये आदेश उन की अपनी भाषा और उनकी अपनी लिपि में लिखे गये थे।
फिर उस पहले महीने के तेरहवें दिन महाराजा के सचिवों को बुलाया गया। उन्होंने हामान के सभी आदेशों को हर प्रांत की लिपि और विभिन्न लोगों की भाषा में अलग—अलग लिख दिया। साथ ही उन्होंने उन आदेशों को प्रत्येक कबीले के लोगों की भाषा में भी लिख दिया। उन्होंने राजा के मुखियाओं, विभिन्न प्रांतों के राज्यपालों अलग अलग कबीलों के मुखियाओं के नाम पत्र लिख दिये। ये पत्र उन्होंने स्वयं महाराजा क्षयर्ष की ओर से लिखे थे और आदेशों को स्वयं महाराजा की अपनी अंगूठी से अंकित किया गया था।