9 “ ‘इसके बाद शब्बाथ पर याहवेह के लिए होमबलि में एक वर्ष के, दोष रहित दो मेमने भेंट किए जाएं, तथा अन्नबलि के लिए तेल मिला हुआ तीन किलो मैदा तथा इसकी पेय बलि.
ऐसा उस समय होगा जब तू सब्त के बारे में परमेश्वर के नियमों के विरूद्ध पाप करना छोड़ देगा और ऐसा उस समय होगा जब तू उस विशेष दिन, स्वयं अपने आप को प्रसन्न करने के कामों को करना रोक देगा। सब्त के दिन को तुझे एक खुशी का दिन कहना चाहिये। यहोवा के इस विशेष दिन का तुझे आदर करना चाहिये। जिन बातों को तू हर दिन कहता और करता है, उनको न करते हुए तुझे उस विशेष दिन का आदर करना चाहिये।
मैंने उनको विश्राम के सभी विशेष दिनों के बारे में भी बताया। वे पवित्र दिन उनके और मेरे बीच विशेष प्रतीक थे। वे यह संकेत करते थे कि मैं यहोवा हूँ और मैं उन्हें अपने विशेष लोग बना रहा हूँ।
दूसरे मेढ़े की भेंट गोधूलि के समय चढ़ाओ। इसे सवेरे की भेंट की तरह चढ़ाओ। वैसे ही पेय भेंट भी चढ़ाओ। ये आग द्वारा दी गई भेंट होगी। इस की सुगन्ध यहोवा को प्रसन्न करेगी।
मैं अपने यहोवा परमेश्वर के नाम का सम्मान करने के लिये एक मन्दिर बनाऊँगा। मैं यह मन्दिर यहोवा को अर्पित करूँगा जिसमें हमारे लोग उसकी उपासना कर सकेंगे। मैं उसको इस कार्य के लिये अर्पित करूँगा कि उसमें इस्राएलीं जाति के स्थायी धर्मप्रथा के अनुसार हमारे यहोवा परमेश्वर के पवित्र विश्राम दिवसों और नवचन्द्र तथा निर्धारित पर्वों पर सवेरे और शाम सुगन्धित धूप द्रव्य जलाये जायें, भेंट की रोटियाँ अर्पित की जायें और अग्निबलि चढ़ायी जाये।
सुलैमान ने हर एक दिन मूसा के आदेश के अनुसार बलि चढ़ाई। यह बलि सब्त के दिन नवचन्द्र उत्सव को और तीन वार्षिक पर्वों को दी जानी थीं। ये तीन वार्षिक पर्व अख़मीरी रोटी का पर्व सप्ताहों का पर्व और आश्रय का पर्व थे।
उस स्त्री के पति ने कहा, “तुम आज परमेश्वर के जन (एलीशा) के पास क्यों जाना चाहती हो यह नवचन्द्र या सब्त का दिन नहीं है।” उसने कहा, “परेशान मत होओ। सब कुछ ठीक होगा।”
तब सुलैमान ने हूराम को संदेश भेजा। हूराम सोर नगर का राजा था। सुलैमान ने संदेश दिया था, “मुझे वैसे ही सहायता दो जैसे तुमने मेरे पिता दाऊद को सहायता दी थी। तुमने देवदार के पेड़ों से उनको लकड़ी भेजी थी जिससे वे अपने रहने के लिये महल बना सके थे।