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गिनती 29:7 - पवित्र बाइबल

7 “सातवें महीने के दसवें दिन एक विशेष बैठक होगी। उस दिन तुम उपवास करोगे और तुम कोई काम नहीं करोगे।

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Hindi Holy Bible

7 फिर उसी सातवें महीने के दसवें दिन को तुम्हारी पवित्र सभा हो; तुम अपने अपने प्राण को दु:ख देना, और किसी प्रकार का कामकाज न करना;

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

7 ‘तुम इस सातवें महीने के दसवें दिन एक पवित्र समारोह आयोजित करना। उस दिन तुम स्‍वयं को उपवास के द्वारा पीड़ित करना, और किसी भी प्रकार का कठोर परिश्रम मत करना;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

7 “फिर उसी सातवें महीने के दसवें दिन को तुम्हारी पवित्र सभा हो; तुम अपने अपने प्राण को दु:ख देना, और किसी प्रकार का काम–काज न करना,

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सरल हिन्दी बाइबल

7 “ ‘इसी महीने की दसवीं तारीख पर तुम एक पवित्र सभा आयोजित करोगे; तुम स्वयं को नम्र करोगे, तुम किसी प्रकार की मेहनत नहीं करोगे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

7 “फिर उसी सातवें महीने के दसवें दिन को तुम्हारी पवित्र सभा हो; तुम उपवास करके अपने-अपने प्राण को दुःख देना, और किसी प्रकार का काम-काज न करना;

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गिनती 29:7
17 क्रॉस रेफरेंस  

हम यह जानते हैं कि हमारा पुराना व्यक्तित्व यीशु के साथ ही क्रूस पर चढ़ा दिया गया था ताकि पाप से भरे हमारे शरीर नष्ट हो जायें। और हम आगे के लिये पाप के दास न बने रहें।


धन्य हैं वे जो शोक करते हैं, क्योंकि परमेश्वर उन्हें सांत्वना देता है


मैं दाऊद के घर और यरूशलेम के निवासियों के हृदय में दया और करूणा की भावनाबरूंगा। वे मेरी ओर देखेंगे, जिसे उन्होंने छेद डाला था और वे बहुत दुखी होंगे वे इतने ही दुखी होंगे। वे इतने ही दुखी होंगे, जितना अपने इकलौते पुत्र की मृत्यु पर रोने वाला व्यक्ति, या अपने पहलौठे पुत्र की मृत्यु पर रोनेवाला व्यक्ति।


सो, मेरा स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा लोगों से उनके मरे हुए मित्रों के लिए विलाप करने और दु:खी होने के लिये कहेगा। लोग अपने सिर मुँड़ा लेंगे और शोक वस्त्र धारण करेंगे।


वहाँ अहवा नदी के पास, मैंने (एज्रा) घोषणा की कि हमें उपवास रखना चाहिये। हमें अपने को परमेश्वर के सामने विनम्र बनाने के लिये उपवास रखना चाहिये। हम लोग परमेश्वर से अपने लिये, अपने बच्चों के लिये, और जो चीज़ें हमारी थीं, उनके साथ सुरक्षित यात्रा के लिये प्रार्थना करना चाहते थे।


बल्कि मैं तो अपने शरीर को कठोर अनुशासन में तपा कर, उसे अपने वश में करता हूँ। ताकि कहीं ऐसा न हो जाय कि दूसरों को उपदेश देने के बाद परमेश्वर के द्वारा मैं ही व्यर्थ ठहरा दिया जाऊँ!


नहीं, मैं तुम्हें बताता हूँ कि यदि तुम मन न फिराओगे तो तुम सब भी वैसे ही मरोगे।”


नहीं, मैं तुम्हें बताता हूँ, यदि तुम मन नहीं, फिराओगे तो तुम सब भी वैसी ही मौत मरोगे जैसी वे मरे थे।


उन पर जब दु:ख पड़ा, उनके लिए मैं दु:खी हुआ। मैंने भोजन को त्याग कर अपना दु:ख व्यक्त किया। जो मैंने उनके लिए प्रार्थना की, क्या मुझे यही मिलना चाहिए?


समय बहुत बीत चुका था और नाव को आगे बढ़ाना भी संकटपूर्ण था क्योंकि तब तक उपवास का दिन समाप्त हो चुका था इसलिए पौलुस ने चेतावनी देते हुए उनसे कहा,


वे सर्वशक्तिमान यहोवा के मंदिर में नबियों और याजकों के पास गए। उन लोगों ने ने उनसे यह प्रश्न पूछा: “हम ने कई वर्ष तक मंदिर के ध्वस्त होने का शोक मनाया है। हर वर्ष के पाँचवें महीने में, रोने और उपवास रखने का हम लोगों का विशेष समय रहा हैं। क्या हमें इसे करते रहना चाहिये?”


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