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उत्पत्ति 46:29 - पवित्र बाइबल

29 यूसुफ को पता लगा कि उसका पिता निकट आ रहा है। इसलिए यूसुफ ने अपना रथ तैयार कराया और अपने पिता इस्राएल से गीशोन में मिलने चला। जब यूसुफ ने अपने पिता को देखा तब वह उसके गले से लिपट गया और देर तक रोता रहा।

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Hindi Holy Bible

29 तब यूसुफ अपना रथ जुतवाकर अपने पिता इस्राएल से भेंट करने के लिये गोशेन देश को गया, और उससे भेंट करके उसके गले से लिपटा और कुछ देर तक उसके गले से लिपटा हुआ रोता रहा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

29 यूसुफ ने अपना रथ जुतवाया, और वह अपने पिता याकूब† से भेंट करने को गोशेन प्रदेश गया। वह उनके सम्‍मुख गया। वह उनके गले लगकर देर तक रोता रहा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

29 तब यूसुफ अपना रथ जुतवाकर अपने पिता इस्राएल से भेंट करने के लिये गोशेन देश को गया, और उससे भेंट करके उसके गले से लिपटा, और बहुत देर तक उसके गले से लिपटा हुआ रोता रहा।

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नवीन हिंदी बाइबल

29 तब यूसुफ अपना रथ जुतवाकर अपने पिता इस्राएल से भेंट करने के लिए गोशेन देश को गया। वह उसे देखकर उसके गले से लिपट गया, और बहुत देर तक उसके गले लिपटकर रोता रहा।

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सरल हिन्दी बाइबल

29 तब योसेफ़ ने अपना रथ तैयार करवाया कि वह अपने पिता इस्राएल से भेंट करने गोशेन पहुंच जाएं. जैसे ही उनके पिता उनके पास आये, वह उनके गले लगकर बहुत देर तक रोते रहे.

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उत्पत्ति 46:29
11 क्रॉस रेफरेंस  

सो वह उठकर अपने पिता के पास चल दिया। “अभी वह पर्याप्त दूरी पर ही था कि उसके पिता ने उसे देख लिया और उसके पिता को उस पर बहुत दया आयी। सो दौड़ कर उसने उसे अपनी बाहों में समेट लिया और चूमा।


तब एसाव ने याकूब को देखा, वह उस से मिलने को दौड़ पड़ा। एसाव ने याकूब को अपनी बाहों में भर लिया और छाती से लगाया। तब एसाव ने उसकी गर्दन को चूमा और दोनों आनन्द में रो पड़े।


हर कोई फूट फूट कर रो रहा था। गले मिलते हुए वे उसे चूम रहे थे। उसने जो यह कहा था कि वे उसका मुँह फिर कभी नहीं देखेंगे, इससे लोग बहुत अधिक दुःखी थे। फिर उन्होंने उसे सुरक्षा पूर्वक जहाज़ तक पहुँचा दिया।


इसलिए इस्राएल के पुत्रों ने यही किया। यूसुफ ने फ़िरौन के वचन के अनुसार अच्छी गाड़ियाँ दीं और यूसुफ ने यात्रा के लिए उन्हें भरपूर भोजन दिया।


तब फ़िरौन ने कहा, “हमारी सबसे अच्छी गाड़ियों में से कुछ अपने भाईयों को दो। उन्हें कनान जाने और गाड़ियों में अपने पिता, स्त्रियों और बच्चों को यहाँ लाने को कहो।


फ़िरौन ने दूसरे श्रेणी के राजकीय रथ पर यूसुफ को सवार होने को कहा। उसके रथ के आगे विशेष रक्षक चलते थे। वे लोगों से कहते थे, “हे लोगो, यूसुफ को झुककर प्रणाम करो। इस तरह यूसुफ पूरे मिस्र का प्रशासक बना।”


तब यूसुफ कमरे से बाहर दौड़ गया। यूसुफ बहुत चाहता था कि वह अपने भाईयों को दिखाए कि वह उनसे बहुत प्रेम करता है। वह रोने—रोने सा हो रहा था, किन्तु वह नहीं चाहता था कि उसके भाई उसे रोता देखें। इसलिए वह अपने कमरे में दौड़ता हुआ पहुँचा और वहीं रोया।


यूसुफ रोता रहा, और फ़िरौन के महल के सभी मिस्री व्यक्तियों ने सुना।


तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “अब मैं शान्ति से मर सकता हूँ। मैंने तुम्हारा मुँह देख लिया और मैं जानता हूँ कि तुम अभी जीवित हो।”


यूसुफ के साथ जाने के लिए लोग रथों और घोड़ो पर सवार हुए। यह बहुत बढ़ा जनसमूह था।


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