13 “जो बुरी घटनायें हमारे साथ घटीं वे हमारी अपनी गलतियों से घटीं। हम लोगों ने पाप के काम किये हैं और हम लोग बहुत अपराधी हैं। किन्तु हमारे परमेश्वर, तूने हमें उससे बहुत कम दण्ड दिया है जितना हमें मिलना चाहिये। हम लोगों ने बड़े भयानक काम किये हैं और हम लोगों को इससे अधिक दण्ड मिलना चाहिये। ऐसा होते हुए भी तूने हमारे लोगों में से कुछ को बन्धुवाई से मुक्त हो जाने दिया है।
13 और उस सब के बाद जो हमारे बुरे कामों और बड़े दोष के कारण हम पर बीता है, जब कि हे हमारे परमेश्वर तू ने हमारे अधर्म के बराबर हमें दण्ड नहीं दिया, वरन हम में से कितनों को बचा रखा है,
13 ‘हमारे दुष्कर्मों, हमारे बड़े-बड़े अधर्म के कामों के कारण हम पर विपत्तियां आईं, पर तूने हमारे अपराधों की तुलना में हमें कम ही दण्ड दिया, और हमारी कौम के कुछ लोगों को नष्ट होने से बचा लिया।
13 उस सब के बाद जो हमारे बुरे कामों और बड़े दोष के कारण हम पर बीता है, जबकि हे हमारे परमेश्वर, तू ने हमारे अधर्म के बराबर हमें दण्ड नहीं दिया, वरन् हम में से कितनों को बचा रखा है,
13 “जबकि सच यही है कि हम पर यह स्थिति सिर्फ हमारे ही बुरे कामों और घोर अपराधों के कारण आई है. इतना होने पर भी परमेश्वर, आपने हमारे अधर्म के प्रति सही दंड देने में धीरज बनाए रखा और हमें यह भाग सौंप दिया है.
13 और उस सब के बाद जो हमारे बुरे कामों और बड़े दोष के कारण हम पर बीता है, जबकि हे हमारे परमेश्वर तूने हमारे अधर्म के बराबर हमें दण्ड नहीं दिया, वरन् हम में से कितनों को बचा रखा है,
तुम्हें यह ज्ञान है कि तुम्हारे पूर्वजों ने ऐसे ही काम किये थे। इसलिए हमारे परमेश्वर ने हम पर औऱ हमारे नगर पर विपत्तियाँ भेजी थीं और विनाश ढाया था। अब तुम लोग तो वैसे काम और भी अधिक कर रहे हो, जिससे इस्राएल पर वैसी ही बुरी बातें और अधिक घटेंगी क्योंकि तुम सब्त के दिन को बर्बाद कर रहे हो और इसे ऐसा बनाये डाल रहे हो जैसे यह कोई महत्वपूर्ण दिन ही नहीं है।”
परमेश्वर हमारा है, महान परमेश्वर! तू एक वीर है ऐसा जिससे भय लगता है और शक्तिशाली है जो निर्भर करने योग्य तू है। पालता है तू निज वचन को! यातनाएँ बहुत तेरी भोग हम चुके हैं। और दु:ख हमारे हैं, महत्वपूर्ण तेरे लिये। साथ में हमारे राजाओं के और मुखियाओं के घटी थीं बातें बुरी। याजकों के साथ में हमारे और साथ में नबियों के और हमारे सभी लोगों के साथ घटी थीं बातें बुरी। अश्शूर के राजा से लेकर आज तक वे घटी थीं बातें भयानक!
काश! परमेश्वर तुझे बुद्धि के छिपे रहस्य बताता और वह सचमुच तुझे उनको बतायेगा! हर कहानी के दो पक्ष होते हैं, अय्यूब, मेरी सुन परमेश्वर तुझे कम दण्डित कर रहा है, अपेक्षाकृत जितना उसे सचमुच तुझे दण्डित करना चाहिये।
हे यहोवा, मैंने तेरे विषय में सुना है। हे यहोवा, बीते समय में जो शक्तिपूर्ण कार्य तूने किये थे, उनपर मुझको आश्चर्य है। अब मेरी तुझसे विनती है कि हमारे समय में तू फिर उनसे भी बड़े काम कर। मेरी तुझसे विनती है कि तू हमारे अपने ही दिनों में उन बातों को प्रकट करेगा किन्तु जब तू जोश में भर जाये तब भी तू हम पर दया को दर्शाना याद रख।