एस्तेर 5:2 - पवित्र बाइबल2 राजा ने महारानी एस्तेर को वहाँ दरवार में खड़े देखा। उसे देखकर वह बहुत प्रसन्न हुआ। उसने उसकी ओर अपने हाथ में थामें हुए सोने के राजदण्ड को आगे बढ़ा दिया। इस प्रकार एस्तेर ने उस कमरे में प्रवेश किया और वह राजा के पास चली गयी और उसने राजा के सोने के राजदण्ड के सिर को छू दिया। अध्याय देखेंHindi Holy Bible2 और जब राजा ने एस्तेर रानी को आंगन में खड़ी हुई्र देखा, तब उस से प्रसन्न हो कर सोने का राजदण्ड जो उसके हाथ में था उसकी ओर बढ़ाया। तब एस्तेर ने निकट जा कर राजदण्ड की लोक छुई। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)2 जब उसने रानी को अन्त:पुर में खड़े हुए देखा तब वह उससे प्रसन्न हो गया। उसने अपने हाथ का स्वर्ण राजदण्ड उसकी ओर बढ़ाया। एस्तर आगे बढ़ी और उसने राजदण्ड के सिरे का स्पर्श किया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)2 और जब राजा ने एस्तेर रानी को आँगन में खड़ी हुई देखा, तब उसने प्रसन्न होकर सोने का राजदण्ड जो उसके हाथ में था उसकी ओर बढ़ाया। तब एस्तेर ने निकट जाकर राजदण्ड की नोक छुई। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल2 जब राजा ने रानी एस्तेर को आंगन में खड़ी हुई देखा, तब राजा के हृदय में एस्तेर के प्रति कृपा हुई और दिल आनंद से भर गया. राजा ने अपने हाथ में पकड़े हुए स्वर्ण राजदंड ले, एस्तेर की ओर में बढ़ा दिया. तब समय के अनुरूप एस्तेर ने आगे बढ़कर राजदंड के नोक को स्पर्श किया. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20192 और जब राजा ने एस्तेर रानी को आँगन में खड़ी हुई देखा, तब उससे प्रसन्न होकर सोने का राजदण्ड जो उसके हाथ में था उसकी ओर बढ़ाया। तब एस्तेर ने निकट जाकर राजदण्ड की नोक छुई। अध्याय देखें |
इसलिए हे यहोवा, कृपा करके अब मेरी विनती सुन। मैं तेरा सेवक हूँ और कृपा करके अपने सेवकों की विनती पर कान दे जो तेरे नाम को मान देना चाहते हैं। कृपा करके आज मुझे सहारा दे। जब मैं राजा से सहायता माँगू तब तू मेरी सहायता कर। मुझे सफल बना। मुझे सहायता दे ताकि मैं राजा के लिए प्रसन्नतादायक बना रहूँ।” उस समय मैं राजा के दाखमधु सेवक था।
हेगे को एस्तेर बहुत अच्छी लगी। वह उसकी कृपा पात्र बन गयी। सो हेगे ने एस्तेर को शीघ्र ही सौन्दर्य उपचार दिये और उसे विशेष भोजन प्रदान किया। हेगे ने राजा के महल से सात दासियाँ चुनीं और उन्हें एस्तेर को दे दिया। और इसके बाद हेगे ने एस्तेर और उसकी सातों दासियों को जहाँ राजघराने की स्त्रियाँ रहा करती थीं, वहाँ एक उत्तम स्थान में भेज दिया।
“मोर्दकै, राजा के सभी मुखिया और राजा के प्रांतों के सभी लोग यह जानते हैं कि किसी भी पुरुष अथवा स्त्री के लिए राजा का बस यही एक नियम है कि राजा के पास बिना बुलाये जो भी जाता है, उसे प्राणदण्ड दिया जाता है। इस नियम का पालन बस एक ही स्थिति में उस समय नहीं किया जाता था जब राजा अपने सोने के राजदण्ड को उस व्यक्ति की ओर बढ़ा देता था। यदि राजा ऐसा कर देता तो उस व्यक्ति के प्राण बच जाते थे किन्तु मुझे तीस दिन हो गये हैं और राजा से मिलने के लिये मुझे नहीं बुलाया गया है।”