अत: उन अधिकारियों ने यिर्मयाह को लिया और उसे मल्किय्याह के हौज में डाल दिया। (मल्किय्याह राजा का पुत्र था।) वह हौज मन्दिर के आँगन में था जहाँ राजा के रक्षक ठहरते थे। उन अधिकारियों ने यिर्मयाह को हौज में उतारने के लिये रस्सी का उपयोग किया। हौज में पानी बिल्कुल नहीं था, उसमें केवल कीचड़ थी और यिर्मयाह कीचड़ में धंस गया।
वह राजा जो हमारी नाकों के भीतर हमारा प्राण था, गर्त में फँसा लिया गया था; वह राजा ऐसा व्यक्ति था जिसे यहोवा ने स्वयं चुना था। राजा के बारे में हमने कहा था, “उसकी छत्र छाया में हम जीवित रहेंगे, उसकी छाया में हम जातियों के बीच जीवित रहेंगे।”
मुझको मेरे मित्रों ने त्याग दिया है। वे मुझसे बचते फिरते हैं जैसे मैं कोई ऐसा व्यक्ति हूँ जिसको कोई भी छूना नहीं चाहता। घर के ही भीतर बंदी बन गया हूँ। मैं बाहर तो जा ही नहीं सकता।
यूसुफ कुएँ में था, उसके भाई भोजन करने बैठे। तब उन्होंने नज़र उठाई और व्यापारियों का एक दल को देखा जो गिलाद से मिस्र की यात्रा पर थे। उनके ऊँट कई प्रकार के मसाले और धन ले जा रहे थे।
उन्होंने आपस में बात की, “हम लोग दण्डित किए गए हैं। क्योंकि हम लोगों ने अपने छोटे भाई के साथ बुरा किया है। हम लोगों ने उसके कष्टों को देखा जिसमें वह था। उसने अपनी रक्षा के लिए हम लोगों से प्रार्थना की। किन्तु हम लोगों ने उसकी एक न सुनी। इसलिए हम लोग दुःखों में हैं।”