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उत्पत्ति 32:29 - पवित्र बाइबल

29 तब याकूब ने उस से पूछा, “कृपया मुझे अपना नाम बताएं।” किन्तु उस व्यक्ति ने कहा, “तुम मेरा नाम क्यों पूछते हो?” उस समय उस व्यक्ति ने याकूब को आशीर्वाद दिया।

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Hindi Holy Bible

29 याकूब ने कहा, मैं बिनती करता हूं, मुझे अपना नाम बता। उसने कहा, तू मेरा नाम क्यों पूछता है? तब उसने उसको वहीं आशीर्वाद दिया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

29 याकूब ने पूछा, ‘कृपया, मुझे अपना नाम बता।’ उसने कहा, ‘तूने मेरा नाम क्‍यों पूछा?’ तत्‍पश्‍चात् उसने याकूब को आशीर्वाद दिया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

29 याक़ूब ने कहा, “मैं विनती करता हूँ, मुझे अपना नाम बता।” उसने कहा, “तू मेरा नाम क्यों पूछता है?” तब उसने उसको वहीं आशीर्वाद दिया।

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नवीन हिंदी बाइबल

29 याकूब ने उससे कहा, “मेरी विनती सुन, मुझे अपना नाम बता।” परंतु उसने कहा, “तू मेरा नाम क्यों पूछता है?” फिर उसने उसे वहीं आशीर्वाद दिया।

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सरल हिन्दी बाइबल

29 तब याकोब ने उस व्यक्ति से कहा, “कृपया आप मुझे अपना नाम बताइए.” उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “क्या करोगे मेरा नाम जानकर?” और तब उस व्यक्ति ने वहीं याकोब को आशीष दी.

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उत्पत्ति 32:29
18 क्रॉस रेफरेंस  

मैं तुम्हारे नाम को बदल दूँगा। तुम्हारा नाम अब्राम नहीं रहेगा। तुम्हारा नाम इब्राहीम होगा। मैं तुम्हें यह नाम इसलिए दे रहा हूँ कि तुम बहुत से राष्ट्रों के पिता बनोगे।”


परमेश्वर ने याकूब से कहा, “तुम्हारा नाम याकूब है। किन्तु मैं उस नाम को बदलूँगा। अब तुम याकूब नहीं कहलाओगे। तुम्हारा नया नाम इस्राएल होगा।” इसलिए इसके बाद याकूब का नाम इस्राएल हुआ।


जब याकूब पद्दनराम से लौटा तब परमेश्वर फिर उसके सामने प्रकट हुआ। परमेश्वर ने याकूब को आशीर्वाद दिया।


एलिय्याह ने बारह पत्थर प्राप्त किए। हर एक बारह परिवार समूहों के लिये एक पत्थर था। इन बारह परिवारों के नाम याकूब के बारह पुत्रों के नाम पर थे। याकूब वह व्यक्ति था जिसे यहोवा ने इस्राएल नाम दिया था।


आज भी वे लोग वैसे ही रहते हैं जैसे वे भूतकाल में रहते थे। वे यहोवा का सम्मान नहीं करते थे। वे इस्राएलियों के आदेशों और नियमों का पालन नहीं करते थे। वे उन नियमों या आदेशों का पालन नहीं करते थे जिन्हें यहोवा ने याकूब (इस्राएल) की सन्तानों को दिया था।


इब्राहीम इसहाक का पिता था। इसहाक के पुत्र एसाव और इस्राएल थे।


“अय्यूब, क्या तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रहस्यपूर्ण सत्य समझ सकते हो? क्या तुम उसके विवेक की सीमा मर्यादा समझ सकते हो?


स्वर्ग से कोई नहीं आया और वहाँ के रहस्य ला सका पवन को मुट्ठी में कोई नहीं बाँध सका। कोई नहीं बाँध सका पानी को कपड़े में और कोई नहीं जान सका धरती का छोर। और यदि कोई इन बातों को कर सका है, तो मुझसे कहो, उसका नाम और उसके पुत्र का नाम मुझको बता, यदि तू उसको जानता हो।


यह सब कुछ तब घटेगा जब उस विशेष बच्चे का जन्म होगा। परमेश्वर हमें एक पुत्र प्रदान करेगा। यह पुत्र लोगों की अगुवाई के लिये उत्तरदायी होगा। उसका नाम होगा: “अद्भुत, उपदेशक, सामर्थी परमेश्वर, पिता—चिर अमर और शांति का राजकुमार।”


आओ, हम यहोवा के पास लौट आयें। उसने आघात दिये थे वही हमें चंगा करेगा। उसने हमें आघात दिये थे वही उन पर मरहम भी लगायेगा।


जब मूसा कादेश में था, उसने कुछ व्यक्तियों को एदोम के राजा के पास एक संदेश के साथ भेजा। संदेश यह थाः “तुम्हारे भाई इस्राएल के लोग तुमसे यह कहते हैं: तुम जानते हो कि हम लोगों ने कितनी कठिनाइयाँ सही हैं।


तब प्रभु के दूत ने उत्तर देते हुए उससे कहा, “मैं जिब्राईल हूँ। मैं वह हूँ जो परमेश्वर के सामने खड़ा रहता हूँ। मुझे तुझ से बात करने और इस सुसमाचार को बताने को भेजा गया है।


“कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें यहोवा हमारे परमेश्वर ने गुप्त रखा है। उन बातों को केवल वह ही जानता है। किन्तु यहोवा ने हमें अपने नियमों की जानकारी दी है! वह व्यवस्था हमारे लिये और हमारे वंशजों के लिये है। हमें इसका पालन सदैव करना चाहिए!


हमारे पर का पालन करें:

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