जकर्याह 3:4 - पवित्र बाइबल4 तब अपने समीप खङे अन्य दूतों से दूत ने कहा, “यहोशू के गन्दे वस्त्रों को उतार लो।” तब दूत ने यहोशू से बातें कीं। उसने कहा, “मैंने तुम्हारे अपराधों को हर लिया है और मैं तुम्हें नये वस्त्र बदलने को देता हूँ।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible4 तब दूत ने उन से जो साम्हने खड़े थे कहा, इसके ये मैले वस्त्र उतारो। फिर उसने उस से कहा, देख, मैं ने तेरा अधर्म दूर किया है, और मैं तुझे सुन्दर वस्त्र पहिना देता हूं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)4 तब दूत ने अपने सेवकों को आदेश दिया, ‘इनके गन्दे वस्त्र उतारो।’ तब उसने यहोशुअ से कहा, ‘देख, मैंने तेरा अधर्म दूर कर दिया। अब मैं तुझे राजसी पोशाक पहिनाऊंगा।’ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)4 तब दूत ने उनसे जो सामने खड़े थे कहा, “इसके ये मैले वस्त्र उतारो।” फिर उसने उससे कहा, “देख, मैं ने तेरा अधर्म दूर किया है, और मैं तुझे सुन्दर वस्त्र पहिना देता हूँ।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल4 तब स्वर्गदूत ने अपने सामने खड़े व्यक्तियों से कहा, “उसके गंदे कपड़ों को उतार दो.” तब उसने यहोशू से कहा, “देखो, मैंने तुम्हारे पापों को दूर कर दिया है, और मैं तुम्हें सुंदर कपड़े पहनाऊंगा.” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20194 तब दूत ने उनसे जो सामने खड़े थे कहा, “इसके ये मैले वस्त्र उतारो।” फिर उसने उससे कहा, “देख, मैंने तेरा अधर्म दूर किया है, और मैं तुझे सुन्दर वस्त्र पहना देता हूँ।” अध्याय देखें |
यहोवा मुझको अति प्रसन्न करता है। मेरा सम्पूर्ण व्यक्तित्व परमेश्वर में स्थिर है और प्रसन्नता में मगन है। यहोवा ने उद्धार के वस्त्र से मुझको ढक लिया। वे वस्त्र ऐसे ही भव्य हैं जैसे भव्य वस्त्र कोई पुरूष अपने विवाह के अवसर पर पहनता है। यहोवा ने मुझे नेकी के चोगे से ढक लिया है। यह चोगा वैसा ही सुन्दर है जैसा सुन्दर किसी नारी का विवाह वस्त्र होता है।
सिय्योन के दु:खी लोगों को आदर देना (अभी तो उनके पास बस राख हैं); सिय्योन के लोगों को प्रसन्नता का स्नेह प्रदान करना; (अभी तो उनके पास बस दु:ख हैं) सिय्योन के लोगों को परमेश्वर की स्तुति के गीत प्रदान करना (अभी तो उनके पास बस उनके दर्द हैं); सिय्योन के लोगों को उत्सव के वस्त्र देना (अभी तो उनके पास बस उनके दु:ख ही हैं।) उन लोगों को ‘उत्तमता के वृक्ष’ का नाम देना; उन लोगों को यहोवा के अद्भुत वृक्ष की संज्ञा देना।”