उसने इसे वैसे ही किया जैसा यहोवा ने मूसा के द्वारा आदेश दिया था। यह संकेत था कि जिससे इस्राएल के लोग याद रख सकें कि केवल हारून के परिवार के व्यक्ति को यहोवा के सामने सुगन्धि भेंट करने का अधिकार है। यदि कोई अन्य व्यक्ति यहोवा के सामने सुगन्धि जलाता है तो वह व्यक्ति कोरह और उसके अनुयायियों की तरह हो जाएगा।
हर याजक एक दिन के बाद दूसरे दिन खड़ा होकर अपने धार्मिक कर्त्तव्यों को पूरा करता है। वह पुनः-पुनः एक जैसी ही बलियाँ चढ़ाता है जो पापों को कभी दूर नहीं कर सकतीं।
हाबिल ने विश्वास के कारण ही परमेश्वर को कैन से उत्तम बलि चढ़ाई थी। विश्वास के कारण ही उसे एक धर्मी पुरुष के रूप में तब सम्मान मिला था जब परमेश्वर ने उसकी भेंटों की प्रशंसा की थी। और विश्वास के कारण ही वह आज भी बोलता है यद्यपि वह मर चुका है।
प्रत्येक महायाजक मनुष्यों में से ही चुना जाता है। और परमात्मा सम्बन्धी विषयों में लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उसकी नियुक्ति की जाती है ताकि वह पापों के लिए भेंट या बलियाँ चढ़ाए।
जिसके लिए दूसरे महायाजकों के समान यह आवश्यक न हो कि वह दिन प्रतिदिन पहले अपने पापों के लिए और फिर लोगों के पापों के लिए बलियाँ चढ़ाए। उसने तो सदा-सदा के लिए उनके पापों के हेतु स्वयं अपने आपको बलिदान कर दिया।
प्रत्येक महायाजक को इसलिए नियुक्त किया जाता है कि वह भेटों और बलिदानों-दोनों को ही अर्पित करे। और इसलिए इस महायाजक के लिए भी यह आवश्यक था कि उसके पास भी चढ़ावे के लिए कुछ हो।
यह आज के युग के लिए एक प्रतीक है जो यह दर्शाता है कि वे भेंटे और बलिदान जिन्हें अर्पित किया जा रहा है, उपासना करने वाले की चेतना को शुद्ध नहीं कर सकतीं।