18 महापुरुषों ने इस कुएँ को खोदा। महान नेताओं ने इस कुएँ को खोदा। अपनी छड़ों और डण्डों से इसे खोदा। यह मरुभूमि में एक भेंट है।” लोग “मत्ताना” नाम के कुएँ पर थे।
18 जिसको अधिकारियों ने खोदा था, जिसको लोगों के नेताओं ने अपने-अपने राजदण्ड से, अपनी-अपनी सोंटी से खोदा था।’ तत्पश्चात् वे निर्जन प्रदेश से मत्तानाह गए,
18 वह कुंआ, जिसको प्रधानों ने खोदा था, जिसे कुलीन व्यक्तियों ने खोदा है, जिसके लिए राजदंड तथा उनकी लाठियों का प्रयोग किया गया था.” फिर उन्होंने निर्जन प्रदेश से मत्तानाह की ओर कूच किया और
वहाँ के महायाजक का नाम था एल्याशीब। एल्याशीब और उसके साथी (याजक) निर्माण का काम करने के लिये गये और उन्होंने भेड़ द्वार का निर्माण किया। उन्होंने प्रार्थनाएँ की और यहोवा के लिये उस द्वार को पवित्र बनाया। उन्होंने द्वार के दऱवाजों को दीवार में लगाया। उन याजकों ने यरूशलेम के परकोटे पर काम करते हुए हम्मेआ के गुम्बद तथा हननेल के गुम्बद तक उसका निर्माण किया। उन्होंने प्रार्थनाएँ कीं और यहोवा के लिये अपने कार्य को पवित्र बनाया।
किन्तु मूसा, तुम मेरे निकट खड़े रहो। मैं तुम्हें सारे आदेश, विधि और नियम दूँगा जिसकी शिक्षा तुम उन्हें दोगे। उन्हें ये सभी बातें उस देश में करनी चाहिए जिसे मैं उन्हें रहने के लिए दे रहा हूँ।’
व्यवस्था के विधान को देने वाला और उसका न्याय करने वाला तो बस एक ही है। और वही रक्षा कर सकता है और वही नष्ट करता है। तो फिर अपने साथी का न्याय करने वाले तुम कौन होते हो?