एस्तेर 3:12 - पवित्र बाइबल12 फिर उस पहले महीने के तेरहवें दिन महाराजा के सचिवों को बुलाया गया। उन्होंने हामान के सभी आदेशों को हर प्रांत की लिपि और विभिन्न लोगों की भाषा में अलग—अलग लिख दिया। साथ ही उन्होंने उन आदेशों को प्रत्येक कबीले के लोगों की भाषा में भी लिख दिया। उन्होंने राजा के मुखियाओं, विभिन्न प्रांतों के राज्यपालों अलग अलग कबीलों के मुखियाओं के नाम पत्र लिख दिये। ये पत्र उन्होंने स्वयं महाराजा क्षयर्ष की ओर से लिखे थे और आदेशों को स्वयं महाराजा की अपनी अंगूठी से अंकित किया गया था। अध्याय देखेंHindi Holy Bible12 यों उसी पहिले महीने के तेरहवें दिन को राजा के लेखक बुलाए गए, और हामान की आज्ञा के अनुसार राजा के सब अधिपतियों, और सब प्रान्तों के प्रधानों, और देश देश के लोगों के हाकिमों के लिये चिट्ठियां, एक एक प्रान्त के अक्षरों में, और एक एक देश के लोगों की भाषा में राजा क्षयर्ष के नाम से लिखी गई; और उन में राजा की अंगूठी की छाप लगाई गई। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)12 पहिले महीने की तेरहवीं तारीख को सम्राट के सचिव बुलाए गए। उन्होंने हामान के आदेश को सम्राट के क्षत्रपों, सब प्रदेशों के राज्यपालों और सब कौमों के शासकों के लिए उनकी अपनी भाषा और लिपि में लिखा। यह आदेश सम्राट क्षयर्ष के नाम से लिखा गया, और सम्राट की अंगूठी से उस पर मुहर अंकित कर दी गई। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)12 यों उसी पहले महीने के तेरहवें दिन को राजा के लेखक बुलाए गए, और हामान की आज्ञा के अनुसार राजा के सब अधिपतियों, और सब प्रान्तों के प्रधानों, और देश देश के लोगों के हाकिमों के लिये चिट्ठियाँ, एक एक प्रान्त के अक्षरों में, और एक एक देश के लोगों की भाषा में राजा क्षयर्ष के नाम से लिखी गईं; और उनमें राजा की अँगूठी की छाप लगाई गई। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल12 तब प्रथम महीने की तेरहवीं तिथि पर राजा के लेखकों को आमंत्रित किया गया और हामान द्वारा दी गयी राजाज्ञा सारे साम्राज्य के हर एक राज्य के हाकिमो एवं राज्यपालों के नाम तथा प्रजा पर नियुक्त अधिकारियों के लिए उसी राज्य की भाषा एवं अक्षर में लिखवा दी गई. यह राजाज्ञा अहषवेरोष के नाम में लिख दी गई थी. तथा इस पर राजा की राजमुद्रा की मोहर लगा दी गई थी. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201912 फिर उसी पहले महीने के तेरहवें दिन को राजा के लेखक बुलाए गए, और हामान की आज्ञा के अनुसार राजा के सब अधिपतियों, और सब प्रान्तों के प्रधानों, और देश-देश के लोगों के हाकिमों के लिये चिट्ठियाँ, एक-एक प्रान्त के अक्षरों में, और एक-एक देश के लोगों की भाषा में राजा क्षयर्ष के नाम से लिखी गईं; और उनमें राजा की मुहर वाली अंगूठी की छाप लगाई गई। अध्याय देखें |
महाराजा क्षयर्ष ने अपने राज्य के सभी भागों में पत्र भिजवा दिये। हर प्रांत में जो पत्र भेजा गया, वह उसी प्रांत की भाषा में लिखा गया था। हर जाति में उसने वह पत्र भिजवा दिया। यह पत्र उनकी अपनी भाषा में ही लिखे गये थे। जन सामान्य की भाषा में उन पत्रों में घोषित किया गया था कि अपने—अपने परिवार का हर व्यक्ति शासक है।
बस फिर क्या था। वे लोग राजा के पास जा पहुँचे और उन्होंने राजा से उस नियम के बारे में बात की जो उसने बनाया था। उन्होंने कहा, “हे राजा दारा, आपने एक नियम बनाया है। जिसके अनुसार अगले तीस दिनों तक यदि कोई व्यक्ति किसी देवता से अथवा तेरे अतिरिक्त किसी व्यक्ति से प्रार्थना करता है तो, राजन, उसे शेरों की माँद में फेंकवा दिया जायेगा। बताइये क्या आपने इस नियम पर हस्ताक्षर नहीं किये थे” राजा ने उत्तर दिया, “हाँ, मैंने उस नियम पर हस्ताक्षर किये थे और मादियों और फारसियों के नियम अटल होते हैं। न तो वे बदले जा सकते हैं, और न ही मिटाये जा सकते हैं।”