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उत्पत्ति 42:18 - पवित्र बाइबल

18 तीन दिन बाद यूसुफ ने उनसे कहा, “मैं परमेश्वर का भय मानता हूँ। इसलिए मैं तुम लोगों को यह प्रमाणित करने का एक अवसर दूँगा कि तुम लोग सच बोल रहे हो। तुम लोग यह काम करो और मैं तुम लोगों को जीवित रहने दूँगा।

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Hindi Holy Bible

18 तीसरे दिन यूसुफ ने उन से कहा, एक काम करो तब जीवित रहोगे; क्योंकि मैं परमेश्वर का भय मानता हूं;

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

18 यूसुफ ने तीसरे दिन उनसे कहा, ‘यह कार्य करो तो तुम जीवित रहोगे, क्‍योंकि मैं परमेश्‍वर से डरता हूँ।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

18 तीसरे दिन यूसुफ ने उनसे कहा, “एक काम करो तब जीवित रहोगे; क्योंकि मैं परमेश्‍वर का भय मानता हूँ;

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नवीन हिंदी बाइबल

18 तीसरे दिन यूसुफ ने उनसे कहा, “एक काम करो तब जीवित रहोगे; क्योंकि मैं परमेश्‍वर का भय मानता हूँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

18 तीसरे दिन योसेफ़ ने उनसे कहा, “यदि जीवित रहना चाहते हो, तो तुम्हें यह करना होगा; क्योंकि मुझमें परमेश्वर का भय है:

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उत्पत्ति 42:18
12 क्रॉस रेफरेंस  

तुम्हें ऐसे व्यक्ति पर क्रूरता से शासन नहीं करना चाहिए। तुम्हें अपने परमेश्वर का सम्मान करना चाहिए।


किन्तु मुझ से पहले के राज्यपालों ने लोगों के जीवन को दूभर बना दिया था। वे राज्यपाल लोगों पर लगभग एक पौंड चाँदी चालीस शकेल देने के लिए दबाव डाला करते थे। उन लोगों पर वे खाना और दाखमधु देने के लिये भी दबाव डालते थे। उन राज्यपालों के नीचे के हाकिम भी लोगों पर हुकूमत चलाते थे और जीवन को औऱ अधिक दूभर बनाते रहते थे। किन्तु मैं क्योंकि परमेश्वर का आदर करता था, और उससे डरता था, इसलिए मैंने कभी वैसे काम नहीं किये।


वह बोला: “किसी नगर में एक न्यायाधीश हुआ करता था। वह न तो परमेश्वर से डरता था और न ही मनुष्यों की परवाह करता था।


तब इब्राहीम ने कहा, “मैं डरता था। क्योंकि मैंने सोचा कि यहाँ कोई भी परमेश्वर का आदर नहीं करता। मैंने सोचा कि सारा को पाने के लिए कोई मुझे मार डालेगा।


सो एक लम्बे समय तक तो वह न्यायाधीश आनाकानी करता रहा पर आखिरकार उसने अपने मन में सोचा, ‘न तो मैं परमेश्वर से डरता हूँ और न लोगों की परवाह करता हूँ।


सो मैं बोलता चला गया। मैंने कहा, “तुम लोग जो कुछ कर रहे हो, वह उचित नहीं है! तुम यह जानते हो कि तुम्हें परमेश्वर से डरना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए। तुम्हें ऐसे लज्जापूर्ण कार्य नहीं करने चाहिए जैसे दूसरे लोग करते हैं!


मेरे मालिक ने अपने घर में मुझे लगभग अपने बराबर मान दिया है। किन्तु मुझे उसकी पत्नी के साथ नहीं सोना चाहिए। यह अनुचित है। यह परमेश्वर के विरुद्ध पाप है।”


अगर तुम लोग ईमानदार व्यक्ति हो तो अपने भाईयों में से एक को कारागार में रहने दो। अन्य जा सकते हैं और अपने लोगों के लिए अन्न ले जा सकते हैं।


किन्तु तुम्हें लोगों में से अच्छे लोगों को चुनना चाहिए। “तुम्हें अपने विश्वासपात्र आदमियों का चुनाव करना चाहिए अर्थात् उन आदमियों का जो परमेश्वर का सम्मान करते हों। उन आदमियों को चुनो जो धन के लिए अपना निर्णय न बदलें। इन आदमियों को लोगों का प्रशासक बनाओ। हज़ार, सौ, पचास और दस लोगों पर भी प्रशासक होने चाहिए।


ऊज नाम के प्रदेश में एक व्यक्ति रहा करता था। उसका नाम अय्यूब था। अय्यूब एक बहुत अच्छा और विश्वासी व्यक्ति था। अय्यूब परमेश्वर की उपासना किया करता था और अय्यूब बुरी बातों से दूर रहा करता था।


किन्तु धाइयों ने परमेश्वर पर विश्वास? किया। इसलिए उन्होंने मिस्र के राजा के आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने सभी लड़कों को जीवित रहने दिया।


तुम्हें एक दूसरे को ठगना नहीं चाहिए। तुम्हें अपने परमेश्वर का सम्मान करना चाहिए। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ!


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