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उत्पत्ति 41:52 - पवित्र बाइबल

52 यूसुफ ने दूसरे पुत्र का नाम एप्रैम रखा। यूसुफ ने उसका नाम यह रखा क्योंकि उसने बताया, “मुझे बहुत दुःख मिला, लेकिन परमेश्वर ने मुझे फुलाया—फलाया।”

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Hindi Holy Bible

52 और दूसरे का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, कि मुझे दु:ख भोगने के देश में परमेश्वर ने फुलाया फलाया है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

52 उसने दूसरे पुत्र का नाम ‘एफ्रइम’ रखा, क्‍योंकि वह कहता था, ‘परमेश्‍वर ने मुझे उस देश में फलवन्‍त किया है, जहाँ मुझे विपत्तियाँ झेलनी पड़ी थीं।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

52 दूसरे का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, कि ‘मुझे दु:ख भोगने के देश में परमेश्‍वर ने फलवन्त किया है।’

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नवीन हिंदी बाइबल

52 दूसरे पुत्र का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, “परमेश्‍वर ने मेरे कष्‍टों के देश में मुझे फलवंत किया है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

52 उन्होंने दूसरे पुत्र का नाम एफ्राईम रखा, क्योंकि उनका कहना था, “दुःख मिलने की जगह इस देश में परमेश्वर ने मुझे फलवंत किया.”

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उत्पत्ति 41:52
21 क्रॉस रेफरेंस  

“मैं तुमको बहुत वंशज दूँगा। तुमसे नए राष्ट्र उत्पन्न होंगे। तुमसे नए राजा उत्पन्न होंगे


मैं प्रार्थना करता हूँ कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुम्हें आशीर्वाद दे और तुम्हें बहुत से पुत्र दे। मैं प्रार्थना करता हूँ कि तुम एक महान राष्ट्र के पिता बनो।


पहले पुत्र का नाम मनश्शे रखा गया। यूसुफ ने उसका यह नाम रखा क्योंकि उसने बताया, “मुझे जितने सारे कष्ट हुए तथा घर की हर बात परमेश्वर ने मुझसे भुला दी।”


सात वर्ष तक लोगों के पास खाने के लिए यह सब भोजन था जिसकी उन्हें आवश्यकता थी और जो चीजें उन्हें आवश्यक थीं वे सभी उगती थीं।


कुछ समय बाद यूसुफ को पता लगा कि उसका पिता बहुत बीमार है। इसलिए यूसुफ ने अपने दोनों पुत्रों मनश्शे और एप्रैम को साथ लिया और अपने पिता के पास गया।


किन्तु इस्राएल ने अपने हाथों की दिशा बदलकर अपने दायें हाथ को छोटे लड़के एप्रैम के सिर पर रखा और तब बायें हाथ को इस्राएल ने बड़े लड़के मनश्शे के सिर पर रखा। यद्यपि मनश्शे का जन्म पहले हुआ था


और अब तुम्हारे दो पुत्र हैं। मेरे आने से पहले मिस्र देश में यहाँ ये पैदा हुए थे। तुम्हारे दोनों पुत्र एप्रैम और मनश्शे मेरे अपने पुत्रों की तरह होंगे।


“यूसुफ बहुत सफल है। यूसुफ फलों से लदी अंगूर की बेल के समान है। वह सोते के समीप उगी अँगूर की बेल की तरह है, बाड़े के सहारे उगी अँगूर की बेल की तरह है।


यूसुफ के जीवन काल में एप्रैम के पुत्र और पौत्र हुए और उसके पुत्र मनश्शे का एक पुत्र माकीर नाम का हुआ। यूसुफ माकीर के बच्चों को देखने के लिए जीवित रहा।


तुम सुन्दर प्यालों में दाखमधु पीया करते हो। तुम सर्वोत्तम तेलों से अपनी मालिश करते हो और तुम्हें इसके लिये घबराहट भी नहीं कि यूसुफ का परिवार नष्ट किया जा रहा है।


यूसुफ के दो पुत्र मनश्शे और एप्रैम थे। हर एक पुत्र अपने परिवारों के साथ परिवार समूह बन गया था।


और उसने उसे सभी विपत्तियों से बचाया। परमेश्वर ने यूसुफ़ को विवेक दिया और उसे इस योग्य बनाया जिससे वह मिसर के राजा फिरौन का अनुग्रह पात्र बन सका। फिरौन ने उसे मिसर का राज्यपाल और अपने घर-बार का अधिकारी नियुक्त किया।


बारह परिवार समूहों को अपनी निजी भूमि दी गई। यूसुफ के पुत्र दो परिवार समूहों—मनश्शे और एप्रैम में बँट गए थे और हर एक परिवार समूह ने कुछ भूमि प्राप्त की। किन्तु लेवी के परिवार समूह के लोगों को कोई भूमि नहीं दी गई। उनकों रहने के लिये कुछ नगर दिए गए थे और ये नगर प्रत्येक परिवार समूह की भूमि में थे। उन्हें जानवरों के लिए खेत भी दिये गये थे।


इस प्रकार मनश्शे और एप्रैम ने अपना प्रदेश पाया। (मनश्शे और एप्रैम यूसुफ के पुत्र थे।)


तब मनश्शे के परिवार समूह को भूमि दी गई। मनश्शे यूसुफ का प्रथम पुत्र था। मनश्शे का प्रथम पुत्र माकीर था जो गिलाद का पिता था। माकीर महान योद्धा था, अतः गिलाद और बाशान माकीर के परिवार को दिये गए।


हन्ना गर्भवती हुई और उसे एक पुत्र हुआ। हन्ना ने उसका नाम शमूएल रखा। उसने कहा, “इसका नाम शमूएल है क्योंकि मैंने इसे यहोवा से माँगा है।”


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