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उत्पत्ति 5:2 - पवित्र बाइबल

2 परमेश्वर ने एक पुरुष और एक स्त्री को बनाया। जिस दिन परमेश्वर ने उन्हें बनाया, आशीष दी एवं उसका नाम “आदम” रखा।

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Hindi Holy Bible

2 उसने नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्टि की और उन्हें आशीष दी, और उनकी सृष्टि के दिन उनका नाम आदम रखा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 उसने उन्‍हें नर और नारी के रूप में रचा। जब वे दोनों रचे गए, तब उसने उन्‍हें ‘मनुष्‍य-जाति’ कहा और उन्‍हें आशिष दी।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 उसने नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्‍टि की और उन्हें आशीष दी, और उनकी सृष्‍टि के दिन उनका नाम आदम रखा।

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नवीन हिंदी बाइबल

2 उसने नर और नारी करके उनकी सृष्‍टि की, और उन्हें आशिष दी; और उनकी सृष्‍टि के दिन उन्हें आदम कहा।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 परमेश्वर ने मनुष्य को नर तथा नारी कहकर उन्हें आशीष दी और परमेश्वर ने उनका नाम आदम रखा.

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उत्पत्ति 5:2
9 क्रॉस रेफरेंस  

इसलिए परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया। परमेश्वर ने मनुष्य को अपने ही स्वरुप में सृजा। परमेश्वर ने उन्हें नर और नारी बनाया।


परमेश्वर ने उन्हें आशीष दी। परमेश्वर ने उनसे कहा, “तुम्हारी बहुत सी संताने हों। पृथ्वी को भर दो और उस पर राज करो। समुद्र की मछलियों और आकाश के पक्षियों पर राज करो। हर एक पृथ्वी के जीवजन्तु पर राज करो।”


यहोवा ने मनुष्य को अदन के बाग में रखा। मनुष्य का काम पेड़—पौधे लगाना और बाग की देख—भाल करना था।


और मनुष्य ने कहा, “अन्तत! हमारे समाने एक व्यक्ति। इसकी हड्डियाँ मेरी हड्डियों से आईं इसका शरीर मेरे शरीर से आया। क्योंकि यह मनुष्य से निकाली गई, इसलिए मैं इसे स्त्री कहूँगा।”


जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हो गया तब वह एक और बच्चे का पिता हुआ। यह पुत्र ठीक आदम सा दिखाई देता था। आदम ने पुत्र का नाम शेत रखा।


परमेश्वर चाहता है कि पति और पत्नी एक शरीर और एक आत्मा हो जायें। क्यों जिससे उनके बच्चे पवित्र हों। अत: उस आध्यात्मिक एकता की रक्षा करो। अपनी पत्नी को न ठगो। वह तुम्हारी पत्नी तब से है जब से तुम युवक हुए।


उत्तर देते हुए यीशु ने कहा, “क्या तुमने शास्त्र में नहीं पढ़ा कि जगत को रचने वाले ने प्रारम्भ में, ‘उन्हें एक स्त्री और एक पुरुष के रूप में रचा था?’


सृष्टि के प्रारम्भ से ही, ‘परमेश्वर ने उन्हें पुरुष और स्त्री के रूप में रचा है।’


एक ही मनुष्य से उसने मनुष्य की सभी जातियों का निर्माण किया ताकि वे समूची धरती पर बस जायें और उसी ने लोगों का समय निश्चित कर दिया और उस स्थान की, जहाँ वे रहें सीमाएँ बाँध दीं।


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