10 इनके अतिरिक्त अभियोग-पत्र लिखने में उन कौमों के लोग भी शामिल थे, जिनको महान् तथा गौरवशाली राजा ओस्नप्पर ने उनके देशों से निष्कासित कर सामरी प्रदेश के नगरों में तथा फरात नदी के पश्चिम क्षेत्र के शेष प्रदेशों में बसाया था।
उस क्षेत्र में रहने वाले वहुत से लोग यहूदा और बिन्यामीन के लोगों के विरूद्ध थे। उन शत्रुओं ने सुना कि वे लोग जो बन्धुवाई से आये हैं वे, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के लिये एक मन्दिर बना रहे हैं। इसलिये वे शत्रु जरुब्बाबेल तथा परिवार प्रमुखों के पास आए और उन्होंने कहा, “मन्दिर बनाने में हमें तुमको सहायता करने दो। हम लोग वही हैं जो तुम हो, हम तुम्हारे परमेश्वर से सहायता माँगते हैं। हम लोगों ने तुम्हारे परमेश्वर को तब से बलि चढ़ाई है जब से अश्शूर का राजा एसर्हद्दोन हम लोगों को यहाँ लाया।”
यह उस पत्र की प्रतिलिपि है जिसे उन लोगों ने अर्तक्षत्र को भेजा था। राजा अर्तक्षत्र को, परात नदी के पश्चिमी क्षेत्र में रहने वाले आप के सेवकों की ओर से है।
तब अर्तक्षत्र ने यह उत्तर भेजा: शासनाधिकारी रहूम और सचिव शिमशै और उन के सभी साथियों को जो शोमरोन और परात नदी के अन्य पश्चिमी प्रदेश में रहते हैं, को अपना उत्तर भेजा। अभिवादन,
सम्बल्लत ने अपने मित्रों और सेना से शोमरोन में इस विषय को लेकर बातचीत की। उसने कहा, “ये शक्तिहीन यहूदी क्या कर रहे हैं? उनका विचार क्या है? क्या वे अपनी बलियाँ चढ़ा पायेंगे? शायद वे ऐसा सोचते हैं कि वे एक दिन में ही इस निर्माण कार्य को पूरा कर लेंगे। धूल मिट्टी के इस ढेर में से वे पत्थरों को उठा कर फिर से नया जीवन नहीं दे पायेंगे। ये तो अब राख और मिट्टी के ढेर बन चुके हैं!”
परमेश्वर हमारा है, महान परमेश्वर! तू एक वीर है ऐसा जिससे भय लगता है और शक्तिशाली है जो निर्भर करने योग्य तू है। पालता है तू निज वचन को! यातनाएँ बहुत तेरी भोग हम चुके हैं। और दु:ख हमारे हैं, महत्वपूर्ण तेरे लिये। साथ में हमारे राजाओं के और मुखियाओं के घटी थीं बातें बुरी। याजकों के साथ में हमारे और साथ में नबियों के और हमारे सभी लोगों के साथ घटी थीं बातें बुरी। अश्शूर के राजा से लेकर आज तक वे घटी थीं बातें भयानक!
जिस किसी का तुझे देना है, उसे चुका दे। जो कर तुझे देना है, उसे दे। जिसकी चूँगी तुझ पर निकलती है, उसे चूँगी दे। जिससे तुझे डरना चाहिए तू उससे डर। जिसका आदर करना चाहिए उसका आदर कर।