5 पवित्र उपासना स्थान में उनकी सेवा-उपासना स्वर्ग के यथार्थ की एक छाया प्रतिकृति है। इसलिए जब मूसा पवित्र तम्बू का निर्माण करने ही वाला था, तभी उसे चेतावनी दे दी गयी थी। “ध्यान रहे कि तू हर वस्तु ठीक उसी प्रतिरूप के अनुसार बनाए जो तुझे पर्वत पर दिखाया गया था।”
5 जो स्वर्ग में की वस्तुओं के प्रतिरूप और प्रतिबिम्ब की सेवा करते हैं, जैसे जब मूसा तम्बू बनाने पर था, तो उसे यह चितावनी मिली, कि देख जो नमूना तुझे पहाड़ पर दिखाया गया था, उसके अनुसार सब कुछ बनाना।
5 यद्यपि वे एक ऐसे आराधना-स्थल में आराधना करते हैं जो स्वर्ग की वास्तविकता की प्रतिकृति और छाया मात्र है। यही कारण है कि जब मूसा शिविर का निर्माण करने वाले थे, तो उन्हें परमेश्वर की ओर से यह आदेश मिला, “देखो, जो नमूना तुम्हें पर्वत पर दिखाया गया, उसी के अनुसार तुम सब कुछ बनाना।”
5 वे स्वर्ग में की वस्तुओं के प्रतिरूप और प्रतिबिम्ब की सेवा करते हैं; जैसे जब मूसा तम्बू बनाने पर था, तो उसे यह चेतावनी मिली, “देख, जो नमूना तुझे पहाड़ पर दिखाया गया था, उसके अनुसार सब कुछ बनाना।”
5 जो स्वर्ग की वस्तुओं के प्रतिरूप और छाया की सेवा करते हैं; जैसे मूसा को, जब वह तंबू बनाने वाला था, परमेश्वर से चेतावनी मिली थी : देख, तू सब कुछ उस नमूने के अनुसार बनाना जो तुझे पहाड़ पर दिखाया गया था।
5 ये वे पुरोहित हैं, जो स्वर्गीय वस्तुओं के प्रतिरूप तथा प्रतिबिंब मात्र की आराधना करते हैं, क्योंकि मोशेह को, जब वह तंबू का निर्माण करने पर थे, परमेश्वर के द्वारा यह चेतावनी दी गई थी: यह ध्यान रखना कि तुम तंबू का निर्माण ठीक-ठीक वैसा ही करो, जैसा तुम्हें पर्वत पर दिखाया गया था,
दाऊद ने मन्दिर के सभी भागों के लिये योजनाएँ बनाईं थीं। दाऊद ने उन योजनाओं को सुलैमान को दिया। दाऊद ने यहोवा के मन्दिर के चारों ओर के आँगन और उसके चारों ओर के कक्षों की योजनाएँ दीं। दाऊद ने मन्दिर के भंडारकक्षकों और उन भंडारकक्षों की योजनाएँ दीं जहाँ वे उन पवित्र चीजों को रखते थे जो मन्दिर में काम आती थीं।
मैं तुम्हें दिखाऊँगा कि पवित्र तम्बू कैसा दिखाई पड़ना चाहिए। मैं तुम्हें दिखाऊँगा कि इसमें सभी चीज़ें कैसी दिखाई देनी चाहिए। जैसा मैंने दिखाया है हर एक चीज़ ठीक वैसे ही बनाओ।
दीपाधार सोने की पट्टियों से बना था। सोने का उपयोग आधार से आरम्भ हुआ था और ऊपर सुनहरे फूलों तक पहुँचा हुआ था। यह सब उसी प्रकार बना था जैसा कि यहोवा ने मूसा को दिखाया था।
“साक्षी का तम्बू भी उस वीराने में हमारे पूर्वजों के साथ था। यह तम्बू उसी नमूने पर बनाया गया था जैसा कि उसने देखा था और जैसा कि मूसा से बात करने वाले ने बनाने को उससे कहा था।
व्यवस्था का विधान तो आने वाली उत्तम बातों की छाया मात्र प्रदान करता है। अपने आप में वे बातें यथार्थ नहीं हैं। इसलिए उन्हीं बलियों के द्वारा जिन्हें निरन्तर प्रति वर्ष अनन्त रूप से दिया जाता रहता है, उपासना के लिए निकट आने वालों को सदा-सदा के लिए सम्पूर्ण सिद्ध नहीं किया जा सकता।
विश्वास के कारण ही नूह को जब उन बातों की चेतावनी दी गयी जो उसने देखी तक नहीं थी तो उसने पवित्र भयपूर्वक अपने परिवार को बचाने के लिए एक नाव का निर्माण किया था। अपने विश्वास से ही उसने इस संसार को दोषपूर्ण माना और उस धार्मिकता का उत्तराधिकारी बना जो विश्वास से आती है।
ध्यान रहे! कि तुम उस बोलने वाले को मत नकारो। यदि वे उसको नकार कर नहीं बच पाये जिसने उन्हें धरती पर चेतावनी दी थी तो यदि हम उससे मुँह मोड़ेंगे जो हमें स्वर्ग से चेतावनी दे रहा है, तो हम तो दण्ड से बिल्कुल भी नहीं बच पायेंगे।
यह आज के युग के लिए एक प्रतीक है जो यह दर्शाता है कि वे भेंटे और बलिदान जिन्हें अर्पित किया जा रहा है, उपासना करने वाले की चेतना को शुद्ध नहीं कर सकतीं।
भविष्य में यदि ऐसा होता है कि तुम्हारे बच्चे कहें कि हम लोग इस्राएल से सम्बन्ध नहीं रखते तो हमारे बच्चे तब कह सकेंगे कि ध्यान दें! ‘हमारे पूर्वजों ने, जो हम लोगों से पहले थे, एक वेदी बनाई थी। यह वेदी ठीक वैसी ही है जैसी पवित्र तम्बू के सामने यहोवा की वेदी है। हम लोग इस वेदी का उपयोग बलि देने के लिये नहीं करते—यह इस बात का संकेत करता है कि हम लोग इस्राएल के एक भाग हैं।’