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गिनती 30:15 - पवित्र बाइबल

15 किन्तु यदि पति दिये गए वचन के बारे में सुनता है और उन्हें रोकता है तो उसके वचन तोड़ने का उत्तरदायित्व पति पर होगा।”

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Hindi Holy Bible

15 और यदि वह उन्हें सुनकर पीछे तोड़ दे, तो अपनी स्त्री के अधर्म का भार वही उठाएगा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 यदि वह सुनने के दिन के पश्‍चात् उनको पूर्णत: रद्द करता है, तो वह अपनी पत्‍नी के अधर्म का भार स्‍वयं वहन करेगा।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 और यदि वह उन्हें सुनकर पीछे तोड़ दे, तो अपने स्त्री के अधर्म का भार वही उठाएगा।”

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सरल हिन्दी बाइबल

15 किंतु यदि उसने यह सुनने के बाद, इन्हें तोड़ दिया हो, तो वही अपनी पत्नी के दोष का भार उठाएगा.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

15 और यदि वह उन्हें सुनकर बहुत दिन पश्चात् तोड़ दे, तो अपनी स्त्री के अधर्म का भार वही उठाएगा।”

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गिनती 30:15
7 क्रॉस रेफरेंस  

“यदि कोई व्यक्ति न्यायालय में गवाही देने के लिए बुलाया जाता है और जो कुछ उसने देखा है या सुना है, उसे नहीं बताता तो वह पाप करता है। उसे उसके अपराध के लिए अवश्य ही दण्ड भोगना होगा।


किन्तु यदि उसका पति उसके दिये गए वचन को सुनता है और उसे वचन पूरा करने से इन्कार करता है, तो उसे अपने दिये वचन के अनुसार वह कार्य पूरा नहीं करना पड़ेगा। इसका कोई महत्व नहीं होगा कि उसने क्या वचन दिया था, उसका पति उस वचन को भंग कर सकता है। यदि उसका पति वचन को भंग करता है, तो यहोवा उसे क्षमा करेगा।


पति अपना पत्नी को कैसे अपने वचन पूरा करने देगा यदि वह दिये वचन के बारे में सुनता है और उन्हें रोकता नहीं है तो स्त्री को अपने दिए वचन के अनुसार कार्य को पूरा करना चाहिए।


ये आदेश है जिन्हें यहोवा ने मूसा को दिया। ये आदेश एक व्यक्ति और उसकी पत्नी के बारे में है तथा पिता और उसकी उस पुत्री के बारे में है जो युवती हो और अपने पिता के घर में रह रही हो।


किन्तु यदि उसका पिता उसके दिये गये वचन के बारे में सुन कर उसे स्वीकार नहीं करता तो उस युवती को वह वचन पूरा नहीं करना है। उसके पिता ने उसे रोका अतः यहोवा उसे क्षमा करेगा।


किन्तु यदि पति दिये गए वचन के बारे में सुनता है और उसे स्वीकार नहीं करता तो स्त्री को अपने दिये गए वचन को पूरा नहीं करना पड़ेगा। उसके पति ने उसका वचन तोड़ दिया और उसने उसे उसकी कही बात को पूरा नहीं करने दिया, अतः यहोवा उसे क्षमा करेगा।


सो अब किसी में कोई अन्तर नहीं रहा न कोई यहूदी रहा, न ग़ैर यहूदी, न दास रहा, न स्वतन्त्र, न पुरुष रहा, न स्त्री, क्योंकि मसीह यीशु में तुम सब एक हो।


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