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एज्रा 10:6 - पवित्र बाइबल

6 तब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने से दूर हट गया। एज्रा एल्याशीब के पुत्र योहानान के कमरे में गया। जब तक एज्रा वहाँ रहा उसने भोजन नहीं किया और न ही पानी पिया। उसने यह किया क्योंकि वह तब भी बहुत दु:खी था। वह इस्राएल के उन लोगों के लिये दु:खी था जो यरूशलेम को वापस आए थे।

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Hindi Holy Bible

6 तब एज्रा परमेश्वर के भवन के साम्हने से उठा, और एल्याशीब के पुत्र योहानान की कोठरी में गया, और वहां पहुंच कर न तो रोटी खाई, न पानी पिया, क्योंकि वह बन्धुआई में से निकल आए हुओं के विश्वासघात के कारण शोक करता रहा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

6 उसके बाद एज्रा परमेश्‍वर के भवन के सामने से उठकर योहानान बेन-एल्‍याशीब के कमरे में गया, और उसने वहां बिना खाए-पीए रात बिताई; क्‍योंकि वह निष्‍कासन से लौटे इस्राएलियों के विश्‍वासघात के लिए शोक मना रहा था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

6 तब एज्रा परमेश्‍वर के भवन के सामने से उठा, और एल्याशीब के पुत्र योहानान की कोठरी में गया, और वहाँ पहुँचकर न तो रोटी खाई, न पानी पिया, क्योंकि वह बँधुआई में से निकल आए हुओं के विश्‍वासघात के कारण शोक करता रहा।

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सरल हिन्दी बाइबल

6 तब एज़्रा परमेश्वर के भवन के सामने से उठे और एलियाशिब के पुत्र येहोहानन के कमरे में चले गए. वह उस कमरे में चले ज़रूर गए मगर उन्होंने वहां न कुछ खाया और न कुछ पिया; क्योंकि वह निकाले गए लोगों द्वारा किए गए इस विश्वासघात के लिए दुःखी थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

6 तब एज्रा परमेश्वर के भवन के सामने से उठा, और एल्याशीब के पुत्र यहोहानान की कोठरी में गया, और वहाँ पहुँचकर न तो रोटी खाई, न पानी पिया, क्योंकि वह बँधुआई में से निकल आए हुओं के विश्वासघात के कारण शोक करता रहा।

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एज्रा 10:6
16 क्रॉस रेफरेंस  

एज्रा प्रार्थना कर रहा था और पापों को स्वीकार कर रहा था। वह परमेश्वर के मन्दिर के सामने रो रहा था और झुक कर प्रणाम कर रहा था। जिस समय एज्रा यह कर रहा था उस समय इस्राएल के लोगों का एक बड़ा समूह स्त्री, पुरूष और बच्चे उसके चारों ओर इकट्ठे हो गए। वे लोग भी जोर—जोर से रो रहे थे।


तब उसने एक सन्देश यहूदा और यरूशलेम में हर एक स्थान पर भेजा। सन्देश में बन्धुवाई से वापस लौटे सभी यहूदी लोगों को यरूशलेम में एक साथ इकट्ठा होने को कहा।


तब हर एक व्यक्ति जो इस्राएल के परमेश्वर के नियमों का आदर करता था, भय से काँप उठा। वे डर गए क्योंकि जो इस्राएल के लोग बन्धुवाई से लौटे, वे परमेश्वर के भक्त नहीं थे। मुझे धक्का लगा और मैं घबरा गया। मैं वहाँ सन्ध्या की बलि भेंट के समय तक बैठा रहा और वे लोग मेरे चारों ओर इकट्ठे रहे।


येशू योयाकीम का पिता था और योयाकीम एल्याशीब का पिता था और एल्याशीब के योयादा नाम का पुत्र पैदा हुआ।


फारस के राजा दारा के शासन काम में लेवी परिवारों के मुखियाओं और याजक घरानों के मुखियाओं के नाम एल्याशीब, योयादा, योहानान तथा यहूदा के दिनों में लिखे गये।


योयादा का एक पुत्र होरोन के सम्बल्लत का दामाद था। योयादा महायाजक एल्याशीब का पुत्र था। सो मैंने योयादा के उस पुत्र पर दबाव डाला कि वह मेरे पास से भाग जाये।


वहाँ के महायाजक का नाम था एल्याशीब। एल्याशीब और उसके साथी (याजक) निर्माण का काम करने के लिये गये और उन्होंने भेड़ द्वार का निर्माण किया। उन्होंने प्रार्थनाएँ की और यहोवा के लिये उस द्वार को पवित्र बनाया। उन्होंने द्वार के दऱवाजों को दीवार में लगाया। उन याजकों ने यरूशलेम के परकोटे पर काम करते हुए हम्मेआ के गुम्बद तथा हननेल के गुम्बद तक उसका निर्माण किया। उन्होंने प्रार्थनाएँ कीं और यहोवा के लिये अपने कार्य को पवित्र बनाया।


इसके बाद बारुक के पुत्र जब्बै ने उससे अगले हिस्से की मरम्मत की। उसने उस कोने से लेकर एल्याशीब के घर के द्वार तक दीवार के इस हिस्से की बड़ी मेहनत से मरम्मत की। एल्याशीब महायाजक था।


मैं सदा वही बात करता हूँ जिनकी आशा परमेश्वर देता है। मैंने अपने मुख के भोजन से अधिक परमेश्वर के मुख के शब्दों से प्रेम किया है।


मेरी शक्ति क्षीण हो चुकी है। मैं वैसा ही हूँ जैसा सूखी मुरझाती घास। अपनी वेदनाओं में मुझे भूख नहीं लगती।


मूसा वहाँ यहोवा के साथ चालीस दिन और चालीस रात रहा। उस पूरे समय उसने न भोजन किया न ही पानी पिया। और मूसा ने साक्षीपत्र के शब्दों के (दस आदेशों) को, पत्थर की दो समतल पट्टियों पर लिखा।


सो, मेरा स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा लोगों से उनके मरे हुए मित्रों के लिए विलाप करने और दु:खी होने के लिये कहेगा। लोग अपने सिर मुँड़ा लेंगे और शोक वस्त्र धारण करेंगे।


फिर मैं अपने स्वामी परमेश्वर की ओर मुड़ा और उससे प्रार्थना करते हुए सहायता की याचना की। मैंने भोजन करना छोड़ दिया और ऐसे कपड़े पहन लिये जिनसे यह लगे कि मैं दु:खी हूँ। मैंने अपने सिर पर धूल डाल ली।


तब मैं यहोवा के सामने झुका और अपने चेहरे को जमीन पर करके चालीस दिन और चालीस रात वैसे ही रहा। मैंने न रोटी खाई, न पानी पिया। मैंने यह इसलिए किया कि तुमने इतना बुरा पाप किया था। तुमने वह किया जो यहोवा के लिए बुरा है और तुमने उसे क्रोधित किया।


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