5 और तुम ने हम को मिस्र से क्यों निकाल कर इस बुरे स्थान में पहुंचाया है? यहां तो बीज, वा अंजीर, वा दाखलता, वा अनार, कुछ नहीं है, यहां तक कि पीने को कुछ पानी भी नहीं है।
5 आपने क्यों हमें मिस्र देश से बाहर निकाला? क्या इस बुरे स्थान में लाने के लिए? यह स्थान अन्न, अंजीर, अंगूर और अनार का स्थान नहीं है। यहाँ पीने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं है।’
5 और तुम ने हम को मिस्र से क्यों निकालकर इस बुरे स्थान में पहुँचाया है? वहाँ तो बीज, या अंजीर, या दाखलता, या अनार, कुछ नहीं है, यहाँ तक कि पीने को कुछ पानी भी नहीं है।”
5 क्यों आपने हमें मिस्र देश से निकलने के लिए मजबूर किया; क्या इस बेमतलब के स्थान में लाकर छोड़ने के लिए? यह तो अन्न या, अंजीरों या दाख-लताओं या अनारों का देश है ही नहीं, और न ही यहां हमारे लिए पीने का पानी उपलब्ध है!”
5 और तुम ने हमको मिस्र से क्यों निकालकर इस बुरे स्थान में पहुँचाया है? यहाँ तो बीज, या अंजीर, या दाखलता, या अनार, कुछ नहीं है, यहाँ तक कि पीने को कुछ पानी भी नहीं है।” (इब्रा. 3:8)
हम लोग तुम्हारा अनुसरण क्यों करें? तुम हम लोगों को उस नये देश में नहीं लाए हो जो सम्पन्न है और जिसमें दूध और मधु की नदियाँ बहती हैं। तुमने हम लोगों को वह देश नहीं दिया है जिसे देने का वचन यहोवा ने दिया था। तुमने हम लोगों को खेत या अंगूर के बाग नहीं दिये हैं। क्या तुम इन लोगों को अपना गुलाम बनाओगे? नहीं! हम लोग नहीं आएंगे।”
तुम्हारे पूर्वजों ने यह नहीं कहा, ‘यहोवा ने हमें मिस्र से निकाला। यहोवा ने मरुभूमि में हमारा नेतृत्व किया। यहोवा हमे सूखे चट्टानी प्रदेश से लेकर आया, यहोवा ने हमें अन्धकारपूर्ण और भयपूर्ण देशों में राह दिखाई। कोई भी लोग वहाँ नहीं रहते कोई भी लोग उस देश से यात्रा नहीं करते। लेकिन यहोवा ने उस प्रदेश में हमारा नेतृत्व किया। अत: वह यहोवा अब कहाँ हैं?’
“यिर्मयाह, जाओ और यरूशलेम के लोगों को सन्देश दो। उनसे कहो: “जिस समय तुम नव राष्ट्र थे, तुम मेरे विश्वासयोग्य थे। तुमने मेरा अनुगमन नयी दुल्हन सा किया। तुमने मेरा अनुगमन मरुभूमि में से होकर किया, उस प्रदेश में अनुगमन किया जिसे कभी कृषि भूमि न बनाया गया था।
तूने रखा उनका ध्यान चालीस वरसों तक मरुस्थल में। उन्हें मिली हर वस्तु जिसकी उनको दरकार थी। वस्त्र उनके फटे तक नहीं पैरों में उनके कभी नहीं आई सूजन कभी किसी पीड़ा में।
यहोवा तुम्हें विशाल और भयंकर मरुभूमि से लाया। जहरीले साँप और बिच्छु उस मरुभूमि में थे। जमीन शुष्क थी और कहीं पानी नहीं था। किन्तु यहोवा ने चट्टान के नीचे से पानी दिया।
“हारून को अपने पूर्वजों के साथ जाना होगा। यह उस प्रदेश में नहीं जाएगा जिसे देने के लिए मैंने इस्राएल के लोगों को वचन दिया है। मूसा, मैं तुमसे यह कहता हूँ क्योंकि तुमने और हारून ने मरीबा के पानी के विषय में मेरे दिये आदेश का पूरी तरह पालन नहीं कया।
उस बात को याद करो जब लोग सीन की मरुभूमि में पानी के लिए क्रोधित हुए थे। तुम और हारून दोनों ने मेरा आदेश मानना अस्वीकार किया था। तुम लोगों ने मेरा सम्मान नहीं किया था और लोगों के सामने मुझे पवित्र नहीं बनाया था।” (यह पानी सीन की मरुभूमि में कादेश के अन्तर्गत मरीबा में था।)